ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष को इलाहाबाद हाईकोर्ट से झटका, मेंटेनबिलिटी को लेकर दायर याचिका खारिज
ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष को करारा झटका लगा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उसने इस विवाद में यथास्थिति बनाए रखने की अपील की थी। इससे पहले लोअर कोर्ट ने भी इसी तरह की अर्जी खारिज कर दी थी।
ध्यान रहे कि पांच हिंदू महिलाओं ने बनारस की एक कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की थी कि मस्जिद परिसर में मौजूद हिंदू देवी देवताओं की पूजा का अधिकार उनको सारे साल मिलना चाहिए। उनका कहना था कि 1993 तक मस्जिद में मौजूद मां श्रंगार गौरी, भगवान गणेश और अन्य देवी देवताओं की पूजा का अधिकार हिंदुओं को था। लेकिन 1993 के बाद से इसे साल में एक दिन तक सीमित कर दिया गया। मुस्लिम पक्ष ने हिंदू महिलाओं की तरफ से दायर सूट की मेंटेनबिलिटी को लेकर याचिका दायर की थी। उनका कहना था कि अदालत इसे स्वीकार न करे।
जिला जज ने पिछले साल खारिज कर दी थी मुस्लिम पक्ष की याचिका
डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को बीते साल सितंबर माह में खारिज करते हुए कहा था कि हिंदू महिलाओं को ऐसा सूट दायर करने से न तो प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 रोकता है और न ही वक्फ एक्ट 1995। यूपी श्री काशी विश्वनाथ टेंपल एक्ट 1993 भी सूट पर रोक नहीं लगाता। हिंदू महिलाओं को अधिकार है कि वो अपने दावे की सत्यता अदालत के सामने पेश करें। वो इसके लिए एविडेंस पेश कर सकती हैं। उसके बाद ये मामला लेकर मुस्लिम पक्ष इलाहाबाद हाईकोर्ट में गया था। मुस्लिम पक्ष ने बनारस की कोर्ट के फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
ध्यान रहे कि ज्ञानवापी मस्जिद में एक 'शिवलिंग' मिलने के बाद से फिर से विवाद खड़ा हो गया है। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि 'शिवलिंग' दरअसल एक फव्वारा है। ये 'शिवलिंग' उस जगह पर मिला जहां मुस्लिम पक्ष के लोग नमाज अदा करने से पहलू वजू करते थे।
'शिवलिंग' की कार्बन डेटिंग पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई है रोक
ध्यान रहे कि ज्ञानवापी मस्जिद में एक 'शिवलिंग' मिलने के बाद से फिर से विवाद खड़ा हो गया है। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि 'शिवलिंग' दरअसल एक फव्वारा है। मामला कोर्ट में पहुंचा तो 'शिवलिंग' वाली जगह को सील कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने भी विवादित स्थल की कड़ी सुरक्षा का निर्देश जारी किया है। हालांकि हाईकोर्ट ने कार्बन डेटिंग करके 'शिवलिंग' की सही उम्र का पता लगाने का निर्देश दिया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच मामले की सुनवाई कर रही है।