Tripura Election : प्रधानमंत्री मोदी ने की अपील, रिकॉर्ड संख्या में मतदान कर लोकतंत्र के त्योहार को करें मजबूत
Tripura Election : त्रिपुरा विधानसभा चुनाव की वोटिंग जारी है। इस चुनाव में 259 उम्मीदवार मैदान में हैं वहीं 13.53 लाख महिलाओं समेत कुल 28.13 लाख मतदाता वोट डालेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्रिपुरा में लोगों से "रिकॉर्ड संख्या में मतदान करने और लोकतंत्र के त्योहार को मजबूत करने" की अपील की है।
पीएम मोदी ने एक ट्वीट में युवा मतदाताओं से अपने मताधिकार का प्रयोग करने का आग्रह किया है।
गौरतलब है कि इस चुनाव में भाजपा तीन तरफ से चुनौतियों का सामना कर रही है। जहां एक तरफ माकपा-कांग्रेस गठबंधन भाजपा के सामने एक मजबूत चुनौती है वहीं स्थानीय आदिवासी पार्टी टिपरा मोथा और टीएमसी भी भाजपा को कड़ी चुनौती देते दिखाई दे रहे हैं।
त्रिपुरा में क्या हैं सियासी समीकरण
त्रिपुरा की 60 सदस्यीय विधानसभा में 20 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। आदिवासी वोट की यहां निर्णायक भूमिका तय होने में खास पकड़ होती है। 2011 की जनगणना के अनुसार कुल जनसंख्या में आदिवासियों की हिस्सेदारी घटकर 31.8 प्रतिशत रह गई है। इसने एक भयंकर जातीय संघर्ष को जन्म दिया जो अब थम गया है। लेकिन समय-समय पर स्वदेशी संगठन संस्कृति, राजनीति और प्रशासन के क्षेत्र में बंगाली समुदाय के आधिपत्य के खिलाफ आदिवासियों की चिंता और आक्रोश का फायदा उठाते हैं।
स्थानीय आदिवासी पार्टी टिपरा मोथा एक ऐसी पार्टी है जिसने आदिवासी समुदाय के मुद्दों को बहुत सजगता से उठाया है। जिसने 19 अधिसूचित समुदायों के बीच बंटे आदिवासियों के एक बड़े वर्ग की कल्पना पर कब्जा कर लिया है।टिपरा मोथा पार्टी ने 42 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, इसका प्रभाव काफी हद तक एसटी-आरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों तक सीमित है। त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में यह किंगमेकर साबित होंगे।
राज्य की आबादी का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा बंगाली समुदाय लंबे समय तक वामपंथी और कांग्रेस के बीच बंटा हुआ था। जबकि वामपंथियों ने मजदूर वर्ग की आबादी के बीच गहरी पैठ बना ली थी। बौद्धिक वर्ग के अलावा, कांग्रेस का शहरी केंद्रों में मजबूत प्रभाव बना रहा।
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हालांकि इस स्थिति में 2018 में भाजपा के उदय के साथ बदलाव आया। भाजपा बड़े पैमाने पर पारंपरिक कांग्रेस मतदाताओं द्वारा दिए गए समर्थन पर सवार होकर सत्ता में आई।