लड़की ने दर्ज करवाया रेप का झूठा मुकदमा, पीड़ित साढ़े 4 साल रहा जेल में; जांच में दोषी साबित हुई महिला तो कोर्ट ने सुना दिया ऐतिहासिक फैसला
उत्तर प्रदेश की बरेली की जिला अदालत ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। करीब 5 साल पहले एक लड़की ने एक व्यक्ति पर रेप का आरोप लगाया और मामला दर्ज करवाया था। मामला दर्ज करवाते ही पुलिस ने आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद पुलिस ने आरोपी पर पॉस्को एक्ट सहित कई गंभीर धाराएं लगा दी।
साढ़े 4 साल पीड़ित जेल में रहा
इसके बाद आरोपी जेल में रहा और परिवार मुकदमा लड़ता रहा। 30 सितंबर 2019 को आरोपी बरेली की जिला कारागार में बंद हुआ था। इसके बाद अब इस मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाया है। जांच हुई और लड़की अपने बयानों से मुकर गई और फिर आरोपी व्यक्ति को कोर्ट ने बाइज्जत बरी कर दिया। 4 साल 6 महीने 8 दिन आरोपी जेल में रहा। यानी वह कुल 1653 दिन जेल में रहा।
लड़की पर लगा जुर्मना
जब पीड़ित बरी हो गया उसके बाद अपर सेशन जज ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने एक ऐतिहासिक फैसला सुना दिया। उन्होंने केस करने वाली लड़की को दोषी माना और उसे उतना ही दिन जेल में रहने की सजा सुनाई गई है, जितना दिन पीड़ित अजय जेल में रहा। इसके अलावा लड़की पर 5 लाख 88 हजार 822 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
इस पैसे को पीड़ित को देने को कहा गया है। कोर्ट ने माना कि यदि आरोपी जेल में ना होता और बाहर होता तो न्यूनतम मजदूरी के हिसाब से 5 लाख 88 हजार 822 रुपये बनते। ऐसे में उस पीड़ित व्यक्ति को लड़की की ओर से इतना रुपया दिया जाएगा।
पीड़ित के वकील ने कहा कि अमूमन दुष्कर्म के कई मामलों में ऐसी स्थिति आती है, जहां अदालत का समय भी बर्बाद होता है और व्यक्ति की प्रतिष्ठा भी खराब होती है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति का पूरा परिवार भी परेशान रहता है।
परिवाद का मामला दर्ज
लड़की के बयान से मुकरने के बाद अदालत ने युवती के खिलाफ भारतीय दंड संहिता 195 के तहत परिवाद का मामला दर्ज करने को कहा। ऐसे मामले जिसमे 7 साल से ज्यादा की सजा होती है और अगर इसमें गलत आरोप के संबंध में कोई मामला सामने आता है, तो ऐसे में परिवाद दर्ज किया जा सकता है।