होमताजा खबरराष्ट्रीयमनोरंजन
राज्य | उत्तर प्रदेशउत्तराखंडझारखंडछत्तीसगढ़मध्य प्रदेशमहाराष्ट्रपंजाबनई दिल्लीराजस्थानबिहारहिमाचल प्रदेशहरियाणामणिपुरपश्चिम बंगालत्रिपुरातेलंगानाजम्मू-कश्मीरगुजरातकर्नाटकओडिशाआंध्र प्रदेशतमिलनाडु
वेब स्टोरीवीडियोआस्थालाइफस्टाइलहेल्थटेक्नोलॉजीएजुकेशनपॉडकास्टई-पेपर

Budget 2024: यूनियन बजट में सस्ती हो सकती हैं दवाइयां! क्या वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देंगी आम आदमी को राहत?

Budget 2024: क्या आम आदमी को मिलेगी बजट 2024 में राहत? क्या दवाइयों के दाम होंगे कम?
Written by: Naina Gupta
July 02, 2024 15:58 IST
Budget 2024: बजट 2024 में क्या दवाइयां सस्ती होंगी?
Advertisement

Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जल्द मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट पेश करेंगी। हमारे सहयोगी फाइनेंशियल एक्सप्रेस ने हाल ही में सूत्रों के हवाले से खबर दी थी कि वित्त मंत्री 23 या 24 जुलाई 2024 को संसद के पटल पर यूनियन बजट 2024 (Union Budget 2024) पेश कर सकती हैं।

आम बजट 2024 से पहले हेल्थकेयर इंडस्ट्री लीडर्स को नीतियों में सुधार की उम्मीद है। इसके अलावा, हेल्थ इंडस्ट्री कई बड़ी स्कीमों के ऐलान और दवाओं के सस्ते होने की उम्मीद भी कर रही है।

Advertisement

7th pay commission DA Hike: सरकारी कर्मचारियों को मिलेगी गुड न्यूज! 18 महीने का डीए एरियर हो सकता है रिलीज, क्या बढ़ेगी सैलरी और DA?

गौर करने वाली बात है कि दवाइयों के दाम लगाातर बढ़ने से आम लोगों पर महंगाई की मार पड़ी है। ऐसे में सवाल है कि क्या वित्त मंत्री आम बजट 2024 में दवाइयों के दामों में कटौती का ऐलान करेंगी? वित्त मंत्री ने इसी साल 1 फरवरी 2024 को अंतरिम बजट पेश किया था। अब जुलाई में संसद के मॉनसून सत्र में नया पूर्ण बजट पेश किया जाएगा।

Advertisement

Poly Scientific Ayurveda (PSA) के डॉक्टर रविशंकर पॉलिशेट्टी का कहना है, 'इस साल की शुरुआत में आए अंतरिम बजट में 2024-25 के लिए हेल्थ सेक्टर को 90,171 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। अब जबकि वित्त मंत्री पूर्ण बजट के लिए तैयारी कर रही हैं, मुझे उम्मीद है कि सरकार हेल्थकेयर सेक्टर को बेहतर करने और सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का कम से कम 3 प्रतिशत अलग रखेगी। इस कुल एलोकेशन में से कम से कम एक प्रतिशत विशेष तौर पर आयुर्वेद जैसे वैकल्पिक चिकित्सा ऑप्शन में रिसर्च करने के लिए अलग रखा जाना चाहिए। सरकार को ऐसे ग्रांट्स क्रिएट करने पर भी ध्यान देना चाहिए जो आयुर्वेदिक अनुसंधान की जरूरतों के अनुरूप हों। ICMR जैसे संगठनों की विशेषज्ञता का फायदा उठाते हुए यह सुनिश्चित करें कि ग्रांट की देखरेख करने वालों को अनुसंधान की जरूरतों की जरूरी समझ हो।'

उनके अनुसार, एलोपैथी के साथ पारंपरिक तरीकों के इस एकीकरण ने विभिन्न प्रकार की बीमारियों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार दिखाया है, जिसे अगर बढ़ाया जाए, तो सभी के लिए स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने के उद्देश्य से सरकारी स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रमों की पहुंच बढ़ सकती है। “स्वास्थ्य रणनीतियों में यहां तक ​​कि आखिरी स्टेज के कैंसर, हृदय और किडनी, लिवर रोगों और अन्य स्थितियों में भी पीएसए का यह एकीकरण जीवन की गुणवत्ता को बढ़ा सकता है'।

Advertisement
Tags :
BudgetBudget 2024fm nirmala sitharamannirmala sitaramanNirmala Sitharamannirmala sitharman budget
विजुअल स्टोरीज
Advertisement
Jansatta.com पर पढ़े ताज़ा एजुकेशन समाचार (Education News), लेटेस्ट हिंदी समाचार (Hindi News), बॉलीवुड, खेल, क्रिकेट, राजनीति, धर्म और शिक्षा से जुड़ी हर ख़बर। समय पर अपडेट और हिंदी ब्रेकिंग न्यूज़ के लिए जनसत्ता की हिंदी समाचार ऐप डाउनलोड करके अपने समाचार अनुभव को बेहतर बनाएं ।
Advertisement