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स्कूल के पास थी शराब की दुकान, विरोध में हाईकोर्ट पहुंचा LKG का बच्चा, अदालत ने योगी सरकार को दिया ये निर्देश

स्कूल के पास शराब की दुकान के चलते कानपुर का एक छात्र ने अदालत का दरवाजा खटखटाया, जिस पर कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है।
Written by: न्यूज डेस्क
नई दिल्ली | Updated: May 08, 2024 21:59 IST
स्कूल के पास थी शराब की दुकान  विरोध में हाईकोर्ट पहुंचा lkg का बच्चा  अदालत ने योगी सरकार को दिया ये निर्देश
शराब की दुकान से परेशान हुआ छात्र (सोर्स - PTI/File)
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Liquor Licence Cas: उत्त्तर प्रदेश के कानपुर में स्कूल के पास बनी एक शराब की दुकान से परेशान एक पांच साल का एलकेजी में पढ़ने वाला बच्चा अपने हक की लड़ाई के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) पहुंच गया और वहां उसकी परेशानी भी हल हो गई। इस केस में हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को शराब लाइसेंस को लेकर सख्त निर्देश भी जारी किए।

दरअसल, यह मामला कानपुर शहर में चिड़ियाघर के पास स्थित आजाद नगर मोहल्ले से जुड़ा हुआ है। जहां का पांच साल का अथर्व दीक्षित आजाद नगर इलाके में स्थित सेठ एमआर जयपुरिया स्कूल में एलकेजी का छात्र है। स्कूल से महज बीस मीटर की दूरी पर शराब का ठेका है। नियम के मुताबिक सरकारी ठेका दिन में दस बजे के बाद ही खुलना चाहिए लेकिन अक्सर यहां सुबह छह सात बजे से ही शराबियों का जमावड़ा लग जाता है।

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प्रशासन ने शिकायत पर भी नहीं की कार्रवाई

शराब के ठेके के बाहर लोग लोग शराब के नशे में हुड़दंग करते हैं। स्कूल के पास रिहायशी बस्ती भी है, जहां सैकड़ो की संख्या में लोग रहते हैं, जिसके चलते लोगों को सुबह-सुबह की परेशानियां का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अथर्व इन शराबियों से परेशान था और स्कूल जाने में भी डरता था। अथर्व के कहने पर उसके परिवार वालों ने कानपुर के अफसरों से लेकर यूपी सरकार तक कई बार शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

प्रशासन ने शराब के ठेके को लेकर यह तर्क दिया कि अथर्व का यह स्कूल 2019 में खुला है, जबकि शराब का ठेका तकरीबन तीस साल पुराना है। इस पर अथर्व ने अपने परिवार वालों से मदद लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर दी। यूपी सरकार के इस तर्क पर अलाहाबाद हाई कोर्ट ने सरकार से यह बताने को कहा था कि स्कूल खुलने के बाद साल दर साल शराब के ठेके के लाइसेंस रिन्यू क्यों किया जा रहा था।

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क्या रहा कोर्ट का फैसला

इस मामले में बच्चे अथर्व की तरफ से उसके अधिवक्ता आशुतोष शर्मा ने दलीलें पेश की थीं और कहा गया कि इस मामले में नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है और स्कूल के बगल शराब का ठेका होने से यहां बच्चों का भविष्य खतरे में है। इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अरुण भंसाली और जस्टिस विकास बुधवार की डिवीजन बेंच ने इस मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद दो मई को अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया था।

उच्च अदालत ने कानपुर के पांच साल के बच्चे अथर्व की जनहित याचिका को मंजूर करते हुए यूपी सरकार को आदेश दिया है कि शराब के इस ठेके का रिन्यूअल कभी न किया जाए। शराब के ठेके का लाइसेंस अगले साल मार्च महीने तक है।इसके बाद इसे किसी दूसरी जगह शिफ्ट किया जा सकता है।

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