होमताजा खबरराष्ट्रीयमनोरंजन
राज्य | उत्तर प्रदेशउत्तराखंडझारखंडछत्तीसगढ़मध्य प्रदेशमहाराष्ट्रपंजाबनई दिल्लीराजस्थानबिहारहिमाचल प्रदेशहरियाणामणिपुरपश्चिम बंगालत्रिपुरातेलंगानाजम्मू-कश्मीरगुजरातकर्नाटकओडिशाआंध्र प्रदेशतमिलनाडु
वेब स्टोरीवीडियोआस्थालाइफस्टाइलहेल्थटेक्नोलॉजीएजुकेशनपॉडकास्टई-पेपर

Tax Saving: एक भी पैसा निवेश किए बिना बचा सकते हैं टैक्स, ये 6 तरीके आएंगे काम

Tax Saving: आयकर कानून में कई ऐसे प्रावधान हैं जो बिना किसी टैक्स सेविंग स्कीम में निवेश के टैक्स बचाने में मदद करते हैं। उनमें से कुछ प्रावधानों के बारे में यहां बताया गया है।
Written by: Mithilesh Kumar
Updated: June 28, 2024 16:17 IST
आयकर कानून की धारा 80C के तहत बच्चों की पढ़ाई के लिए दिए गए फीस पर टैक्स में छूट का मिलता है। (Image: Freepik)
Advertisement

टैक्स बचाने के लिए लाइफ इंश्योरेंस, एनपीएस (NPS), पीपीएफ (PPF), ईएलएसएस (ELSS), सुकन्या समृद्धि योजना (SSY), एनएससी (NSC) जैसे तमाम विकल्प मौजूद हैं। इन टैक्स सेविंग स्कीम में निवेश पर पैसे बचाने में मदद मिलती है। ज्यादातर करदाता टैक्स सेविंग के इन लोकप्रिय विकल्पों के बारे में जानते और समझते हैं। लेकिन इन सब के इतर टैक्स बचाने के और भी कई तरीके हैं, जिनके बारे में लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं रहती है। आयकर कानून में कई ऐसे प्रावधान हैं जो बिना किसी टैक्स सेविंग स्कीम में निवेश के टैक्स बचाने में मदद करते हैं। उन प्रावधानों के बारे में हम आपको यहां बता रहे हैं. इन्हें समझकर आप टैक्स में छूट का लाभ उठा सकते हैं। 

बच्चों की ट्यूशन फीस

आप अपने बच्चों की स्कूल फीस पर आयकर कानून की धारा 80C के तहत टैक्स में छूट का लाभा उठा सकते हैं। इसके तहत बच्चों की पढ़ाई के लिए किसी भी यूनिवर्सिटी, कॉलेज, स्कूल या अन्य शैक्षणिक संस्थान में जमा किए गए ट्यूशन फीस पर 1.50 लाख रुपये तक डिडक्शन का लाभ मिलता है। यह डिडक्शन अधिकतम दो बच्चों की फुल टाइम एडुकेशन के लिए मिलता है। आयकर विभाग की ओर से बताया गया है कि फुल टाइम एडुकेशन में प्ले-स्कूल एक्टिविटीज, प्री-नर्सरी और नर्सरी कक्षाएं शामिल हैं। हालांकि डेवलपमेंट फीस, डोनेशन जैसे खर्चों के लिए किए गए भुगतान इस डिडक्शन का लाभ नहीं मिलता है। बता दें कि आयकर कानून की धारा 80C के तहत एक वित्त वर्ष में अधिकतम 1.50 लाख रुपये तक डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है। इस प्रावधान का लाभ ओल्ड टैक्स रिजीम चुनने वाले करदाता उठा सकते हैं। जो लोग नई टैक्स रिजीम चुनते हैं वे धारा 80C का लाभ उठाने के पात्र नहीं हैं।

Advertisement

धारा 80C के अलावा आयकर कानून में कई और इस तरह के प्रावधान हैं जिनके तहत अन्य खर्चों पर करदाताओं को टैक्स बचाने में मदद मिलती हैं। जिनके बारे में आगे बताया गया है।

Also read : Income Tax saving: ऐसे भी मिल सकती है इनकम टैक्स में छूट! कम लोगों को है पता, आप उठा सकते हैं फायदा

