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फर्रुखाबाद ग्राउंड रिपोर्ट: बदलते समीकरण, मुकाबला रोचक; दम भरते प्रत्याशी, लेकिन जनता की राय जुदा

Farrukhabad Ground Report: फर्रुखाबाद लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी मुकेश राजपूत और सपा प्रत्याशी डॉक्टर नवल किशोर शाक्य के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है।
Written by: vivek awasthi
Updated: May 11, 2024 16:50 IST
फर्रुखाबाद ग्राउंड रिपोर्ट  बदलते समीकरण  मुकाबला रोचक  दम भरते प्रत्याशी  लेकिन जनता की राय जुदा
Farrukhabad Ground Report: फर्रुखाबद लोकसभा चुनाव को लेकर इस बार मामला दिलचस्प है। (एक्स)
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Farrukhabad Ground Report: गंगा के किनारे बसे शहर फर्रुखाबाद की आबोहवा कुछ अलग ही है। यहां की एक कहावत है- 'खुला खेल फर्रुखाबादी', कहा जाता है कि यहां लोग जो भी कहते या करते हैं वो खुलकर करते हैं। फिर वो राजनीति हो या फिर अन्य कोई मुद्दा। वैसे तो यह शहर आलू के लिए मशहूर है, लेकिन इस वक्त यहां का तापमान सियासी तौर पर बड़ा हुआ है। 13 मई को यहां मतदान होना है।

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13 मई को होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर फर्रुखाबाद लोकसभा सीट पर नजर दौड़ाएं तो समझ में आता है कि इस शहर में इस बार दलीय और जातीय समीकरण बदले हुए हैं।

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2019 में सपा-बसपा उम्मीदवार के तौर पर दूसरे स्थान पर रहे मनोज अग्रवाल और सपा सरकार में मंत्री रहे नरेंद्र सिंह यादव अब भाजपा के साथ हैं, जबकि उनकी बेटी मोनिका यादव फर्रुखाबाद से जिला पंचायत अध्यक्ष हैं।

करीब 40 साल बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता सलमान खुर्शीद का परिवार मैदान से बाहर है। सपा ने सोशल इंजीनियरिंग फॉर्मूले पर काम करते हुए डॉ. नवल किशोर शाक्य को मैदान में उतारा है। अब तक लोध राजपूत के साथ शाक्य भी भगवा झंडा उठाते रहे हैं। ऐसे में शाक्य बिरादरी में सेंध लगाकर सपा सियासी वनवास खत्म करना चाहती है। जबकि भाजपा के सामने बदले समीकरणों के बीच हैट्रिक लगाने की चुनौती है। वहीं बसपा ने क्रांति पांडेय पर दांव लगाकर मुकाबले को रोमांचक बना दिया है।

फर्रुखाबाद के पिछले चुनावों पर नजर डालें तो साफ हो जाता है की यहां भाजपा का वोट बैंक लगातार बढ़ा है। 2009 में भाजपा ने 19.30 फीसदी वोट शेयर हासिल किया था। 2014 में बढ़कर यह है 41.85 फीसदी और 2019 में 56.82 फीसदी पर पहुंच गया। लगातार दो बार भगवा परचम फहरा चुके मुकेश राजपूत तीसरी बार मैदान में है। एक रोचक तथ्य यह भी है कि यहां से बसपा कभी अपना खाता नहीं खोल पाई।

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फर्रुखाबाद जिले की सीमा में प्रवेश करते ही काफी बदलाव दिखता है। जगह-जगह बने ओवर ब्रिज और अंडर पास जाम से निजात दिला रहे हैं। शहर की सच्चाई और हकीकत जानने के लिए हमने मैनपुरी की सीमा से फर्रुखाबाद में प्रवेश किया। शहर में प्रवेश करते ही मैंने कई जगह पर पोस्टर-बैनर भी देखे। कहीं सपा प्रत्याशी नवल किशोर के पोस्टर बैनर लगे हुए थे तो कहीं बीजेपी प्रत्याशी मुकेश राजपूत के पोस्टर-बैनर दिखाई पड़ रहे थे।

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फर्रुखाबाद शहर में प्रवेश करने के दौरान मैंने कई लोगों से शहर का सियासी मिजाज जानने की कोशिश की। कुछ लोगों ने यहां सपा और बीजेपी प्रत्याशी में कांटे की टक्कर बताई तो तो कुछ ने सपा प्रत्याशी नवल किशोर की जीत पक्की बताई तो कुछ ने बीजेपी प्रत्याशी मुकेश राजपूत की जीत की बात की। हालांकि, उनकी बातचीत से मुझे यही मालूम पड़ रहा था कि यह लोग पार्टी समर्थक है।

क्या कहती है जनता?

