अब बिहार के मोतिहारी में गिरा निर्माणाधीन पुल, सप्ताह भर में तीसरी बार हुआ हादसा
बिहार में पुलों के गिरने की घटना आम बात होती जा रही है। एक के बाद एक पुलों के गिरने से इसको बनाने वालों की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं। शनिवार की रात मोतिहारी जिले के घोड़ासहन प्रखंड के अमवा से चैनपुर स्टेशन की ओर जाने वाली सड़क पर बनाया जा रहा करीब 45 फीट लंबा पुल गिर गया। एक हफ्ते के अंदर यह तीसरा पुल है जो गिर गया। इससे पहले अररिया और सिवान में निर्माणाधीन पुल गिर चुका है। इस पुल का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत कराया जा रहा था।
ढलाई होने के कुछ देर बाद ही ढह गया पुल
इसकी कुल लागत एक करोड़ 59 लाख 25 हजार 602 रुपए की है। शनिवार को इसकी ढलाई होने के कुछ देर बाद रात में यह गिर गया। हालांकि पुल निर्माण के लिए जिम्मेदार अफसर इसे अपने विभाग की लापरवाही मानने की बजाए असामाजिक तत्वों की करतूत बताई। मोतिहारी में बन रहे इस पुल का शिलान्यास बीजेपी की पूर्व सांसद रमा देवी ने 10 मार्च किया।
इससे पहले सिवान जिले में एक छोटा पुल ढह गया था। सिवान के डीएम मुकुल कुमार गुप्ता ने मीडिया को बताया, ‘‘यह पुल दरौंदा और महाराजगंज प्रखंडों के बीच से गुजर रही एक नहर पर बनाया गया था जो सुबह लगभग पांच बजे अचानक ढह गया। इस घटना में कोई भी घायल नहीं हुआ। यह बहुत पुराना ढांचा था। जाहिर तौर पर नहर में पानी छोड़े जाने पर खंभे धंस गए। हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि जब तक इसे बहाल नहीं किया जाता है, तबतक प्रभावित गांवों के निवासियों को यथासंभव कम से कम असुविधा हो।’’ दरौंदा के प्रखंड विकास अधिकारी (बीडीओ) सूर्य प्रताप सिंह ने कहा, ‘‘स्थानीय लोगों का दावा है कि पुल 1991 में महाराजगंज के तत्कालीन विधायक उमा शंकर सिंह के योगदान से बनाया गया था।’’
मंगलवार को अररिया जिले में लगभग 180 मीटर लंबा एक नवनिर्मित पुल ढह गया था। इस मामले की ग्रामीण कार्य विभाग जांच कर रहा है। इसमें संबंधित कार्यपालक एवं कनीय अभियंता को निलंबित कर दिया गया है। राजद नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने पुलों को गिरने को लेकर पत्रकारों से कहा सरकार और प्रशासन पुलों को गिरने को लेकर चुप्पी साधे हुई है। जनता समय पर इसका जवाब देगी।