'कट्टरपंथी हत्या करना चाहते हैं…', ज्ञानवापी सर्वे का आदेश देने वाले जज को मिली धमकी, NIA कोर्ट ने मांगी सुरक्षा
उत्तर प्रदेश के वाराणसी ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे करने का आदेश देने वाले जज रवि कुमार दिवाकर को धमकी मिलने के बाद एनआईए कोर्ट के स्पेशल जज विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने रजिस्ट्रार जनरल इलाहाबाद हाई कोर्ट को चिट्ठी लिखकर उनकी सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। बता दें जज रवि कुमार दिवाकर को तीन हफ्ते पहले अदनान खान नाम के शख्स ने धमकी दी थी और पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया था।
विवेकानंद शरद त्रिपाठी ने पत्र में कहा कि जांच से पता चला है कि इस्लामी कट्टरपंथी जज दिवाकर की हत्या की साजिश रच रहे हैं। यह एक संवेदनशील मुद्दा है। अगर अदनान की गतिविधियों पर शिकंजा नहीं कसा गया तो कोई बड़ी घटना हो सकती है।
जज दिवाकर ने भी यूपी के चीफ सेक्रेटरी को लिखा पत्र
जज दिवाकर बरेली में एडिशनल सेशन जज हैं। उन्होंने खुद भी यूपी के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की है। 13 मई 2022 को इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद मुझे और मेरे परिवार को सुरक्षा मुहैया कराई गई थी, लेकिन मौजूदा स्तर पर यह कम लगती है।
यह साफ है कि इस्लामी कट्टरपंथी अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों का ब्रेनवॉश कर रहे हैं और मुझे काफिर बताकर उन्हें मेरे खिलाफ कर रहे हैं ताकि मुझे मरवा सकें। इसलिए मुझे और मेरे परिवार को सही से सुरक्षा मुहैया कराने के लिए यह पत्र भेजा जा रहा है। इस साल 25 अप्रैल को जज दिवाकर ने बरेली पुलिस को बताया कि उन्हें धमकी भरे इंटरनेशनल कॉल आ रहे हैं।
एटीएस ने कई धाराओं में केस किया दर्ज
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उनकी सुरक्षा में दो कर्मी शामिल हैं। यह किसी भी आंतकी हमले को रोकने में काफी हद तक कामयाब नहीं है। आतंकी हमले की स्थिति में उनके पास आधुनिक हथियार भी नहीं है। 3 जून को यूपी एटीएस जांच अधिकारी ने अदनान खान के खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की।
खान ने कथित तौर पर जज दिवाकर के खिलाफ धमकियां देने के लिए अपने इंस्टाग्राम अकाउंट का इस्तेमाल किया। इससे उनके खिलाफ हिंसा को बढ़ावा मिला। एटीएस अधिकारी प्रभाकर ओझा द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में कहा गया है कि अदनान खान एक इंस्टाग्राम अकाउंट चलाता है जिसके जरिए वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद मामले की सुनवाई कर रहे जज रवि कुमार दिवाकर को धमकी दी गई है।