दिल्ली में अवैध निर्माणों का सर्वेक्षण, हाईकोर्ट ने MCD और DDA को दिया यह निर्देश
दिल्ली में अगले कुछ दिनों बाद जमीनों का सर्वेक्षण कराया जाएगा। इस दौरान सभी जमीनों पर हुए अवैध निर्माणों का पता लगाकर उनके मालिकों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को डीडीए और एमसीडी से कहा कि वे राष्ट्रीय राजधानी में अपनी भूमि का सर्वेक्षण करने के लिए एजेंसी को अंतिम रूप दें और इस कार्य को पूरा करने के लिए एक समयसीमा बताएं। अदालत का आदेश दिल्ली में अनधिकृत निर्माण से संबंधित एक याचिका पर आया, जिसमें केंद्रीय संरक्षित स्मारकों के पास के क्षेत्र भी शामिल हैं।
MCD और DDA के उच्चाधिकारियों के बीच बैठक में हुआ था फैसला
दिल्ली नगर निगम (MCD) की ओर से पेश वकील ने बताया कि इस मुद्दे के संबंध में एमसीडी आयुक्त और दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) के उपाध्यक्ष के बीच एक बैठक हुई और यह निर्णय लिया गया कि दिल्ली में उनकी संबंधित भूमि का सर्वेक्षण किया जाए। उनकी स्थिति का पता लगाने के लिए कदम उठाए जाएंगे और किसी भी बदलाव की जांच के लिए हर छह महीने में उसका दोबारा दौरा किया जाएगा।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ ने कहा, "एमसीडी और डीडीए दोनों को उस एजेंसी को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया जाता है जिससे दिल्ली का सर्वेक्षण कराया जाना है और एक समय सीमा बताएं कि यह कब पूरा होगा।"
एमसीडी, डीडीए के दायरे में आने वाले पूरे क्षेत्र का नक्शा बनेगा
सुनवाई के दौरान अदालत ने सुझाव दिया कि अधिकारी वन क्षेत्रों सहित पूरे शहर का सर्वेक्षण करें। एमसीडी के वकील ने बताया कि प्रत्येक एजेंसी अपनी जमीन के लिए जिम्मेदार है और इस काम को अन्य भूमि मालिक एजेंसियों द्वारा भी दोहराया जा सकता है। वकील ने कहा, "हम पूरे क्षेत्र का नक्शा बनाने जा रहे हैं जो एमसीडी, डीडीए के दायरे में आता है। हम उस पर नजर रखेंगे और हर छह महीने में इसका दोबारा निरीक्षण करेंगे ताकि निर्माण में कोई भी बदलाव हो तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सके।"
उन्होंने यह भी कहा कि बैठक में सैटेलाइट इमेजरी, डिजिटल मैप और ड्रोन सर्वेक्षण जैसी नई तकनीक पर ध्यान दिया गया और एमसीडी और डीडीए भूमि का सर्वेक्षण भारतीय सर्वेक्षण द्वारा करने का प्रस्ताव दिया गया। मामले की अगली सुनवाई 2 जुलाई को होगी।