फिर धंसा रामपथ, रामनगरी अयोध्या में बारिश से कई इलाके हुए जलमग्न
Ayodhya Ram Mandir: रामनगरी अयोध्या में बुधवार की सुबह करीब तीन घंटे तक हुई मूसलाधार बारिश के चलते एक बार फिर रामपथ धंस गया। इसके बाद रिकाबगंज रोड पर बैरियर लगाकर एक लेन पर आवागमन बंद कर मरम्मत का काम शुरू कर दिया गया। इसके अलावा नगर के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं।
बता दें कि इससे पहले शनिवार की रात भर हुई बारिश में रिकाबगंज के आसपास कई जगहों पर रामपथ धंस गया था। यहां गिट्टी और बालू डालकर मरम्मत कराई गई थी। एक बार फिर बारिश होने पर यहीं पर सड़क धंस गई है। आनन-फानन में जेसीबी से रोड की पटाई कराई जा रही है। इसके अलावा बारिश के चलते बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के अंदर पेड़ गिर गया है। जल निकासी न होने के कारण बेसिक शिक्षा डायरेक्ट ऑफिस, पीडब्ल्यूडी ऑफिस और जिला पशु चिकित्सालय समेत कई ऑफिसों में पानी भर गया है। पुलिस लाइन गेट से पुष्पराज चौराहे तक रोड पर लबालब पानी भर गया है।
शहर की कई कालोनी और मोहल्ले भी जलमग्न हो गए हैं। कई जगहों पर घरों में पानी घुस गया है। अयोध्या धाम में जलवानपुरा के हालात एक बार फिर बिगड़ गए। यहां चारों तरफ पानी ही पानी दिख रहा है। लोग अपने घरों में घुसे पानी को निकालने की कवायद में जुटे हुए हैं।
अयोध्या के राम मंदिर में पानी टपकने का मामला
अयोध्या के राम मंदिर में पानी टपकने का मामला भी गरमाया हुआ था। मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने दावा करते हुए कहा था कि राम मंदिर की छत टपक रही है। इसके बाद नृपेंद्र मिश्र ने मामले पर बड़ा बयान दिया। नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि मंदिर बनाने में कही भी किसी तरह की तकनीकी खामी नहीं है। उन्होंने कहा कि इस मंदिर का निर्माण देश की जानी मानी इंजिनियरिंग टीम की देखरेख में उच्च मानकों पर हो रहा है। उन्होंने बताया कि मंदिर के गूढ़ मंडप के ऊपर दूसरे तल को बनाने का काम चल रहा है। इसका शिखर खुला हुआ है। इस जगह से ही नीचे पानी आने की आशंका है।
वहीं, राम मंदिर की छत टपकने के मामले में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के आधिकारिक एक्स हैंडल से किए गए ट्वीट में कहा गया कि मंदिर व परकोटा परिसर में बरसात के पानी की निकासी का उत्तम प्रबंध किया गया है, जिसका कार्य प्रगति पर है। पूरे परिसर को बरसात के पानी के लिए बाहर शून्य वाटर डिस्चार्ज के लिए प्रबंधन किया गया है। परिसर मे बरसात के पानी को अंदर रखने के लिये रिचार्ज पिट्स का निर्माण किया जा रहा है।