scorecardresearch
For the best experience, open
https://m.jansatta.com
on your mobile browser.

सिक्किम में बादल फटने से फिर तबाही, 6 की मौत; 15 विदेशी समेत 1200 टूरिस्ट फंसे

मुख्य सचिव वीबी पाठक ने मौसम साफ रहने पर फंसे हुए पर्यटकों को हवाई मार्ग से निकालने के लिए केंद्र से बातचीत शुरू की है।
Written by: न्यूज डेस्क | Edited By: Nitesh Dubey
नई दिल्ली | Updated: June 14, 2024 19:53 IST
सिक्किम में बादल फटने से फिर तबाही  6 की मौत  15 विदेशी समेत 1200 टूरिस्ट फंसे
सिक्किम में बादल फटने से तबाही (फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)
Advertisement

सिक्किम के मंगन जिले में बादल फटने से तबाही आई है। एक हजार से अधिक पर्यटक भी फंस गए हैं। वहीं 15 विदेश टूरिस्ट भी फंसे हुए हैं। सिक्किम सरकार ने कहा कि मंगन जिले में बादल फटने के कारण बुधवार रात 220.1 मिमी से अधिक लगातार बारिश हुई। सरकार ने बताया कि छह लोगों की मौत हो गई।

Advertisement

1200 से अधिक घरेलू पर्यटक फंसे

सिक्किम के पर्यटन विभाग के अनुसार 1200 से अधिक घरेलू पर्यटक और 15 विदेशी नागरिक (10 बांग्लादेश से, तीन नेपाल और दो थाईलैंड) मंगन शहर से लगभग 50 किमी दूर लाचुंग गांव में फंसे हुए हैं। मुख्य सचिव वीबी पाठक ने मौसम साफ रहने पर फंसे हुए पर्यटकों को हवाई मार्ग से निकालने के लिए केंद्र से बातचीत शुरू की है। वैकल्पिक रूप से उन्हें सड़क मार्ग से निकाला जाएगा। हालांकि कनेक्टिविटी बहाल करने में एक हफ्ते का समय लग सकता है।

Advertisement

वीबी पाठक ने कहा, "मंगन जिले में भूस्खलन से पक्षेप और अंभीथांग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और छह लोगों की मौत हो गई है और कुछ के घायल होने की खबर है। पक्षेप में एक राहत शिविर स्थापित किया गया है। राज्य ने पीड़ित परिवारों के लिए राहत की घोषणा की है। मंगन जिला प्रशासन को सूचित कर दिया गया है। जल्द से जल्द राहत राशि जारी की जायेगी।"

लाचुंग में फंसे पर्यटकों को निकालने के बारे में मुख्य सचिव ने कहा, "सक्रिय भूस्खलन के कारण हमें छह-सात स्थानों पर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। सड़कों को सही करने में हमें लगभग पांच से सात दिन लगेंगे और निर्देश जारी किए गए हैं। सीमा सड़क संगठन और राज्य लोक निर्माण विभाग ने मौसम की स्थिति के आधार पर निकासी के लिए वायु सेना के हेलीकॉप्टरों की मांग भेजी है।''

Advertisement

वीबी पाठक ने यह भी आश्वासन दिया कि झीलों को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सिक्किम में 15 से अधिक झीलों का लगातार अवलोकन और निगरानी कर रहा है। ऐसा कोई खतरा नहीं है। राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग सेंटर और सीडीएसी राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और महत्वपूर्ण डेटा शेयर कर रहे हैं। मानसून के दौरान झील के फटने से बाढ़ का कोई संभावित खतरा नहीं है।

Advertisement

सिक्किम में पिछले साल भी आई थी तबाही

सिक्किम में पिछले साल अक्टूबर महीने में भी झील टूटने से भारी तबाही आई थी। इसमें करीब 40 लोगों की मौत हुई थी और कई लोग लापता हो गए थे। 4 अक्टूबर 2023 को बादल फटा था और तीस्ता नदी में बाढ़ आ गई थी। इस घटना में 88,000 लोग प्रभावित हुए थे।

Advertisement
Tags :
Advertisement
Jansatta.com पर पढ़े ताज़ा एजुकेशन समाचार (Education News), लेटेस्ट हिंदी समाचार (Hindi News), बॉलीवुड, खेल, क्रिकेट, राजनीति, धर्म और शिक्षा से जुड़ी हर ख़बर। समय पर अपडेट और हिंदी ब्रेकिंग न्यूज़ के लिए जनसत्ता की हिंदी समाचार ऐप डाउनलोड करके अपने समाचार अनुभव को बेहतर बनाएं ।
×
tlbr_img1 Shorts tlbr_img2 खेल tlbr_img3 LIVE TV tlbr_img4 फ़ोटो tlbr_img5 वीडियो