scorecardresearch
For the best experience, open
https://m.jansatta.com
on your mobile browser.

Jansatta Editorial: दिल्ली में कचरे के पहाड़ खड़े होने के बावजूद सरकार समस्या को लेकर गंभीर नहीं

सर्वोच्च न्यायालय ने कचरे के मुद्दे पर दिल्ली नगर निगम, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद और दिल्ली छावनी बोर्ड को नोटिस जारी किया है।
Written by: जनसत्ता | Edited By: Bishwa Nath Jha
नई दिल्ली | April 24, 2024 08:28 IST
jansatta editorial  दिल्ली में कचरे के पहाड़ खड़े होने के बावजूद सरकार समस्या को लेकर गंभीर नहीं
प्रतीकात्मक तस्वीर। फोटो -(इंडियन एक्सप्रेस)।
Advertisement

देश की राजधानी और व्यवस्था के स्तर पर अन्य जगहों के मुकाबले ज्यादा बेहतर होने के दावे के बावजूद अगर दिल्ली में कई जगह कचरे के पहाड़ खड़े दिखते हैं, तो यह अपने आप में एक अफसोसनाक तस्वीर है। विडंबना है कि लंबे समय से इस समस्या के उत्तरोत्तर गंभीर होते जाने और कई बार बड़ा मुद्दा बनने के बाद भी अब तक इसका हल निकालने की कोई गंभीर पहल नहीं दिखती।

Advertisement

यह बेवजह नहीं है कि सर्वोच्च न्यायालय ने इस बात पर हैरानी जताई है कि दिल्ली में हर रोज ग्यारह हजार टन ठोस शहरी अपशिष्ट पैदा होता है, जिसमें से तीन हजार टन कचरे का उचित निपटान नहीं किया जाता। शीर्ष अदालत ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की रिपोर्ट पर कहा कि यह स्तब्ध करने वाली बात है कि ठोस कचरा प्रबंधन नियम, 2016 को लागू हुए आठ साल गुजर चुके हैं, मगर अब तक दिल्ली में इस पर ठीक से अमल नहीं हुआ है। दिल्ली में उपराज्यपाल और सरकार के बीच जिस तरह की खींचतान चलती रहती है, उसमें इसके लिए किसे जिम्मेदार माना जाएगा!

Advertisement

सर्वोच्च न्यायालय ने इस मुद्दे पर दिल्ली नगर निगम, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद और दिल्ली छावनी बोर्ड को नोटिस जारी किया है। क्या इन इकाइयों को अपने दायित्व का अहसास नहीं है? यह समझना मुश्किल नहीं है कि दिल्ली में अगर रोजाना ग्यारह हजार टन अपशिष्ट निकलता है और उसमें से तीन हजार टन कचरे का उचित निपटान नहीं हो पाता, तो आखिर उसका क्या होता है और आसपास के इलाकों की आबोहवा पर उसका क्या असर पड़ता होगा।

गौरतलब है कि दिल्ली में भलस्वा, गाजीपुर और ओखला स्थित कचरा पट्टियों पर जितने बड़े पैमाने पर अपशिष्ट जमा होता गया है, उससे आसपास के इलाकों में कई तरह की समस्याएं पैदा हो गई हैं। सोमवार को गाजीपुर कचरा पट्टी में आग लग गई थी, जिसे बुझाने में अठारह घंटे लग गए। कचरे के निपटान की जिम्मेदारी सरकार के संबंधित नागरिक निकाय की है। मगर सवाल है कि उसकी निगरानी करने और पूरे कचरे के निपटान या प्रबंधन को सुनिश्चित करने का दायित्व किसका है?

Advertisement

Advertisement
Advertisement
Tags :
Advertisement
Jansatta.com पर पढ़े ताज़ा एजुकेशन समाचार (Education News), लेटेस्ट हिंदी समाचार (Hindi News), बॉलीवुड, खेल, क्रिकेट, राजनीति, धर्म और शिक्षा से जुड़ी हर ख़बर। समय पर अपडेट और हिंदी ब्रेकिंग न्यूज़ के लिए जनसत्ता की हिंदी समाचार ऐप डाउनलोड करके अपने समाचार अनुभव को बेहतर बनाएं ।
×
tlbr_img1 Shorts tlbr_img2 खेल tlbr_img3 LIVE TV tlbr_img4 फ़ोटो tlbr_img5 वीडियो