फर्रुखाबाद मुख्य शहर से आगे बढ़ते हुए हम भोलेपुर क्रांसिंग और राजपूत रेजीमेंट क्रास करते हुए फतेहगढ़ चौराहे पर पहुंचे। यहां पापड़ी की दुकान पर चार-पांच लोग पापड़ी खा रहे थे। जब मैंने उन लोगों से बात की तो उन्होंने बताया कि यहां से मुकेश राजपूत हैट्रिक लगाएंगे।

शहर में एक रेस्टोरेंट संचालक गुप्ता ने बताया कि यहां से बीजेपी के मुकेश राजपूत हैट्रिक लगाएंगे। उनका मानना था कि जनता मोदी-योगी की नीतियों को लेकर खुश है। इसीलिए एक बार फिर से मोदी देश के प्रधानमंत्री बनेंगे। उनका कहना था कि बीजेपी 370 के करीब सीटें जीतेगी।

शहर में ऑटो चलाने वाले प्रजापति ने बताया कि मुकेश राजपूत तीसरी बार जीतेंगे। ऑटो चालक का कहना था कि जनता मुकेश राजपूत को वोट नहीं दे रही है, बल्कि वो मोदी के नाम पर वोट देगी। प्रजापति कहते हैं कि आज देश में हर किसी को केंद्र सरकार की नीतियों की लाभ मिल रहा है। उनका कहना है कि मोदी जी की नीतियों और योगी जी का कार्यशैली से जनता खुश है। वहीं वो सपा के बारे में बात करते हुए कहते हैं कि सपा के शासन में गुंडागर्दी अपने चरम पर थी। रात में लोग चैन से सो नहीं पाते थे। उनको डर रहता था कि रात में या शाम को जाते वक्त कहीं कोई घटना घटित ने हो जाए।

एलएलबी स्टूडेंट रविंद्र कुमार कुशवाहा का कहना है कि इस बार हम सपा प्रत्याशी डॉ. नवल किशोर शाक्य को वोट देंगे। वो कहते हैं कि बीजेपी प्रत्याशी मुकेश राजपूत ने कोई काम नहीं कराया है। कम से कम नवल किशोर मेरी बिरादरी के तो हैं।

एक यादव, जिनके दो भाई आर्मी में हैं। वो नाम न लिखने की शर्त पर बताते हैं कि वो सपा प्रत्याशी नवल किशोर शाक्य को वोट देंगे। वो कहते हैं कि जबसे केंद्र में मोदी सरकार आई है, बेरोजगारी और महंगाई चरम सीमा पर है। मोदी सरकार केवल हिंदू-मुस्लिम की राजनीति कर रही है, लेकिन इस बार बीजेपी का 400 पार वाला पूरा गणित बिगड़ चुका है।

फर्रुखाबाद शहर के रहने वाले एक पुलिस कर्मी नाम न छापने की शर्त पर कहते हैं कि मोदी और योगी ने जो काम कर दिए। वो कभी कोई सरकार नहीं कर पाती। यही वजह है कि केंद्र में फिर से मोदी सरकार आएगी। उनका मानना है कि अयोध्या में राम मंदिर बनना, कश्मीर से आर्टिकल 370 समेत कई ऐसे मुद्दे हैं, जो मोदी ने देशहित और हिंदुत्व हित में किए है। साथ ही वो कहते हैं कि मोदी जी के नेतृत्व में देश तरक्की के नए आयाम गढ़ रहा है।

फतेहगढ़ कोर्ट में बैठने वाले एक सीनियर एडवोकेट कहते सुधांशु पाठक कहते हैं कि बीजेपी केवल हिंदू-मुस्लिम की राजनीति कर रही है। यह ऐसी राजनीति जिससे देश में आने वाले वक्त में एक ऐसी खाई पैदा होगी। जिससे भर पाना मुश्किल होगा। जो आने वाले वक्त और हमारी-तुम्हारी पीढ़ियों के लिए काफी कष्टदायी होगा।

वहीं पेशे से एक डॉक्टर नाम न छापने की शर्त पर कहते हैं कि जीत फिर से बीजेपी प्रत्याशी मुकेश राजपूत की होगी। जीत का मार्जन भले कम हो जाओ। इसके पीछे वो लोधी वोट और मोदी-योगी की नीतियों का जिक्र करते हैं। वो कहते हैं कि सपा शासन से राज्य की जनता त्रस्त आ चुकी थी। अब कम से कम लोग सकून की नींद तो ले रहे हैं।

फर्रुखाबाद समर के योद्धा-

मुकेश राजपूत, भाजपा

पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कल्याण सिंह के करीबी रहे हैं। भाजपा के परंपरागत वोट बैंक का सहारा। शाक्य बिरादरी को छिटकने से बचाने और दूसरी जातियों को लामबंद रखने की कोशिश।

