Holi Bhai Dooj 2024: होली भाई दूज आज, जानें तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि
Holi Bhai Dooj 2024: भाई-बहन के स्नेह का त्योहार भाई दूज होली के बाद भी मनाया जा है जिसे भ्रातृ द्वितीया भी कहा जाता है। आज देश के कुछ जगहों पर इस पर्व को धूमधाम से मनाया जा रहा है। बता दें कि साल में दो बार भाई दूज मनाया जाता है। इसमें से दीपावली के बाद वाले भाई दूज का विशेष महत्व है। वहीं होली के बाद के भाई दूज की बात करें, तो ये देश के कुछ जगहों पर ही मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को इस पर्व को मनाया जाता है। इस साल दो दिन तिथि पड़ने के कारण काफी कंफ्यूजन है कि आखिर किस दिन इस पर्व को मनाया जाएगा। बता दें कि इस साल होली भाई दूज 27 मार्च को मनाया जा रहा है। आइए जानते हैं होली में पड़ने वाली भाई दूज पर तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त से लेकर विधि और मंत्र के बारे में।
होली भाई दूज 2024 (Holi Bhai Dooj 2024)
चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि आरंभ- 26 मार्च 2024 को दोपहर 02 बजकर 55 मिनट से
द्वितीया तिथि समाप्त- 27 मार्च 2024 को शाम 05 बजकर 06 मिनट पर
होली भाई दूज 2024 भाई को तिलक करने का मुहूर्त (Holi Bhai Dooj 2024 Muhurat)
होली भाई दूज के दिन भाई को तिलक लगाने के लिए दो शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। पहला मुहूर्त सुबह 10 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक है। इसके साथ ही दूसरा मुहूर्त- दोपहर 03 बजकर 31 मिनट से शाम 05 बजकर 04 मिनट तक है।
भाई को कैसे लगाएं तिलक (Holi Bhai Dooj 2024 Vidhi)
एक दिन बहनें एक थाली लें और उसमें लाल चंदन, गंगाजल डालकर तिलक बना लें या फिर हल्दी, चूना और जल डालकर तिलक बना लें। इसके साथ ही थोड़ा सा अक्षत और मिठाई भी रख लें। सबसे पहले भगवान विष्णु के चरणों में तिलक लगाएं और 27 बार 'ऊं नमो नारायणाय' मंत्र का जाप करें। इसके बाद अपने भाई को उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुख करके किसी पाटा या फिर ऊंचे स्थान में बैठाएं और उसके सिर पर कपड़ा या रुमाल डालें। इसके बाद उसे तिलक, अक्षत लगाने के साथ मीठा लगाएं। फिर भाई बहन के पैर छूकर सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद लें।
बहनों के घर भोजन करना शुभ
शास्त्रों के अनुसार, इस दिन भाई अपनी बहनों के घर जाकर उनके यहां भोजन करने के साथ तिलक लगवाते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन यमराज अपनी बहन यमुना के घर भोजन करने गए थे और अपनी बहन से प्रसन्न होकर वरदान दिया था कि जो भाई चैत्र मास की द्वितीया तिथि को अपनी बहन के यहां भोजन करने जाएगा। उसे हर तरह के दुख से निजात मिलने के साथ अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाएगा।
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