Sanjeev Balyan vs Sangeet Som: 'मैंने कुछ गलत नहीं किया, करा लीजिए CBI जांच...', संगीत सोम के आरोपों के बाद बालियान ने अमित शाह को लिखा पत्र
BJP ex MP vs BJP ex MLA: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और मुजफ्फरनगर के दो बार के पूर्व सांसद संजीव बालियान ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। पत्र में बालियान ने पार्टी के सरधना से पूर्व विधायक संगीत सोम द्वारा उन पर लगाए गए भ्रष्टाचार, जमीन हड़पने, जबरन वसूली और ऑस्ट्रेलिया में जमीन खरीदने के आरोपों की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने का अनुरोध किया है।
19 जून को लिखे पत्र में पूर्व केंद्रीय मंत्री बालियान ने कहा, "मेरे ऊपर एक पूर्व विधायक ने जो आरोप लगाए हैं, उन सभी आरोपों से मेरा कोई लेनादेना नहीं है। मैं आपसे इन गंभीर आरोपों की सीबीआई जांच का आदेश देने का अनुरोध करता हूं ताकि सच्चाई सामने आए और इस तरह के घृणित कृत्यों के पीछे के साजिशकर्ता बेनकाब हों। पिछले 10 सालों में जब मुझे मुजफ्फरनगर के लोगों की सेवा करने का मौका मिला, मैंने कुछ भी गलत नहीं किया।"
हालांकि, पश्चिमी उत्तर प्रदेश से भाजपा के प्रमुख जाट चेहरे बालियान ने दो पन्नों के पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खूब तारीफ की। उन्होंने दावा किया, "मैं एक ऐसे निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता हूं जो 2014 से पहले अपहरण, लूट, हत्या और जबरन वसूली का पर्याय बन गया था। एक समय था जब शाम को मुजफ्फरनगर-रुड़की राजमार्ग पर जाने की हिम्मत नहीं होती थी क्योंकि उस हिस्से पर गुंडों का राज होता था। लेकिन 2014 के बाद परिदृश्य बदल गया। निर्वाचन क्षेत्र में कई विकास कार्य किए गए जो आजादी के बाद से नहीं हो पाए थे।"
बालियान ने दावा किया कि क्षेत्र में विकास परियोजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री से प्रेरणा ली है। उन्होंने कहा, "मैं नहीं चाहता कि मेरे जैसे सक्रिय पार्टी सदस्य के खिलाफ निराधार आरोप लगाए जाएं। इन आरोपों की सीबीआई जांच होनी चाहिए और मुझे पूरा भरोसा है कि मैं बेदाग निकलूंगा।"
बीजेपी के दोनों नेताओं के बीच वाकयुद्ध
लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के तुरंत बाद पश्चिमी यूपी के दो भाजपा नेताओं के बीच कटुता सार्वजनिक हो गई थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि वह पार्टी में जयचंदों (गद्दार ) के कारण चुनाव हार गए, उन्होंने सोम पर उनकी हार सुनिश्चित करने के लिए काम करने का आरोप लगाया।
उन्होंने सोम पर आरोप लगाया कि चुनावों से पहले भाजपा के खिलाफ राजपूत पंचायतों के पीछे सोम का हाथ था, जिससे हिंदू वोट बंट गए। बालियान ने आरोप लगाया, "उन्होंने (सोम) चुनाव में सपा उम्मीदवार का समर्थन किया। उन्होंने राजपूत समुदाय की पंचायतों को बढ़ावा दिया, जिससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में माहौल खराब हुआ और वोट बंट गए। इसका असर कैराना और सहारनपुर के नतीजों पर भी पड़ा।"
इस पर दोनों के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया और सोम ने पलटवार करते हुए कहा, "बालियान अपने अहंकार के कारण चुनाव हार गए। मैं एक उच्च जाति के परिवार से हूं और मेरे संस्कार मुझे कभी जयचंद की तरह काम करने की इजाजत नहीं देते।"
उन्होंने कहा, "बीजेपी का एक भी कार्यकर्ता बालियान को पसंद नहीं करता। लोगों ने पार्टी नेतृत्व से यहां तक कहा कि उन्हें टिकट नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने पिछले 10 सालों में पार्टी के लोगों के लिए काम नहीं किया। वे इसलिए हारे क्योंकि बीजेपी कार्यकर्ता निष्क्रिय हो गए।"
उन्होंने यह भी कहा, "उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्य भाजपा अध्यक्ष की मौजूदगी में एक संगठनात्मक बैठक में बालियान ने खुद मांग की थी कि बुढ़ाना और चरथावल विधानसभा क्षेत्रों में कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए, जिनके चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी उन्होंने खुद संभाली थी। वे दोनों सीटों पर हार गए, जिसमें बुढ़ाना भी शामिल है, जहां वे रहते हैं। वे बुढ़ाना के सोरम गांव में भी हार गए, जो जाटों का सबसे बड़ा गांव है। वे अपनी हार के लिए मुझे कैसे दोषी ठहरा सकते हैं?"
सोम ने यह भी दावा किया, "मैंने इनमें से किसी भी (राजपूत) पंचायत में भाग नहीं लिया। मैंने वास्तव में नुकसान को कम करने की कोशिश की, लोगों को समझाकर पार्टी के लिए वोट दिलवाए। भाजपा राजपूत गांवों में नहीं हारी।"
12 जून को जब सोम बालियान द्वारा लगाए गए शुरुआती आरोपों का जवाब देने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे, तभी उनके घर के बाहर उनके लेटरहेड पर लिखा एक बयान बांटा गया। इसमें बालियान पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे। अगले दिन सोम ने इस पर्चे से खुद को अलग कर लिया और कहा कि इसके पीछे एक "अज्ञात व्यक्ति" का हाथ है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।