हालांकि, मुकेश राजपूत से उनकी राय जानने की कोशिश की गई, लेकिन बात नहीं हो पाई। वहीं भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष प्राशुं दत्त द्विवेदी ने कहा कि इस बार मुकेश राजपूत हैट्रिक लगाएंगे। जनता मोदी-योगी की नीतियों से प्रभावित है। सपा प्रत्याशी का कहीं पता भी नहीं चलेगा।

डॉ. नवल किशोर शाक्य, सपा प्रत्याशी

पेशे से कैंसर सर्जन हैं। मुस्लिम-यादव के साथ शाक्य बिरादरी को लामबंद करने की कोशिश कर रहे हैं। शहरी मतदाताओं को जोड़े रखने की चुनौती है।

हालांकि, जब हमने सपा प्रत्याशी डॉ.नवल किशोर शाक्य से बात की तो उन्होंने कहा कि चुनाव बहुत अच्छा चल रहा है। यहां की सारी जनता नवल किशोर शाक्य को चुनाव लड़ा रही है। मौजूदा सांसद और बीजेपी प्रत्याशी मुकेश राजपूत की नीतियों और कार्यप्रणाली से जनता बहुत परेशान हो चुकी है। उन्होंने कहा कि मैं कह सकता हूं कि मैं काफी पढ़ा-लिखा हूं।

नवल किशोर ने कहा कि मैंने घोषणा कर दी है कि मेरे सांसद बनने पर उन बच्चों को अच्छी शिक्षा दी जाएगी, जिन बच्चो के मां-बाप नहीं हैं या वो बच्चे जिन बच्चों के मां-बाप गरीब हैं और वो पढ़ना चाहते हैं, ऐसे सभी बच्चों को हम अपने वेतनमान से पढ़ाने का काम करेगा। साथ ही अपने वेतनमान का एक पैसा भी अपनी जेब में नहीं रखेगा।

सपा प्रत्य़ाशी कहते हैं कि फर्रुखाबाद में तीन बड़ी समस्याएं हैं। यहां न तो अच्छा ट्रांसपोर्टेशन है, न अच्छा हेल्थ सिस्टम है और न ही अच्छा एजूकेशन सिस्टम है। अगर मैं सांसद बना तो सबसे पहले इन्हीं मुद्दों पर काम करूंगा। उन्होंने कंपिल में बंद पड़ी सूत मिल का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सूत मिल कई साल के बंद पड़ी है। इसको बिना नोटिस दिए बंद कर दिया गया। इसके बाद मिल कर्मचारियों को कोई ध्यान नहीं रख रहा। आज उनके बच्चे दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। ऐसे बच्चों को हम शिक्षा दिलाने का काम कर रहे हैं।

क्रांति पांडेय, बसपा प्रत्याशी

क्रांति पांडेय छात्र राजनीति से सीधे लोकसभा चुनाव मैदान में उतरे हैं। दलित वोटबैंक का सहारा। भाजपा के साथ जुड़े ब्राह्मण वोट बैंक को अपने पाले में लाने की कोशिश। लोकसभा चुनाव को लेकर जब मैंने बसपा प्रत्याशी क्रांति पांडेय से बात कही तो उन्होंने अपनी जीत का दावा किया। हालांकि, यहां पर उनके दावे में कोई दम नहीं है, क्योंकि यहां सीधी टक्कर भाजपा और सपा है, लेकिन फिर भी क्रांति पांडेय ने कहा कि मुझे सभी जातियों का वोट मिल रहा है और जीत मेरी ही होगी।

फर्रुखाबाद 2019 चुनाव के नतीजे

PARTYCandidateVotesनतीजे
BJPMukesh Rajput569,880जीत
SPManoj Agarwal3,48,178
INCSalman Khurshid55,258
फर्रुखाबाद 2019 चुनाव के नतीजे

फर्रुखाबाद 2014 चुनाव के नतीजे

PARTYCandidateVotesनतीजे
BJPMukesh Rajput4,06,195जीत
SPRameshwar Yadav2,55,693
BSPJaiveer Singh1,14,521
फर्रुखाबाद 2014 चुनाव के नतीजे

कभी कांग्रेस का गढ़ था फर्रुखाबाद

फर्रुखाबाद लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी। इस सीट पर आठ बार कांग्रेस चुनाव जीत चुकी है। वहीं चार बार भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की है जबकि दो समाजवादी पार्टी और दो बार जनता पार्टी ने भी सीट से चुनाव जीता है। एक बार जनता दल और एक बार संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी ने भी इस सीट से जीत हासिल की है। बीजेपी के उन्नाव से सांसद साक्षी महाराज भी 1996 और 1998 में यहां से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं।

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