25 हजार करोड़ के जिस घोटाले में अजित पवार का नाम उसे लेकर क्यों भिड़ गई ED और मुंबई पुलिस? जानिए मामला
महाराष्ट्र में सहकारी बैंक से जुड़े कथित 25 हजार करोड़ के घोटाले को लेकर ED और मुंबई पुलिस आमने-सामने है। जहां एक तरफ मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने क्लोज़र रिपोर्ट दर्ज कर दी है। वहीं ED इसका विरोध कर रही है और ED ने इसके खिलाफ हस्तक्षेप अर्जी फाइल कर दी है।
इस मामले में मुंबई पुलिस ने अजित पवार को नामजद किया था लेकिन अब मुंबई पुलिस ने कहा है कि सहकारी बैंक को कथित घोटाले से कोई नुकसान नहीं हुआ है।
मुंबई पुलिस की क्लोज़र रिपोर्ट में क्या है?
शहर पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने गुरुवार को मामले को बंद करने के खिलाफ केंद्रीय एजेंसी की याचिका का विरोध किया और कहा गया कि कथित धोखाधड़ी के कारण शीर्ष सहकारी बैंक को कोई अनुचित नुकसान नहीं हुआ है। इसके बाद मुंबई पुलिस ने मामले को बंद करने की मांग की। लेकिन ईडी ने यह चिंता व्यक्त करते हुए हस्तक्षेप किया कि क्लोज़र रिपोर्ट को स्वीकार करने से घोटाले से जुड़ी उनकी चल रही जांच प्रभावित होगी।
आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने अदालत में एक लिखित दलील पेश की है जिसमें उन्होंने ईडी के हस्तक्षेप को खारिज कर दिया है। कहा गया है कि सांसदों और विधायकों से जुड़े मामलों के लिए एक विशेष अदालत ने पहले भी इसी तरह की याचिका खारिज कर दी थी।
साल 2020 में पहले भी और इसके अब ईओडब्ल्यू ने इस साल मार्च में फिर से मामले को बंद करने का प्रयास किया और क्लोज़र रिपोर्ट दायर की है। अगस्त 2019 में हाईकोर्ट के आदेश के बाद दर्ज की गई एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि चीनी सहकारी समितियों, कताई मिलों और अन्य संस्थाओं द्वारा जिला और सहकारी बैंकों से प्राप्त कई हजार करोड़ रुपये के ऋण को डायवर्ट किया गया और चुकाया नहीं गया।