होमताजा खबरराष्ट्रीयमनोरंजन
राज्य | उत्तर प्रदेशउत्तराखंडझारखंडछत्तीसगढ़मध्य प्रदेशमहाराष्ट्रपंजाबनई दिल्लीराजस्थानबिहारहिमाचल प्रदेशहरियाणामणिपुरपश्चिम बंगालत्रिपुरातेलंगानाजम्मू-कश्मीरगुजरातकर्नाटकओडिशाआंध्र प्रदेशतमिलनाडु
वेब स्टोरीवीडियोआस्थालाइफस्टाइलहेल्थटेक्नोलॉजीएजुकेशनपॉडकास्टई-पेपर

Jansatta Editorial: वन्यजीवों के मामले में किसी भी तरह की लापरवाही चिंता का विषय

हवाई जहाजों के लिए पंछी सबसे खतरनाक माने जाते हैं। अगर कोई पंछी किसी विमान के डैनों से टकरा जाए या उसके प्रोपेलर के भीतर चला जाए तो विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने का खतरा रहता है। इसलिए हवाई अड्डों के आसपास पंछियों के आवागमन पर हर समय नजर रखी जाती है।
Written by: जनसत्ता | Edited By: Bishwa Nath Jha
नई दिल्ली | May 23, 2024 08:44 IST
प्रतीकात्मक तस्वीर। फोटो -(सोशल मीडिया)।
Advertisement

मुंबई के एक पक्षी विहार इलाके में कथित रूप से हवाई जहाज की चपेट में आकर चालीस राजहंस यानी फ्लेमिंगो की मौत हो गई। इसे लेकर पक्षी और पर्यावरण प्रेमियों में रोष स्वाभाविक है। मगर यह समझना थोड़ा मुश्किल है कि इतने राजहंस किसी विमान की चपेट में आए कैसे। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि राजहंसों का झुंड मुंबई से गुजरात लौट रहा था और विमान की चपेट में आ गया।

अगर इसमें सच्चाई है, तो यह न केवल उस पक्षी विहार में विचरने वाले राजहंसों के लिए खतरे की बात है, बल्कि उस तरफ से गुजरने वाले विमानों के लिए भी गंभीर खतरा है। आमतौर पर हवाई अड्डों के आसपास के इलाकों में पंछियों की गतिविधियों पर विशेष ध्यान दिया जाता है। हवाई पट्टियों के आसपास पंछियों को भगाने के लिए लगातार पटाखे चलाए जाते हैं।

Advertisement

Also Read

मुंबई में लैंड करते समय फ्लेमिंगो के झुंड से टकराया विमान, 39 पक्षियों की मौत

हवाई जहाजों के लिए पंछी सबसे खतरनाक माने जाते हैं। अगर कोई पंछी किसी विमान के डैनों से टकरा जाए या उसके प्रोपेलर के भीतर चला जाए तो विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने का खतरा रहता है। इसलिए हवाई अड्डों के आसपास पंछियों के आवागमन पर हर समय नजर रखी जाती है।

Advertisement

यों हवाई पट्टी से उठने के बाद विमान कुछ सेकेंड के भीतर ही इतनी ऊंचाई ले लेते हैं, जहां तक पंछियों की उड़ान क्षमता नहीं होती। यही नियम विमान उतरते समय भी लागू होता है। राजहंसों की उड़ान कुछ ऊंची जरूर होती है, मगर इतनी ऊंची नहीं कि वे हवाई उड़ान की परिधि को छू लें। फिर हैरानी की बात है कि मुंबई हवाई यातायात प्रबंधन से जुड़े लोगों को इस बात की आशंका क्यों नहीं थी कि उस इलाके में उड़ते हुए राजहंसों का झुंड पहुंच सकता है।

गनीमत है, कोई हादसा नहीं हुआ। मगर इस मामले में दूसरी आशंकाओं को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि पक्षी विहार के प्रबंधन में ही कोई खामी हो या पक्षी किसी बीमारी की चपेट में न आ गए हों। हालांकि अभी पक्षियों के शव परीक्षण के बाद ही हकीकत पता चल सकेगी। मगर इस तरह वन्यजीवों के मामले में किसी भी तरह की लापरवाही चिंता का विषय है।

Advertisement
Tags :
Jansatta Editorialjansatta epaper
विजुअल स्टोरीज
Advertisement
Jansatta.com पर पढ़े ताज़ा एजुकेशन समाचार (Education News), लेटेस्ट हिंदी समाचार (Hindi News), बॉलीवुड, खेल, क्रिकेट, राजनीति, धर्म और शिक्षा से जुड़ी हर ख़बर। समय पर अपडेट और हिंदी ब्रेकिंग न्यूज़ के लिए जनसत्ता की हिंदी समाचार ऐप डाउनलोड करके अपने समाचार अनुभव को बेहतर बनाएं ।
Advertisement