CBI ने आंध्र प्रदेश के CM जगन मोहन रेड्डी के चाचा को किया अरेस्ट, पूर्व सांसद भाई के मर्डर के आरोप में बड़ी कार्रवाई
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने रविवार सुबह बड़ी गिरफ्तारी की है। सीबीआई ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी के चाचा वाई एस भास्कर रेड्डी को वाई एस विवेकानंद रेड्डी की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया है। भास्कर रेड्डी कडप्पा सांसद वाई एस अविनाश रेड्डी के पिता हैं।
अधिकारियों ने कहा कि मामले में गिरफ्तार होने वाले भास्कर रेड्डीपांचवें व्यक्ति हैं। साथ ही उन्हें हैदराबाद की स्थानीय सीबीआई अदालत में पेश किया जाएगा। भास्कर रेड्डी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120B (साजिश), 302 (Murder) और 201 (सबूतों से छेड़छाड़ और नष्ट करना) के तहत आरोप लगाए गए हैं।
जगन मोहन रेड्डी (Jagan Mohan Reddy) के पिता और दिवंगत मुख्यमंत्री वाई एस राजशेखर रेड्डी के छोटे भाई 68 वर्षीय विवेकानंद रेड्डी 15 मार्च 2019 को कडप्पा जिले के पुलिवेंदुला स्थित अपने आवास पर खून से लथपथ मिले थे। भास्कर रेड्डी राजशेखर रेड्डी और विवेकानंद रेड्डी दोनों के चचेरे भाई हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा पिछले सप्ताह एक नई विशेष जांच टीम (SIT) का गठन करने और 30 अप्रैल तक जांच पूरी करने का निर्देश देने के बाद सीबीआई ने मामले की जांच तेज कर दी।
अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई की एक टीम रविवार सुबह गिरफ्तारी ज्ञापन के साथ भास्कर रेड्डी के घर पहुंची और उनकी पत्नी वाई एस लक्ष्मी को दिया। केंद्रीय एजेंसी ने भास्कर रेड्डी का फोन भी जब्त कर लिया है। शुक्रवार को सीबीआई ने सांसद अविनाश रेड्डी के सहयोगी उदय रेड्डी को गिरफ्तार कर हैदराबाद में उनसे पूछताछ की थी।
मार्च में सीबीआई ने मामले के एक आरोपी सुनील यादव की जमानत याचिका का विरोध करते हुए एक ज्ञापन प्रस्तुत किया, जिसमें उसने आरोप लगाया कि भास्कर रेड्डी और उनके बेटे अविनाश रेड्डी ने कडप्पा में राजनीतिक प्रभुत्व को लेकर विवेकानंद रेड्डी को खत्म करने की साजिश रची थी। दोनों इस बात से नाखुश थे कि भले ही उन्होंने विवेकानंद को एमएलसी चुनावों में हरा दिया, लेकिन उन्होंने इस क्षेत्र में अपनी राजनीतिक शक्ति को मजबूत करना शुरू कर दिया था।
उन्होंने कथित तौर पर वाई गंगी रेड्डी, आर दस्तगीर और सुनील यादव सहित कर्मचारियों को काम पर रखा था, जिन्होंने विवेकानंद के लिए काम किया और अविनाश रेड्डी को उनकी गतिविधियों की सूचना दी। सीबीआई ने कहा कि अविनाश और उनके पिता ने विवेकानंद को खत्म करने की साजिश रची और फिर सबूत मिटाकर आरोपी को शरण दी। अविनाश रेड्डी से मामले के सिलसिले में तीन बार सीबीआई ने पूछताछ की है। हालांकि उन्होंने कहना है कि हत्या से उनका कोई लेना-देना नहीं था।