बिहार में ढहा एक और पुल, दो गावों के बीच आवागमन ठप होने से जनता परेशान
Siwan Bridge Collapsed: में पुल गिरने की घटना पिछले कुछ वर्षों में काफी आम हो गई है जिसके चलते पुल निर्माण को लेकर प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं। अभी दो दिन पहले ही अररिया में एक निर्माणाधीन पुल गिरा था। वहीं अब सीवान में एक पुल गिरने की घटना सामने आई है, जिसके चलते पूरा आवागमन बाधित हो गया है और लोग जहां के तहां फंस गए हैं।
दरअसल, अचानक पुल का एक पाया धंसने लगा, देखते ही पुल नहर में समा गया है। हादसे के बाद दो गांव के बीच आवागमन बाधित हो गया है। इलाके में हड़कंप मच गया है और लोग पुल के निर्माण कार्य को लेकर स्थानीय प्रशासन पर ही सवाल उठाने लगे हैं।
ग्रामीणों ने लगाए गंभीर आरोप
इस पुल के गिरने को लेकर स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि 30 साल पहले बिहार सरकार ने इस पुल का निर्माण करवायाा। था। कुछ दिन पहले ही विभाग नहर की सफाई करवाई गई थी, साथ ही नहर की मिट्टी काटकर नहर के बांध पर फेंक दी गई थी।
ग्रामीणों का दावा है कि इसी कारण पुल का पाया कमजोर हो गया और आज शनिवार को यह पाया टूट गया, जिससे पुल नहर में गिर गया। घटना के बाद प्रशासन ने जांच टीम का गठन किया है।
प्रशासन पर भड़के ग्रामीण लोग
वहीं, पुल हादसे के बाद इलाके में दोनों तरफ के गावों में लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि कुछ दिन पहले नहर की सफाई की गई थी, जिसमें यहां से मिट्टी काटकर नहर के बांध में फेंकी गई थी। इस से पुल का पिलर काफी कमजोर हो गया और ज्यादा लोड होने की वजह से यह घटना हुई है। बताया जा रहा है कि 30 फीट चौड़ा और 30 साल पुराना यह पुल था।
ग्रामीणों को होगी परेशानी
वही ग्रामीणों का कहना था कि पुल टूटने के बाद भी अभी तक कोई विभाग के लोग जायजा लेने नहीं पहुंचे हैं, जो कि आलोचनात्मक है। ग्रामीणों ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि इस पुल के टूटने के चलते उन्हें काफी मशक्कत का सामना करना पड़ेगा। बच्चे स्कूल नहीं जा पाएंगे और एक गांव से दूसरे गांव में आने जाने के लिए यही एक पुलिया ही सहारा था।
गौरतलब है कि 18 जून को अररिया जिले सिकटी प्रखंड में बकरा नदी पर बना पुल उद्घाटन से पहले ही पुल ध्वस्त हो गया था। 182 मीटर का पुल कुल तीन हिस्सों में बना था,जिसकी लागत करीब 12 करोड़ रुपये थी जो कि बर्बाद हो गई।