1 साल में 62 से 74% रिटर्न देने वाली म्यूचुअल फंड स्कीम, फर्स्ट टाइम इन्वेस्टर्स के लिए क्यों है निवेश का सुरक्षित विकल्प?
Mutual Fund Market : इक्विटी मार्केट निवेश का ऐसा विकल्प है, जहां सही विकल्प की पहचान हो जाए तो कम समय में हाई रिटर्न हासिल करने से कोई नहीं रोक सकता। लेकिन निवेशक में कनफ्यूजन की एक वजह होती है, बाजार में होने वाला उतार चढ़ाव, जिससे उनका निवेश रिस्क के दायरे में आ जाता है। आप युवा हैं और ज्यादा रिस्क लेने की क्षमता रखते हैं तो तब तो सीधे स्टॉक मार्केट में पैसा लगाना ठीक है। लेकिन अगर ज्यादा रिस्क लेने को तैयार नहीं हैं, फिर भी हाई रिटर्न चाहते हैं तो म्यूचुअल फंड में निवेश बेहतर विकल्प है। इसमें एकमुश्त या सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए निवेश किया जा सकता है।
PPF: हर साल 1.50 लाख रुपये जमा करने को हैं तैयार, 15 साल की मैच्योरिटी पर कितना मिलेगा ब्याज और फंड
स्टॉक मार्केट की तुलना में सुरक्षित हैं म्यूचुअल फंड
म्यूचुअल फंड में निवेश, सीधे स्टॉक मार्केट में निवेश की तुलना में एक सुरक्षित विकल्प हो सकता है। इक्विटी म्यूचुअल फंड में भी स्टॉक मार्केट की तरह ही अलग-अलग कैटेगरी होती हैं। इनमें भी लार्जकैप फंड, मिडकैप फंड या स्मॉलकैप फंड फंड के अलावा कई कैटेगरी में निवेश का विकल्प मिलता है। जो निवेशक सीधे स्टॉक मार्केट में निवेश का रिस्क नहीं लेना चाहते हैं, लेकिन ज्यादा रिटर्न की इच्छा रखते हैं, उनके लिए म्यूचुअल फंड बेहतर है।
कुछ म्यूचुअल फंड स्कीम तो स्टॉक मार्केट की तरह ही रिटर्न दे रही हैं, जिससे निवेशकों के बीच पॉपुलैरिटी भी बढ़ रही है। किसी म्यूचुअल फंड स्कीम में अलग अलग सेक्टर की अलग अलग कंपनियों के स्टॉक शामिल होते हैं। किस स्टॉक को फंड पोर्टफोलियो में रखना है, यह कुशल फंड मैनेजर द्वारा रिसर्च के बाद तय किया जाता है. इससे पोर्टफोलियो डायवर्सिफाइड हो जाता है। जिससे बाजार के उतार चढ़ाव के दौरान पोर्टफोलियो को सुरक्षा मिलती है।
1 साल में बेस्ट रिटर्न देने वाले 15 फंड
क्वांट मिडकैप फंड : 74.21%
ITI मिडकैप फंड : 71.65%
बंधन स्मॉलकैप फंड : 71.62%
क्वांट लार्ज एंड मिडकैप फंड : 69.28%
ITI स्मॉलकैप फंड : 69%
UTI निफ्टी 200 मोमेंटम 30 इंडेक्स : 68%
बैंक ऑफ इंडिया फ्लेक्सी कैप : 68%
इन्वेस्को इंडिया फोकस्ड फंड : 67%
जेएम फ्लेक्सी कैप फंड : 66%
ICICI प्रू भारत 22 FOF : 66%
HSBC मिडकैप फंड : 64%
महिंद्रा मैन्युलाइफ मिडकैप फंड : 63%
SBI निफ्टी नेक्स्ट 50 इंडेक्स : 63%
UTI निफ्टी नेक्स्ट 50 इंडेक्स : 62.50%
ICICI प्रू मिडकैप फंड : 62%
(सोर्स : वैल्यू रिसर्च)
नए निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प
अगर आप पहली बार निवेश करने जा रहे हैं और बाजार के रिस्क और रिटर्न के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, तो सीधे स्टॉक में पैसे लगाने की बजाए म्यूचुअल फंड बेहतर विकल्प साबित हो सकते हैं। म्यूचुअल फंड में SIP के जरिए एक तय रकम हर महीने निवेश करने का भी विकल्प है। इससे आपका पूरा पैसा एक साथ ब्लॉक नहीं होगा। इसमें कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है, लंबी अवधि के कई लक्ष्य इससे हासिल हो सकते हैं।
ओल्ड बना गोल्ड : 5000 रुपये की SIP से मिले 5 करोड़, 31 साल पुरानी टाटा ग्रुप स्कीम का कमाल
लंबी अवधि के निवेश को बढ़ावा
म्यूचुअल फंड में किया गया निवेश लंबी अवधि के निवेश को बढ़ावा देता है। फाइनेंशियल एडवाइजर एसआईपी को कम से कम 5 से 7 साल चलाने की सलाह देते हैं। वहीं अगर आपका लक्ष्य बड़ा है और इसके लिए समय है तो आप एसआईपी 10 से 15 साल भी जारी रख सकते हैं। वहीं इसमें आपका पोर्टफोलयो की देखभाल फंड मैनेजर करता है, इसलिए स्टॉक मार्केट की तरह बार बार आपको अपना पोर्टफोलियो नहीं चेक करना पड़ता है.
डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो
म्यूचुअल फंड के कुछ सेगमेंट में निवेशकों का पैसा अलग अलग एसेट क्लास मसलन इक्विटी, डेट, गोल्ड में लगाया जाता है, जिससे पोर्टफोलियो खुद ही डाइवर्सिफाइड हो जाता है.
इक्विटी फंड पर टैक्स
म्यूचुअल फंड में निवेश पर मिलने वाला रिटर्न टैक्स के दायरे में आता है. निवेशकों को 15 फीसदी की दर से शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स (STCG) और 10 फीसदी की दर से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) देना पड़ता है.
(source : value research, Amfi)