scorecardresearch
For the best experience, open
https://m.jansatta.com
on your mobile browser.

Jansatta Editorial: हमास और इजराइल के बीच जारी जंग की जिम्मेदारी तय कर दोषियों को सजा देने की जरूरत

अंतरराष्ट्रीय आपराधिक अदालत ने सोमवार को युद्ध के दौरान अपराधों के लिए इजराइल और हमास के प्रमुखों पर आरोप लगाते हुए उन्हें मानवता के खिलाफ जघन्य अपराधों को अंजाम देने वाले वैश्विक नेताओं की सूची में डाल दिया।
Written by: जनसत्ता | Edited By: Bishwa Nath Jha
नई दिल्ली | Updated: May 22, 2024 09:07 IST
jansatta editorial  हमास और इजराइल के बीच जारी जंग की जिम्मेदारी तय कर दोषियों को सजा देने की जरूरत
प्रतीकात्मक तस्वीर। फोटो -(इंडियन एक्सप्रेस)।
Advertisement

यह समझना मुश्किल है कि हमास और इजराइल के बीच जारी जंग से अब तक हासिल क्या हुआ है, लेकिन इतना साफ है कि इस त्रासदी में मानवता कराह रही है। कहने को दुनिया के वे देश भी मानवता की दुहाई देते हैं, जिनके हमलों में सैनिकों से ज्यादा निर्दोष आम लोगों की जान चली जाती है। यों तो बहुत कुछ तबाह करने के बाद आखिर किसी बिंदु पर युद्ध खत्म होता है, लेकिन उसके बाद हजारों लोगों की मौत के लिए शायद ही किसी की जिम्मेदारी तय की जाती है।

Advertisement

मगर अंतरराष्ट्रीय आपराधिक अदालत ने सोमवार को युद्ध के दौरान अपराधों के लिए इजराइल और हमास के प्रमुखों पर आरोप लगाते हुए उन्हें मानवता के खिलाफ जघन्य अपराधों को अंजाम देने वाले वैश्विक नेताओं की सूची में डाल दिया। अदालत ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू सहित वहां के दो नेताओं और हमास के तीन नेताओं के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट की भी घोषणा की। मगर इजराइल ने खुद को ‘लोकतांत्रिक’ बताते हुए अदालत के इस रुख को ‘वास्तविकता से कोसों दूर’ बताया और हमास ने खुद को ‘पीड़ित’ कहा और इजराइल की तुलना ‘जल्लाद’ से की है। मगर प्रतीक रूप से भी देखें तो आइसीसी के फैसले की अपनी अहमियत है।

Advertisement

Also Read

Israel Hamas War को बताया जा रहा दूसरा Nakba, सैकड़ों हजारों लोग इस्राइल हवाई हमलों से भागे…

करीब सात महीने पहले इजराइली सीमा में घुस कर हमास का आतंकी हमला निश्चित तौर पर बर्बरता की पराकाष्ठा था। इसके लिए वह दुनिया भर के मानवतावादियों के निशाने पर है। मगर हमास के उस हमले के जवाब में अब तक इजराइल ने जो रुख अख्तियार किया हुआ है, वह अब दुनिया भर के लिए चिंता का सबब बन गया है।

हमास के हमले में करीब बारह सौ आम लोगों की जान चली गई थी, उसके जवाब में इजराइल की सैन्य कार्रवाई में अब तक पैंतीस हजार से ज्यादा आम फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं। उनमें एक बड़ी संख्या बच्चों और महिलाओं की है। इजराइली हमले में अस्पतालों और हमले से बचने की पनाहगाहों को भी नहीं बख्शा गया। इजराइल के हमास पर हमले में कितने आतंकी मारे गए, यह साफ नहीं है, लेकिन इस क्रम में हजारों निर्दोष आम फिलिस्तीनियों को मार डाला गया। सवाल है कि इतने बड़े पैमाने पर चल रहे कत्लेआम की जिम्मेदारी तय कर क्या दोषी को सजा दी जा सकेगी?

Advertisement

Advertisement
Advertisement
Tags :
Advertisement
Jansatta.com पर पढ़े ताज़ा एजुकेशन समाचार (Education News), लेटेस्ट हिंदी समाचार (Hindi News), बॉलीवुड, खेल, क्रिकेट, राजनीति, धर्म और शिक्षा से जुड़ी हर ख़बर। समय पर अपडेट और हिंदी ब्रेकिंग न्यूज़ के लिए जनसत्ता की हिंदी समाचार ऐप डाउनलोड करके अपने समाचार अनुभव को बेहतर बनाएं ।
×
tlbr_img1 Shorts tlbr_img2 खेल tlbr_img3 LIVE TV tlbr_img4 फ़ोटो tlbr_img5 वीडियो