scorecardresearch
For the best experience, open
https://m.jansatta.com
on your mobile browser.

Jansatta Editorial: पुणे के आरोपी कार चालक को बचाने के लिए विषाक्त खेल खेलना कानून व्यवस्था के लिए घातक

आरोपी नाबालिग को बचाने के लिए कानूनी पक्ष को कमजोर करने से लेकर मामले को दबाने और आरोपी को बचाने के मकसद से हर स्तर पर गड़बड़ी करने की कोशिश की गई।
Written by: जनसत्ता | Edited By: Bishwa Nath Jha
नई दिल्ली | May 29, 2024 09:19 IST
jansatta editorial  पुणे के आरोपी कार चालक को बचाने के लिए  विषाक्त खेल खेलना कानून व्यवस्था के लिए घातक
पुणे पोर्श कार एक्सीडेंट (इमेज- एक्सप्रेस फोटो)
Advertisement

महाराष्ट्र के पुणे में कार की टक्कर से मोटरसाइकिल पर सवार दो लोगों की जान चली जाने के बाद आरोपी चालक को बचाने के लिए जिस स्तर के विषाक्त खेल सामने आए हैं, वे हैरान करने वाले हैं। होना तो यह चाहिए था कि आरोपी को संबंधित कानूनों के तहत कठघरे में खड़ा किया जाता और उचित सजा दी जाती।

मगर अफसोस कि इसमें शुरू से ही कानूनी पक्ष को कमजोर करने से लेकर मामले को दबाने और आरोपी को बचाने के मकसद से हर स्तर पर गड़बड़ी करने की कोशिश की गई। आरोपी के नाबालिग होने के आधार पर अदालत में बिना देर किए उसे यातायात संचालन में सहयोग देने और निबंध लिखने जैसी बेहद हल्की शर्तों के साथ जमानत दे दी गई। कानून में इस तरह जमानत देने का आधार हो सकता है, मगर तथ्य यह भी है कि इस घटना में बिना पंजीकरण और ड्राइविंग लाइसेंस के शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले आरोपी की गैरजिम्मेदारी ने दो लोगों की जान ले ली।

Advertisement

एक गंभीर अपराध करने वाले को बचाने के पीछे इसके सिवा और क्या कारण हो सकता है कि आरोपी रईस परिवार से है और पुलिस ऐसी स्थिति में कई बार परोक्ष प्रभाव में काम करती है। सच यह है कि मामले ने तूल पकड़ा तब कार्रवाई का तरीका बदला। आरोपी की जमानत रद्द हुई और लापरवाही बरतने के आरोप में दो पुलिस अफसरों को निलंबित किया गया।

यह उजागर हुआ कि अस्पताल में आरोपी के खून का जो नमूना लिया गया था, उसे कूड़ेदान में फेंक दिया गया और दूसरे व्यक्ति का खून लेकर फोरेंसिक प्रयोगशाला में भेजा गया। इस आरोप में दो डाक्टरों को गिरफ्तार किया गया है। इस हरकत ने अन्य अपराधों के मामले में भी फोरेंसिक जांच की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं।

Advertisement

इससे पहले आरोपी के दादा को ड्राइवर का अपहरण करने, धमकी देने और अपराध कबूल करने को मजबूर करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इस घटना के बाद जो हुआ, उससे यही जाहिर हुआ है कि समूचा तंत्र किसी रसूखदार आरोपी के बचाव में कितना गैरजिम्मेदार हो सकता है।

Advertisement

Advertisement
Tags :
Advertisement
Jansatta.com पर पढ़े ताज़ा एजुकेशन समाचार (Education News), लेटेस्ट हिंदी समाचार (Hindi News), बॉलीवुड, खेल, क्रिकेट, राजनीति, धर्म और शिक्षा से जुड़ी हर ख़बर। समय पर अपडेट और हिंदी ब्रेकिंग न्यूज़ के लिए जनसत्ता की हिंदी समाचार ऐप डाउनलोड करके अपने समाचार अनुभव को बेहतर बनाएं ।
×
tlbr_img1 Shorts tlbr_img2 खेल tlbr_img3 LIVE TV tlbr_img4 फ़ोटो tlbr_img5 वीडियो