चुनाव में मिली हार फिर भी बीजेपी ने दिया इनाम, इन नेताओं की खुली किस्मत
हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी की सीटें घटी हैं। सबसे ज्यादा बीजेपी को नुकसान देश के सबसे बड़े सूबे यानी उत्तर प्रदेश में देखने को मिला है। जहां 2019 के चुनाव में बीजेपी के खाते में 62 सीटें आई थीं वहीं इस बार के बीते चुनाव में बीजेपी को महज 33 सीट ही मिली है। हालांकि बीजेपी आगामी चुनावी समीकरण को साधे हुए अभी भी चल रही है। तभी तो उसने विधान परिषद के लिए हो रहे उपचुनाव में भोजीपुरा के पूर्व विधायक बहोरन लाल मौर्य को टिकट दिया है। बहोरन लाल को 2022 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान हार का मुंह देखना पड़ा था लेकिन अब उनके भी दिन बहुरने वाले हैं।
यह पहली बार नहीं है जब बीजेपी ने हारे नेता पर दांव लगाया हो। 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव हारने वाले नेताओं में बहेड़ी से चुनाव हारने वाले छत्रपाल गंगवार लोकसभा पहुंच गए हैं। जबकि ऊंचाहार विधानसभा से चुनाव हारने वाले अमरपाल मौर्य और गाजीपुर सदर से हारने वाली संगीत बिंद राज्यसभा पहुंच चुकी हैं। इसके अलावा बहुत से ऐसे नेता भी हैं जिनका टिकट कटने के बाद उनको पार्टी ने सदन भेजकर उनको सम्मान दिया है।
चुनाव में हारने वाले नेताओं पर बीजेपी दांव लगाना छोड़ नहीं रही है। यहीं नहीं हारे हुए नेताओं को बीजेपी दांव लगाकर राज्यसभा या फिर MLC बनाकर सदन भेज रही है। इसके साथ ही पार्टी जातिगत समीकरण को साधने की भी पूरी कोशिश कर रही है। हालांकि सबसे जरूरी बात ये है कि जो नेता अपनी सीट नहीं बचा पा रहे हैं। उनको आगे बढ़ाना पार्टी के लिए कितना लाभकारी होने वाला है। ये बड़ा प्रश्न है।
बीजेपी ने केवल चुनाव हारने वाले नेताओं को ही इनाम नहीं दिया बल्कि कई ऐसे नेताओं पर भी दांव लगाया है जिनका पार्टी ने टिकट काट दिया था। ऐसे नेताओं की बात करें तो मुगलसराय से 2017 में विधायक बनीं साधना सिंह का 2022 में पार्टी ने टिकट काट दिया था। लेकिन जल्दी ही उनको पार्टी ने राज्यसभा भेज दिया। जबकि चंदौली से ही आने वाली दर्शना सिंह भी राज्यसभा सांसद हैं। इसके बाद भी बीजेपी चंदौली सीट जीतने में नाकाम रही।
वहीं चौरी-चौरा से विधायक रहीं संगीता यादव का भी टिकट 2022 के चुनाव में काट दिया गया था हालांकि उनको भी राज्यसभा भेज दिया गया है। संगीता को राज्यसभा भेजने के बाद भी प्रदेश में यादवों का वोट बीजेपी के पाले में नहीं गया।