scorecardresearch
For the best experience, open
https://m.jansatta.com
on your mobile browser.

RBI Repo Rate: चुनाव के बाद भी EMI में कोई राहत नहीं, आरबीआई ने लगातार 8वीं बार रेपो रेट में नहीं किया बदलाव

RBI MPC Meeting June 2024: भारतीय रिजर्व बैंक ने लगातार आठवीं बार रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखा।
Written by: बिजनेस डेस्क | Edited By: Naina Gupta
Updated: June 07, 2024 11:26 IST
rbi repo rate  चुनाव के बाद भी emi में कोई राहत नहीं  आरबीआई ने लगातार 8वीं बार रेपो रेट में नहीं किया बदलाव
RBI MPC Meeting 2024: आरबीआई ने लगातार आठवीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है।
Advertisement

RBI Monetary Policy Meeting June 2024: भारतीय रिजर्व बैंक ने लगातार आठवीं बार रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखा। आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए कहा कि हम ‘ग्लोबल साउथ’ में भारतीय रिजर्व बैंक को मॉडल केंद्रीय बैंक बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।

Advertisement

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति ने उदार रुख को वापस लेने के रुख पर कायम रहने का निर्णय किया है। मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर दास ने कहा कि मुद्रास्फीति वृद्धि संतुलन अनुकूल रूप से आगे बढ़ रहा है।

Advertisement

कैराना से सांसद बनीं 29 साल की इकरा हसन कौन हैं? लंदन रिटर्न लड़की ने लिया मां की हार का बदला, राजनीति से गहरा नाता, जानें धन-दौलत

केंद्रीय बैंक ने खाद्य मुद्रास्फीति के ऊंचे स्तर पर चिंता जताई। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। उन्होंने आगे कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य रहने से खरीफ उत्पादन बढ़ेगा। इससे जलाशयों में पानी का स्तर भी बढ़ेगा। आरबीआई मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत पर रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

आरबीआई ने वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति 4.9 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 3.8 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। सामान्य मानसून को देखते हुए चालू वित्त वर्ष 2024-25 में दोनों तरफ घट-बढ़ के साथ मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।

Advertisement

आरबीआई गवर्नर दास ने कहा,'खाद्य मुद्रास्फीति पर नजदीकी नजर रखने की जरूरत है। अगर चालू वित्त वर्ष में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जाती है तो यह लगातार चौथा साल होगा जब वृद्धि दर सात प्रतिशत से अधिक होगी। वित्त वर्ष 2023-24 के वित्तीय नतीजों से पता चलता है कि बैंकिंग प्रणाली मजबूत और जुझारू बनी हुई है। वित्त वर्ष 2023-24 के वित्तीय नतीजों से पता चलता है कि बैंकिंग प्रणाली मजबूत और जुझारू बनी हुई है। ग्राहकों का संरक्षण आरबीआई की सर्वोच्च प्राथमिकता है। केंद्रीय बैंक बिना गारंटी वाले कर्ज और अग्रिम को कम करने के लिए और कदम उठाएगा। आपातकालीन जोखिम बफर में 0.5 प्रतिशत की वृद्धि से आरबीआई का बही-खाता और मजबूत होगा।'

Advertisement

शक्तिकांत दास ने आगे कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर धन प्रेषण में 15.2 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ इस मामले में सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता देश बना हुआ है।

इसके अलावा आरबीआई ने बैंकों में थोक जमा की सीमा दो करोड़ रुपये से बढ़ाकर तीन करोड़ रुपये की। आरबीआई ने वस्तुओं व सेवाओं के निर्यात-आयात से संबंधित विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के दिशानिर्देशों को युक्तिसंगत बनाने का प्रस्ताव रखा।

Advertisement
Tags :
Advertisement
Jansatta.com पर पढ़े ताज़ा एजुकेशन समाचार (Education News), लेटेस्ट हिंदी समाचार (Hindi News), बॉलीवुड, खेल, क्रिकेट, राजनीति, धर्म और शिक्षा से जुड़ी हर ख़बर। समय पर अपडेट और हिंदी ब्रेकिंग न्यूज़ के लिए जनसत्ता की हिंदी समाचार ऐप डाउनलोड करके अपने समाचार अनुभव को बेहतर बनाएं ।
×
tlbr_img1 Shorts tlbr_img2 खेल tlbr_img3 LIVE TV tlbr_img4 फ़ोटो tlbr_img5 वीडियो