'मायावती का हर आदेश सिर माथे पर...', उत्तराधिकारी पद गंवाने पर आकाश, एक्शन के 4 कारण भी जानिए
बसपा प्रमुख मायावती के एक कदम ने राजनीति में चर्चाओं का दौर शुरू कर दिया है। जिस अंदाज में और जिस टाइमिंग के तहत आकाश आनंद को नेशनल कॉरडिनेटर के पद से हटाया गया है, कई सवाल खड़े गए हैं। हर कोई जानना चाहता है कि ऐसा क्या हो गया कि मायावती को अपने ही भतीजे के खिलाफ ये एक्शन लेना पड़ा? अब अगर पिछले कुछ महीनों के भाषणों को ध्यान से देखा जाए तो पता चलता है कि आज नहीं तो कल ये कदम आने ही वाला था।
मायावती के एक्शन पर आकाश क्या बोले?
वैसे इस एक्शन के बाद आकाश आनंद का पहला बयान भी सामने आ गया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर ही एक पोस्ट के जरिए कहा है कि मायावती का हर आदेश उन्हें स्वीकार है। आकाश ने लिखा कि आदरणीय बहन जी, आप पूरे बहुजन समाज के लिए एक आदर्श हैं, करोड़ों देशवासी आपको पूजते हैं। आपके संघर्षों की वजह से ही आज हमारे समाज को एक ऐसी राजनैतिक ताक़त मिली है जिसके बूते बहुजन समाज आज सम्मान से जीना सीख पाया है। आप हमारी सर्वमान्य नेता हैं। आपका आदेश सिर माथे पे। भीम मिशन और अपने समाज के लिए मैं अपनी अंतिम साँस तक लड़ता रहूँगा।
मायावती और आकाश की राजनीति अलग
असल में राजनीति में जब से आकाश आनंद सक्रिय हुए हैं, उनकी तरफ से सबसे ज्यादा बीजेपी पर ही हमला किया गया है। उनकी तरफ से लगातार कड़े तेवर दिखाए गए हैं। उनकी तरफ से विवादित बयान भी दिए गए हैं। ये वो अंदाज है जो पिछले कई सालों से बहुजन समाज पार्टी और मायावती का देखने को नहीं मिला है। इसी नए और बदले हुए अंदाज ने मायावती को भी असहज कर दिया था। उसी वजह से अब आकाश आनंद को अपना पद गंवाना पड़ा है।
आकाश के भाषण और 4 कारण
अप्रैल 6 को यूपी के नगीना में आकाश आनंद ने पहली रैली की थी, उसमें उन्होंने योगी सरकार की बुलडोजर कार्रवाई पर तंज कसा था। आकाश ने कहा था कि बीजेपी वालों को बड़ा गर्व होता है कि हमारी बुलडोजर वाली सरकार है। इन मूर्खों को ये नहीं पता कि ये बात तो शर्म करने वाली है, गर्व करने वाली नहीं। इसी कड़ी में 24 अप्रैल को यूपी पर ही बड़ा हमला करते हुए आकाश ने बोला कि उत्तर प्रदेश असल में एक किडनैपिंग कैपिटल बन चुकका है। योगी सरकार कोई बुलडोजर की सरकार नहीं है, असल में ये गद्दारों की सरकार बन चुकी है।
उन्नाव में 28 अप्रैल को भी आकाश आनंद का सीधा निशाना बीजेपी पर ही रहा था। उन्होंने शिक्षा प्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि पिछले दस सालों से शिक्षा सेक्टर को बर्बाद करने का काम बीजेपी सरकार कर रही है। ये कमल का फूल खिला है क्योंकि इसने भारत को कीचड़ बना रखा है। अब समय आ गया है कि इस कमल को जला दिया जाए, उखाड़ दिया जाए और देश को फिर विकास के पथ पर अग्रसर किया जाए। इसके अलावा आकाश ने फ्री राशन स्कीम पर भी तंज कसा था। उन्होंने कहा कि इतनी पढ़ाई करकर मेहनत कर बिखारी बना दिया, बताइए 80 करोड़ जनता को भिखारी और गरीब बना दिया।
वैसे जानकारी के लिए बता दें कि आकाश की तरफ से लगातार ऐसी बयानबाजी की गई। इसी वजह से 28 अप्रैल को सीतापुर में भी आकाश ने विवादित बयान देने का काम किया था। उन्होंने बीजेपी को आतंकवादियों की सरकार बता दिया था। यहां तक कहा गया कि चोरों की पार्टी सत्ता में आ चुकी है। उनके उसी बयान के खिलाफ शिकायत भी दर्ज हुई थी और जमकर बवाल काटा गया। अब ये सारे वो बयान थे जहां पर केंद्र में बीजेपी रही, मोदी सरकार रही। इन्हीं बयानों को आधार बनाकर माना जा रहा है कि मायावती ने आकाश के खिलाफ एक्शन लिया।
मायावती ने क्या कारण बताया था?
बसपा प्रमुख ने एक्स प्लेटफॉर्म पर कहा था कि विदित है कि बीएसपी एक पार्टी के साथ ही बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान तथा सामाजिक परिवर्तन का भी मूवमेन्ट है जिसके लिए मान्य. श्री कांशीराम जी व मैंने खुद भी अपनी पूरी ज़िन्दगी समर्पित की है और इसे गति देने के लिए नई पीढ़ी को भी तैयार किया जा रहा है। मायावती ने आगे लिखा कि इसी क्रम में पार्टी में, अन्य लोगों को आगे बढ़ाने के साथ ही, श्री आकाश आनन्द को नेशनल कोओर्डिनेटर व अपना उत्तराधिकारी घोषित किया, किन्तु पार्टी व मूवमेन्ट के व्यापक हित में पूर्ण परिपक्वता (maturity) आने तक अभी उन्हें इन दोनों अहम जिम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है। जबकि इनके पिता श्री आनन्द कुमार पार्टी व मूवमेन्ट में अपनी जिम्मेदारी पहले की तरह ही निभाते रहेेंगेे। अतः बीएसपी का नेतृत्व पार्टी व मूवमेन्ट के हित में एवं बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के कारवाँ को आगे बढ़ाने में हर प्रकार का त्याग व कुर्बानी देने से पीछे नहीं हटने वाला है।