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Chaturmas 2024: इस दिन से शुरू हो रहा है चातुर्मास, अगले 4 माह नहीं होंगे मांगलिक कार्य, जानें और महत्व

Chaturmas 2024: चातुर्मास के दौरान भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं। जानें इस साल कब से शुरू हो रहा चातुर्मास
Written by: Shivani Singh
नई दिल्ली | June 16, 2024 11:28 IST
chaturmas 2024  इस दिन से शुरू हो रहा है चातुर्मास  अगले 4 माह नहीं होंगे मांगलिक कार्य  जानें और महत्व
Chaturmas 2024: चासुर्मास कब से हो रहे हैं शुरू
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Chaturmas 2024 Date: हिंदू धर्म में किसी भी शुभ या फिर मांगलिक कार्य को करने से पहले शुभ और अशुभ मुहूर्त का जरूर ध्यान रखा जाता है। ऐसे ही साल में चार माह ऐसे आते हैं जिसमें हर तरह के मांगलिक कार्य यानी शादी-विवाह, मुंडन-छेदन, वधु विदाई जैसे अन्य 16 संस्कारों को करने की मनाही होती है। इन चार माह को चातुर्मास कहा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु भगवान शिव को सृष्टि के संचार का काम सौंप कर क्षीर सागर में योगनिद्रा में चले जाते हैं और कार्तिक मास में पड़ने वाली देवउठनी एकादशी को वह जागते हैं और इसके साथ एक बार फिर से मांगलिक काम शुरू हो जाते हैं। आइए जानते हैं चातुर्मास की तिथि लेकर हर एक बात…

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कब से कब तक चातुर्मास 2024?

हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी यानी देवशयनी एकादशी से कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की देवउठनी एकादशी तक चातुर्मास होता है। ऐसे में इस साल देवशयनी एकादशी 17 जुलाई 2024 से आरंभ हो रही है। इसके साथ ही देवउठनी एकादशी 12 नवंबर 2024 तक है।

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आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 16 जुलाई को शाम 08 बजकर 33 मिनट से शुरू हो रही है, जो 17 जुलाई को शाम 09 बजकर 02 मिनट पर समाप्त होगी। 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी है। वहीं, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 11 नवंबर को संध्याकाल 06 बजकर 46 मिनट से लेकर 12 नवंबर को संध्याकाल 04 बजकर 04 मिनट पर समाप्त होगी। इसलिए 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी है। इसके साथ ही 13 नवंबर से शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्य आरंभ हो जाएंगे।

चातुर्मास के दौरान होगी इन देवी-देवता की पूजा?

चातुर्मास के दौरान भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं और सृष्टि के संचार का कार्यभार भगवान शिव संभालते हैं। इसलिए इन महीनों में विष्णु जी के अलावा शिव जी और मां लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है।

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चातुर्मास के दौरान न करें ये काम

चातुर्मास के दौरान भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं। ऐसे में देवउठनी एकादशी तक किसी भी प्रकार के मांगलिक कामों के साथ कुछ शुभ कामों को करने की मनाही होती है। इस दौरान शादी- विवाह, मुंडन, जनेऊ, छेदन, नया वाहन खरीदना, नई प्रॉपर्टी खरीदना, भूमि पूजन, घर का निर्माण करना जैसे कार्यों को करने की मनाही होगी।

डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

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