Pink Full Moon 2024 Date, India Timings: आज रात इतने बजे दिखेगा 'पिंक मून', क्या है Pink Moon?, जानें इसकी खासियत
Pink Full Moon (पिंक मून) 2024 Date and Time in India: हिंदू धर्म में चंद्रमा की स्थिति में बदलाव काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। चंद्रमा के अलग-अलग रूप में दिखना काफी महत्वपूर्ण होता है। यह किसी न किसी विशेष घटनाओं पर आधारित होता है। चंद्र ग्रहण के बारे में तो आपने खूब सुना होगा। ऐसे ही बसंत ऋतु में पूर्णिमा के दिन सुपरमून होता है, जिसे पिंक मून कहा जाता है। इस साल चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि यानी आज शाम के समय आकाश में पिंक मून का खूबसूरत नजारा देखने के मिलेगा। पिंक मून का मतलब ये नहीं है कि चंद्रमा गुलाबी रंग का दिखेगा। इस दिन चंद्रमा आम चांद की तरह की गोल्डन और सिल्वर रंग में नजर आएगा। अमेरिका में बसंत ऋतु में पाए जाने वाले एक हर्ब के नाम पर इस दिन को पिंक मून कहा जाता है। आइए जानते हैं पिंक मून के बारे में सबकुछ….
पिंक मून 2024 का समय
बता दें कि पिंक मून चैत्र पूर्णिमा के दिन देखा जा रहा है। पंचांग के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा की शुरुआत 23 अप्रैल, मंगलवार की सुबह 3 बजकर 25 मिनट से होगी और समापन अगले दिन यानी 24 अप्रैल 5 बजकर 18 मिनट पर होगा। बता दें कि चंद्रोदय शाम को 6 बजकर 25 मिनट से शुरू होगा। इसके बाद से आप खूबसूरत पिंक मून का दीदार कर सकते हैं।
क्यों कहा जाता है पिंक मून?
पिंक मून को आप गुलाबी चांद समझते होंगे। लेकिन ये पूरी तरह से गलत है। दरअसल,पिंक मून नाम पूर्वी अमेरिका में पाए जाने वाले एक पौधे 'हर्ब मास पिंक' या फ्लॉक्स सुबुलाता (Phlox Subulata) के नाम पर रखा गया है। यह पौधा बसंत ऋतु में निकलता है, जो काफी महत्वपूर्ण पौधा माना जाता है। इसी के कारण इस सीजन में दिखने वाले सुपर मून को पिंक नाम दिया गया।
पिंक मून के कुछ अन्य नाम
बसंत ऋतु में दिखने वाला सुपर मून को पिंक मून के अलावा स्प्राउटिंग ग्रास मून, एग मून, फिश मून, फसह मून, पक पोया और फेस्टिवल मून आदि नामों से भी जाना जाता है।
पहली बार कब देखा गया था सुपरमून?
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के अनुसार, पहली बार सुपरमून साल 1979 में देखा गया था। तब एस्ट्रोनॉमर्स ने इसे पेरीजीन फुल मून कहा था। बाद में इसे बदलकर सुपर मून कहा गया।
क्या होता है सुपरमून?
बता दें कि सुपरमून अपने सामान्य आकार से बड़ा और बेहद चमकीला होता है। वैज्ञानिकों के अनुसार कई बार ये सामान्य आकार से करीब 14 गुना अधिक बढ़ जाता है और इसकी चमक में 30 फीसदी तक इजाफा हो जाता है।