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Lok Sabha Elections Basirhat Seat: पश्चिम बंगाल में बशीरहाट लोकसभा पर क्यों है सभी की नजर, क्या संदेशखाली का असर BJP को पहुंचाएगा फायदा

Lokl Sabha Elections 2024: बशीरहाट लोकसभा पर टीएमसी ने हाजी नूरुल इस्लाम को टिकट दिया है, जबकि BJP ने रेखा पात्रा को मैदान में उतारा है। सीपीआई (एम) ने निरपदा सरदार को टिकट दिया है, जबकि इंडियन सेक्युलर फ्रंट ने अख्तर रहमान बिस्वास को टिकट दिया है।
Written by: न्यूज डेस्क | Edited By: Mohammad Qasim
नई दिल्ली | Updated: June 01, 2024 08:32 IST
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सीएम ममता बनर्जी और पीएम मोदी (Photos by PTI)
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पश्चिम बंगाल की बशीरहाट लोकसभा का मुकाबला दिलचस्प माना जा रहा है। वजह संदेशखाली है, जहां टीएमसी और बीजेपी के बीच महिलाओं के शोषण से जुड़े मामले पर काफी टकराव देखा गया था। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के एक प्रमुख नेता द्वारा कथित अत्याचार और भूमि हड़पने की खबरों के बाद यह संसदीय क्षेत्र काफी सुर्खियों में आया था। संदेशखाली बशीरहाट लोकसभा की 7 विधानसभाओं में से एक है। अब यहां मतदान शुरू हो चुका है और इस सीट पर सभी की नज़रें बनी हुई हैं। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के एक प्रमुख नेता द्वारा कथित अत्याचार और भूमि हड़पने की खबरों के बाद सुर्खियों में आया था।

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बशीरहाट लोकसभा पर एक नज़र

बशीरहाट लोकसभा पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से एक है। इस सीट को बीजेपी ने पूरे राज्य में लोकसभा चुनाव के दौरान अपने प्रचार और टीएमसी पर हमलों का केंद्र बनाए रखा। खासतौर पर महिलाओं से जुड़े मुद्दे को बीजेपी ने प्रमुखता से उठाया। इस ही बीच दोनों दलों ने अपने प्रत्याशियों के नाम भी घोषित किए। अब सभी की इस सीट पर हो रहे मतदान पर नजर है।

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टीएमसी ने यहां से हाजी नूरुल इस्लाम को टिकट दिया है, जबकि BJP ने रेखा पात्रा को मैदान में उतारा है (जो संदेशखली अत्याचारों के पीड़ितों में से एक बताई जाती हैं) सीपीआई (एम) ने निरपदा सरदार को टिकट दिया है, जबकि इंडियन सेक्युलर फ्रंट ने अख्तर रहमान बिस्वास को टिकट दिया है।

क्यों चर्चा में यह सीट?

बीजेपी ने संदेशखाली में महिलाओं के साथ हुए शोषण के मुद्दे पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किए थे। कथित तौर पर ये अपराध स्थानीय तृणमूल नेताओं द्वारा किए गए थे और पार्टी के नेता एस.के. शाहजहां और उनके साथियों को गिरफ्तार किया गया था। लेकिन संदेशखाली की चर्चा से परे बांग्लादेश बॉर्डर पर मौजूद इस इलाके में अवैध घुसपैठ से लेकर बेरोजगारी तक के कई और भी मुद्दे हैं जिनपर लोग बात कर रहे हैं।

हालांकि संदेशखाली मामले में इन घटनाओं का न केवल सत्तारूढ़ टीएमसी पर गहरा असर पड़ा, बल्कि पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी की छवि भी सार्वजनिक रूप से सवालों के घेरे में आ गई। आज इस सीट पर मतदान हो रहा है और 4 जून को नतीजे सामने आएंगे।

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