Haryana Politics: कौन बनेगा हरियाणा बीजेपी का अध्यक्ष? विधानसभा चुनाव से पहले इन नामों की हो रही चर्चा
हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में हरियाणा में बीजेपी को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा। हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों में बीजेपी को केवल पांच सीटों पर ही जीत हासिल हुई, जबकि पांच पर कांग्रेस ने बाजी मारी। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने सभी 10 सीटें जीती थीं। हरियाणा में इसी साल विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं और पार्टी को नया प्रदेश अध्यक्ष भी चुनना है।
वर्तमान में प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी राज्य के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ही संभाल रहे हैं। लेकिन अब पार्टी विधानसभा चुनाव से पहले ही नए प्रदेश अध्यक्ष के साथ चुनाव में जाएगी। अगर हम प्रदेश अध्यक्ष पद की बात करें तो बीजेपी में जाट और अनुसूचित जाति चेहरों के बीच मामला फंसा हुआ है।
बीजेपी के हरियाणा से केवल पांच लोकसभा सदस्य जीत कर आए हैं। इसके बावजूद उसने केंद्र में तीन सांसदों को मंत्रीमंडल में जगह दी है। हरियाणा के तीन बड़े चेहरे मनोहर लाल खट्टर, राव इंद्रजीत सिंह और कृष्ण पाल गुर्जर मोदी सरकार में मंत्री बनाए गए हैं। जबकि ओबीसी समाज से आने वाले नायब सिंह सैनी सीएम हैं। ऐसे में भाजपा जाट या गैर जाट में एससी समुदाय से ही किसी को प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है।
ये दलित चेहरे बन सकते हैं प्रदेश अध्यक्ष
हरियाणा में दलित चेहरे के रूप में पांच नाम प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में शामिल है। भाजपा के राज्यसभा सदस्य कृष्ण लाल पंवार, सांसद सुनीता दुग्गल, बंतों कटारिया, कृष्ण बेदी और अशोक तंवर का नाम प्रदेश अध्यक्ष के पद के लिए चल रहा है। बंतों कटारिया और सुनीता दुग्गल का नाम सबसे ऊपर है।
तीन जाट चेहरों का नाम भी रेस में शामिल
प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में तीन जाट चेहरों का भी नाम शामिल है। सुभाष बराला, कैप्टन अभिमन्यु और ओपी धनखड़ का नाम प्रदेश अध्यक्ष के पद के लिए चल रहा है। इसमें सबसे मजबूत नाम सुभाष बराला का है, जो पहले भी दो बार हरियाणा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। अहम बात यह है कि हरियाणा में जब दोनों ही बार बीजेपी को जीत हासिल हुई, उस दौरान प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला ही थे। सुभाष बराला मनोहर लाल खट्टर के भी करीबी माने जाते हैं। जबकि कैप्टन अभिमन्यु और ओपी धनखड़ खट्टर के करीबी नहीं हैं।
सुभाष बराला के नेतृत्व में बीजेपी का प्रदर्शन रहा था शानदार
2014 में जब लोकसभा और विधानसभा चुनाव में बीजेपी को जीत मिली, तब प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला थे, जो बीजेपी के बड़े जाट चेहरे हैं। वहीं 2019 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी जब जीती, तब प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला ही थे। उनके बाद 2020 से 2023 तक पार्टी ने ओपी धनखड़ को प्रदेश अध्यक्ष बनाया। इसके बाद नायब सिंह सैनी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया और बाद में उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया गया।
हरियाणा में बीजेपी का प्रदर्शन
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने हरियाणा की 10 में से 7 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी। इसी साल प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए और पार्टी को पहली बार हरियाणा में अकेले दम पर पूर्ण बहुमत मिला। पार्टी ने 47 सीटों पर जीत हासिल की। यह चुनाव बिना किसी चेहरे के पार्टी ने लड़ा था। इसके बाद 2019 का लोकसभा चुनाव आया और पार्टी ने सबसे अच्छा प्रदर्शन करते हुए सभी 10 की 10 सीटें जीत ली। हालांकि 4 महीने बाद ही प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए और पार्टी को अकेले दम पर बहुमत नहीं मिला। 2019 के विधानसभा चुनाव में हरियाणा में बीजेपी को 40 सीटों पर जीत हासिल हुई जबकि कांग्रेस ने 31 सीटें जीत ली। हालांकि उस दौरान दुष्यंत चौटाला की जेजेपी ने 10 सीटों पर जीत हासिल की और बीजेपी ने उनके साथ गठबंधन कर सरकार बनाई।