Chhattisgarh Coal Scam: 2 से 3 करोड़ की रोजाना वसूली होती थी, अफसर और नेताओं की थी मिलीभगत- ED का दावा
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ के आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। ईडी ने समीर बिश्नोई के साथ दो अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया था। यह गिरफ्तारी कोल स्कैम को लेकर हुई थी। वहीं अब ईडी का दावा है कि कोयला घोटाले से जुड़े लोग प्रतिदिन दो से तीन करोड़ रुपए की कमाई अवैध तरीके से कर रहे थे।
प्रवर्तन निदेशालय ने आईएएस अधिकारी समीर बिश्नोई के साथ इंद्रमणि ग्रुप के लक्ष्मीकांत तिवारी और सुनील कुमार अग्रवाल को गिरफ्तार किया है। ईडी ने बताया है कि रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू और घोटाले के सरगना सूर्यकांत तिवारी लापता हैं।
ईडी द्वारा शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा गया, "तलाशी व जांच के दौरान लक्ष्मीकांत तिवारी के पास से डेढ़ करोड़ की नकदी बरामद हुई और उसने स्वीकार किया कि वह रोजाना वसूली से एक से दो करोड़ रुपए का कारोबार करता था। इस रैकेट में कोयले के बड़े कारोबारी सुनील कुमार अग्रवाल, सूर्यकांत तिवारी का बिजनेस पार्टनर है। समीर बिश्नोई और उनकी पत्नी के पास से 47 लाख रुपए की बेहिसाब नगदी और सोने के आभूषण (करीब चार किलो) पाए गए।"
ईडी के मुताबिक आरोपी एक घोटाले का हिस्सा हैं, जिसमें कथित तौर पर 25 रुपए प्रति टन की अवैध वसूली की जा रही थी। ईडी ने आरोप लगाते हुए कहा कि अवैध वसूली का इस्तेमाल बेनामी संपत्ति में निवेश करने, वरिष्ठ अधिकारियों को प्रभावित करने और रिश्वत देने के लिए और राजनीति से जुड़े लोगों को अपनी ओर करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था।
ईडी ने आयकर विभाग द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी। एजेंसी ने मामले में अपनी तलाशी में 4.5 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी, सोने के आभूषण और करीब दो करोड़ रुपये मूल्य के अन्य कीमती सामान जब्त किए हैं।
बुधवार को छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने राज्य में कई स्थानों पर ईडी की छापेमारी को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा था कि जांच एजेंसियों का राजनीतिक लाभ के लिए दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए। रायपुर में पत्रकारों से बात करते हुए भूपेश बघेल ने पूछा कि एजेंसी ने कार्रवाई के दौरान की गई वसूली के ब्योरे का खुलासा क्यों नहीं किया?