रेप का आरोप लगा मुकरी लड़की तो बिफरा हाईकोर्ट, योगी सरकार से बोला- ये कानून का मजाक, वापस लो मुआवजे की रकम
रेप के एक मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के तेवर उस समय तीखे हो गए जब उसे पता चला कि जिस लड़की ने आरोप लगाया था वो अब पीछे हट गई है। वो अपने आरोपों से मुकर रही है। हाईकोर्ट का गुस्सा इतना तीखा था कि उसने योगी सरकार को आदेश किया कि लड़की को मुआवजे के तौर पर जो रकम दी गई है उसे तत्काल प्रभाव से वापस लो। कोर्ट का कहना था कि ये कानून का मजाक है। जनता का पैसा यूं ही बर्बाद नहीं किया जा सकता।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस बृजराज सिंह रेप के मामले के आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। हाईकोर्ट को जब पता चला कि लड़की अपने बयान से ही पीछे हट रही है तो जज ने कहा कि ऐसे मामले में आरोपी को बेल पर रिहा करना ही ठीक है। लिहाजा उसे जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया गया। अदालत का कहना था कि रेप जैसे मामलों में आरोप लगाकर पीछे हटना कानून का बेजा इस्तेमाल ही तो है।
उन्नाव थाने में पाक्सो एक्ट के तहत दर्ज कराया था केस
दरअसल इस मामले में उन्नाव पुलिस को दी शिकायत में एक नाबालिग लड़की के भाई ने आरोपी पर रेप का आरोप लगाया था। पुलिस ने शिकायत की जांच करने के बाद POCSO एक्ट के तहत केस दर्ज करके आरोपी को गिरफ्तार किया। इसके बाद कोर्ट में मामले की सुनवाई शुरू हुई।
स्पेशल कोर्ट में बोली लड़की, उसे ध्यान नहीं आरोपी का चेहरा
लेकिन हैरत की बात तब देखने को मिली जब जिस भाई ने रेप का केस दर्ज करवाया था वो ही मजिस्ट्रेट के सामने जाकर अपने बयान से मुकर गया। मामला पाक्सो एक्ट से जुड़ा था इस वजह से केस की सुनवाई स्पेशल कोर्ट में की गई। लड़की को कोर्ट ने गवाही के लिए बुलाया तो उसने आरोपी को पहचानने से ही इनकार कर दिया। उसका कहना था कि वो अपने साथ हुई वारदात के वक्त आरोपी का चेहरा नहीं देख पाई थी।
लड़की के मुकरने के बाद आरोपी ने हाईकोर्ट का रुख किया। उसने अदालत से कहा कि जिसने रेप का आरोप लगाया था वो ही अपने बयान से मुकर रही है लिहाजा उसके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता। आरोपी ने हाईकोर्ट से उसे जमानत पर रिहा करने की अपील की। जस्टिस बृजराज सिंह ने लड़की के बयान के बारे में सरकारी वकील राजेश कुमार सिंह से पूछा तो उनका कहना था कि हां वो अब अपने आरोपों पर कायम नहीं है।