Char Dham Yatra 2024: अक्षय तृतीया से शुरू हो रही चार धाम यात्रा, बिना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के नहीं कर पाएंगे दर्शन, जानें स्टेप टू स्टेप कैसे करें अप्लाई
Char Dham Yatra 2024: एक बार फिर से केदारनाथ, बद्रीनाथ के दर्शन की इच्छा रखे हुए भक्तों को मौका मिलने वाला है, क्योंकि 10 मई यानी अक्षय तृतीया के साथ चार धाम की यात्रा शुरू होने वाली है। चार धाम में से केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री के कपाट अक्षय तृतीया को खुल जाएंगे और पवित्र धाम बद्रीनाथ के द्वार 12 मई को खोल दिए जाएंगे। एक बार यहां का वातावरण भगवान के जयकारों से गूंजने वाला है। अगर आप भी चार धाम की यात्रा के लिए जाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको पहले से रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बिना आप यात्रा नहीं कर पाएंगे। जानें कैसे करें रजिस्ट्रेशन सहित अन्य जानकारी…
इस साल चार धाम की यात्रा के लिए ऑनलाइन बुकिंग 15 अप्रैल से शुरू हो गए थी, जो जून के महीने तक चलेगी। मई माह के शुरुआत में ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा 21 लाख के पार जा चुका है। इसके कारण मई माह की बुकिंग फुल हो चुकी है। इसके अलावा ऑफलाइन पंजीकरण भी शुरू हो चुका है।
चार धाम का महत्व
चार धाम में केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और बद्रीनाथ पड़ते हैं। हर एक जगह का अपना-अपना अलग महत्व है।
यमुनोत्री का महत्व
बता दें कि चार धाम का पहला पड़ाव यमुनोत्री है। इसे यमुना नदी का स्रोत कहा जाता है। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के गढ़वाल हिमालय में .यमुनोत्री स्थित है।
गंगोत्री का महत्व
चारधाम का दूसरा पड़ाव गंगोत्री है। यह भी उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में राजश्री गढ़वाल हिमालय स्थित है। गोमुख गंगोत्री ग्लेशियर में भागीरथी नदी का स्रोत है, जो गंगा नदी के मुख्य धाराओं में से एक है। गोमुख गंगा नदी का उद्गम स्थल भी है। बता दें कि करीब 19 किलोमीटर का ट्रैक है। इसके बाद साधक यहां पर गंगा स्नान करते हैं और अपनी गलतियों के लिए माफी मांगते हैं।
केदारनाथ का महत्व
यह हिंदुओं के पवित्र स्थलों में से एक माना जाता है। यह भगवान शिव स्वयंभू के रूप में विराजित है। बता दें कि इसकी यात्रा गौरीकुंड से शुरू होती है। इस मंदिर की गणना बारह ज्योतिर्लिंग और पंच केदार में की जाती है।
बद्रीनाथ का महत्व
चारधाम की यात्रा का समापन बदरीनाथ के साथ हो जाता है। यह हिमालय के पर्वत श्रेणी में अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है। यह भगवान विष्णु का मंदिर है। जहां पर नर और नारायण की पूजा की जाती है। बता दें कि बदरीनाथ मंदिर के परिसर में करीब 15 मूर्तियां स्थापित है।
चारधाम यात्रा का कैसे करें ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
अगर आप इस साल 2024 में चारधाम यात्रा करने में इच्छुक है, तो उसके लिए पहले रजिस्ट्रेशन जरूर करा लें।
- सबसे पहले चार धाम यात्रा की ऑफिशियल वेबसाइट registrationandtouristcare.uk.gov.in पर लॉगिन कर लें।
- इसके बाद रजिस्टर या लॉगिन पर क्लिक करें। इसके बाद पर्सनल डेटा भरने के लिए एक फॉर्म खुलेंगा।
- सभी जानकारी जैसे नाम,मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी , राज्य आदि भरकर साइन अप करें। यहां पर आप फैमिली, ग्रुप कैसे जा रहे हैं, वो क्लिक करें
- इसके बाद आपको यात्रा से जुड़ी हर जानकारी दें।
- रजिस्ट्रेशन सफलतापूर्वक होते ही आपके मोबाइल नंबर पर चार धाम यात्रा रजिस्ट्रेशन नंबर आ जाएगा।
- इसी रजिस्ट्रेशन नंबर से ही आप अपना रजिस्ट्रेशन कार्ड डाउनलोड कर लें।
- चार धाम यात्रा के दौरान इस कार्ड को हमेशा साथ में रखें। इसी को दिखाकर आपकी एंट्री होगी।
चार धाम यात्रा की ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा
अगर आप ऑलाइन रजिस्ट्रेश नहीं कर पाए रहे हैं, तो आप ऑफलाइन भी करा सकते हैं। 8 मई से हरिद्वार और ऋषिकेश में ऑफलाइन पंजीकरण शुरू हो चुका है। आप यहां जाकर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।