Andhra Pradesh Cabinet Reconstituted: जगन रेड्डी ने नई कैबिनेट में रखा जाति का खास ख्याल, 10 बैकवर्ड क्लास, दो माइनॉरिटी, पांच एससी, पढ़ें पूरा समीकरण
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने सोमवार को राज्य मंत्रिमंडल का पुनर्गठन किया, जिसमें 13 नए चेहरों को शामिल किया गया और 11 लोगों को फिर से मौका दिया गया है। राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन ने अमरावती में राज्य सचिवालय के पास एक सार्वजनिक समारोह में मंत्रिमंडल के 25 सदस्यों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
नए मंत्रिमंडल का गठन पूरी तरह से जाति और समुदाय के आधार पर किया गया है। इसमें 10 मंत्री पिछड़े वर्ग से हैं जबकि मुख्यमंत्री समेत दो अल्पसंख्यक समुदाय से हैं। पांच मंत्री एससी हैं वहीं 1 एसटी समुदाय से है। रेड्डी और कापू समुदाय से चार-चार लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। मंत्रिमंडल में चार महिला हैं। एक को दूसरी बार मौका दिया गया है। बाकी की तीन पहली बार कैबिनेट में आई हैं।
कम्मा, क्षत्रिय और वैश्य समुदाय, जिनके पिछले मंत्रिमंडल में एक-एक प्रतिनिधि थे, अब पूरी तरह से इससे बाहर हो गए हैं। ब्राह्मण समुदाय से फिर से किसी को मौका नहीं दिया गया। राज्य में 26 जिलो हैं लेकिन इस बार सात को नए मंत्रिमंडल में कोई प्रतिनिधित्व नहीं मिला। विधान परिषद से किसी को भी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया। नई कैबिनेट को वाईएसआर कांग्रेस ने सामाजिक मंत्रिमंडल का नाम दिया है।
जगन मोहन मई 2019 में जब मुख्यमंत्री बने थे तब ही घोषणा की थी कि वह ढाई साल बाद अपने मंत्रिमंडल को पूरी तरह बदलकर 90 प्रतिशत नए लोगों को मौका देंगे। उनकाकहना था कि नई कैबिनेट में तीन मंत्रियों को ही दोबारा मौका देंगे। इस हिसाब से मुख्यमंत्री के अलावा केवल दो पुराने मंत्रियों को ही रखे जाना था, लेकिन रेड्डी ने पिछले मंत्रिमंडल से 11 लोगों को दोबारा मौका दिया है। सभी से सात अप्रैल को इस्तीफा ले लिया गया था।
सबसे वरिष्ठ विधायक धर्मना प्रसाद को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। जबकि अमजथ बाशा शेख बेपारी, के. नारायण स्वामी, बोत्सा सत्यनारायण, पीआरसी रेड्डी, पी. विश्वरूप, ए. सुरेश और बुग्गना राजेंद्रनाथ, एस. अप्पला राजू, वेणुगोपाल कृष्णा, जी. जयराम और टी. वनिता को दूसरा मौका मिला है।
फिल्म अभिनेत्री आरके रोजा ने भी मंत्रिमंडल में जगह बनाई है। नए चेहरों में गुड़ीवाड़ा अमरनाथ, पी. राजन्ना डोरा, बी. मुत्याला नायडू, दादीसेट्टी रामलिंगेश्वर राव, केवी नागेश्वर राव, के. सत्यनारायण, जे. रमेश, वी. रजनी, एम. नागार्जुन, के. गोवर्धन रेड्डी और ऊषा श्रीचरण शामिल हैं।