ग्यारह साल पहले कही बात पर फंसे सुब्रमण्यम स्वामी, चलेगा सिंगापुर की अदालत में केस, मद्रास HC के फैसले से बनी राह
भारत के पूर्व कानून मंत्री और बीजेपी के पूर्व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की मुश्किलों में इजाफा होता दिख रहा है। मद्रास हाईकोर्ट ने अपने अहम फैसले में एक विदेशी ट्रेडिंग कंपनी को इस बात की इजाजत दे दी है, जिसमें वो सिंगापुर हाईकोर्ट में स्वामी के खिलाफ मानहानि का केस दायर कर सकती है। स्वामी अभी तक अपने तेवरों से कईयों के खिलाफ दिक्कत खड़ी कर चुके हैं। इनमें गांधी परिवार के साथ खुद पीएम मोदी भी शामिल हैं। लेकिन ये पहली बार है जब वो खुद फंसते दिख रहे हैं। फिलहाल दिग्गज वकील के खिलाफ सिंगापुर की कोर्ट में केस चलने वाला है।
मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस एसएस सुंदर और जस्टिस पी बालाजी की बेंच ने अपने ही फैसले को खारिज कर स्वामी की मुश्किल बढ़ाई। दरअसल 2014 में सिंगल जज की बेंच ने बीजेपी नेता के खिलाफ मानहानि का केस चलाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। डबल बेंच ने अपने फैसले में कहा कि मद्रास हाईकोर्ट को विदेशी फर्म के खिलाफ Anti-Suit Injunction देने का अधिकार नहीं है।
Anti-Suit Injunction का इस्तेमाल कर दी थी स्वामी को राहत
Anti-Suit Injunction एक पक्ष के खिलाफ व्यक्तिगत रूप से कानूनी कार्रवाई शुरू करने या पहले से ही शुरू की जा चुकी कार्यवाही को रोकने का आदेश होता है। यह निषेधाज्ञा स्थानीय और विदेशी दोनों अदालतों में कार्यवाही को लेकर दी जा सकती है। सिंगल बेंच ने इसके तहत ही सुब्रमण्यम स्वामी को राहत दी थी। पहले ये राहत टेंपरेरी दी गई थी। लेकिन बाद में मद्रास हाईकोर्ट की उसी बेंच ने 2014 में ही अपने आदेश को परमानेंट की शक्ल दे दी थी। उस फैसले के बाद विदेशी कंपनी पर सुब्रमण्यम स्वामी के खिलाफ सिंगापुर की अदालत में मामला दायर करने पर बंदिश लग गई थी।
2014 में सिंगल जज की बेंच ने कहा था- कंपनी दायर नहीं कर सकती सिंगापुर में केस
सिंगल जज की बेंच ने इस बात को आधार बनाया था कि स्वामी के खिलाफ अपील दायर करने वाली कंपनी विदेशी ट्रेडिंग कंपनी एडवांटेज स्ट्रेटेजिक कंसल्टिंग की सहयोगी कंपनी है और उसका बेस चेन्नई में है। लिहाजा मद्रास हाईकोर्ट को इस मामले में एडवांटेज स्ट्रेटेजिक पर बंदिश लगाने का अधिकार मिल जाता है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला देकर डबल बेंच ने बढ़ाईं स्वामी की मुश्किलें
विदेशी ट्रेडिंग कंपनी एडवांटेज स्ट्रेटेजिक कंसल्टिंग ने 2014 के फैसले को डबल बेंच में चुनौती दी। बेंच ने अपने फैसले में अपने ही जस्टिस के आदेश को खारिज करते हुए कहा कि एक विदेशी फर्म पर इस तरह की बंदिशें लगाने का अधिकार उनके पास नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए डबल बेंच ने कहा कि टॉप कोर्ट ने हमेशा माना है कि किसी विदेशी कंपनी की सहयोगी कंपनी को उसका ही हिस्सा माना जाए।
2021 में दिल्ली में मीडिया के सामने एडवांटेज स्ट्रेटेजिक पर लगाए थे आरोप
मामले के मुताबिक 2012 में सुब्रमण्यम स्वामी ने दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेंस करते हुए एडवांटेज स्ट्रेटेजिक पर एयरसेल मेक्सिस स्कैम में शामिल होने का आरोप लगाया था। कंपनी के मुताबिक स्वामी के आरोपों से उसे काफी नुकसान हुआ। स्वामी ने जो कुछ कहा था वो बगैर तथ्यों के था। उसे जो नुकसान हुआ उसकी भरपाई के लिए वो सिंगापुर के हाईकोर्ट में मानहानि का केस दायर करना चाहती है। सुनवाई में बीजेपी नेता भी मौजूद रहे।