Advertisement

डोनेशन

सामाजिक संगठनों को दान देना समाज में योगदान देने और जरूरतमंदों की मदद करने का एक सामान्य तरीका है। आयकर कानून की धारा 80G के तहत स्वीकृत संगठनों को किए गए दान पर टैक्स डिडक्शन का दावा कर सकते हैं। कटौती दान की 50% या 100% हो सकती है, जो लागू शर्तों पर निर्भर करती है। कटौती का दावा करने के लिए आईटीआर दाखिल करते समय प्राप्तकर्ता का नाम, पैन, पता और दान की रकम जैसी जानकारी देनी होगी।

होम लोन और लोन अमाउंट

आयकर कानून की धारा 24(b) के तहत होम लोन के लिए जमा किए गए ब्याज पर डिडक्शन क्लेम किए जा सकते हैं। खुद के मालिकाना हक वाली संपत्ति पर हर वित्त वर्ष में अधिकतम 2 लाख रुपये तक डिडक्शन क्लेम कर सकते है। वहीं लोन अमाउंट के लिए चुकायी गई रकम पर भी धारा 80C के तहत डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है। इस लाभ को टैक्सपेयर्स सिर्फ ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत सेल्फ आक्युपाइड प्रापर्टी के लिए हासिल कर सकते हैं।

Also read : Income Tax : जीरो आयकर रिटर्न का क्या है मतलब? किनके लिए जरूरी है ऐसा ITR फाइल करना, क्या हैं इसके 8 फायदे

एजुकेशन लोन पर ब्याज

धारा 80E के तहत खुद या अपने करीबियों की हायर एजुकेशन के लिए लिये गए लोन पर जमा किए गए ब्याज पर डिडक्शन क्लेन किया जा सकता हैं। यह डिडक्शन आयकर कानून की धारा 80E में लागू नियमों के अधीन है। यह कटौती बिना किसी सीमा के 8 साल की अवधि के लिए हासिल की जा सकती है, जिसकी शुरुआत उस वर्ष से होती है जब व्यक्ति लोन चुकाना शुरू करता है और अगले 7 सालों तक या तब तक जब तक लोन का ब्याज पूरी तरह से चुकता नहीं हो जाता, जो भी पहले हो।

मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम

आयकर कानून की धारा 80D के तहत खुद और परिवार के  मेडिकल इंश्योरेंस के लिए जमा किए गए प्रीमियम पर टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। डिडक्शन की अधिकतम सीमा बीमित लोगों की आयु और पॉलिसी के प्रकार के आधार पर अलग-अलग होती है। एक शख्स खुद और अपने परिवार (जिनमें से कोई भी सीनियर सिटिजन नहीं है) के लिए किए गए मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम पर हर साल 25,000 रुपये तक डिडक्शन क्लेम कर सकता है। वहीं परिवार में सीनियर सिटिजन के शामिल होने पर अधिकतम 50,000 रुपये तक डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है।

Also read : Tax Savings: आपके माता-पिता भी टैक्‍स बचाने में कर सकते हैं मदद, आखिर कैसे? क्‍या जानते हैं आप

किराया भुगतान यानी रेंट पेमेंट

वह व्यक्ति जो घर का मालिक नहीं है लेकिन किराए के आवास में रहता है, वह आयकर अधिनियम की धारा 10 के तहत भुगतान किए गए किराए के लिए कटौती का दावा कर सकता है। अधिकतम कटौती की सीमा व्यक्ति के सैलरी और निवास शहर के आधार पर तय होती है।

आयकर कानून में शामिल इन प्रावधानों के कुछ उदाहरण यहां दिए गए हैं जो लोगों को बिना किसी निवेश के टैक्स बचाने में मदद कर सकते हैं। खुद पर लागू होने वाले आयकर प्रावधानों को विस्तार से समझने के लिए करदाताओं को टैक्स एक्सपर्ट या वित्तीय सलाहकार से संपर्क करने की नसीहत दी जाती है.

Advertisement
Tags :
tax saving schemes
विजुअल स्टोरीज
Advertisement
Jansatta.com पर पढ़े ताज़ा एजुकेशन समाचार (Education News), लेटेस्ट हिंदी समाचार (Hindi News), बॉलीवुड, खेल, क्रिकेट, राजनीति, धर्म और शिक्षा से जुड़ी हर ख़बर। समय पर अपडेट और हिंदी ब्रेकिंग न्यूज़ के लिए जनसत्ता की हिंदी समाचार ऐप डाउनलोड करके अपने समाचार अनुभव को बेहतर बनाएं ।
Advertisement