दिल्ली सरकार अतिरिक्त काम कराना चाहती है तो मेहनताना दे, कोटाधारकों ने इस काम को नहीं करने की दी चेतावनी
दिल्ली सरकार के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की ओर से हाल ही में एक आदेश जारी कर कोटाधारकों को ई-केवाईसी करने के लिए कहा गया है। जिसका कोटाधारक लगातार विरोध कर रहे हैं। दिल्ली के करीब दो हजार कोटाधारकों का कहना है कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएस एक्ट) 2013 में कहीं नहीं लिखा है कि कोटाधारक राशन वितरण के अलावा प्रशासनिक कार्य करेंगे।
कोटाधारकों की यूनियन DSRDS ने काम करने से साफ मना किया
कोटाधारकों का कहना है कि ई-केवाईसी के जरिए राशन लाभार्थियों के सत्यापन का कार्य खुद विभाग का है न कि कोटाधारक का। यदि विभाग उनसे ई-केवाईसी का काम करवाना चाहता है तो दिल्ली सरकार को चाहिए कि वो उन्हें मेहनताना दें। कोटाधारकों की यूनियन दिल्ली सरकारी राशन डीलर्स संघ (डीएसआरडीएस) के अध्यक्ष शिवकुमार गर्ग ने कहा कि राशन कार्ड में नाम जोड़ने-घटाने, राशन कार्ड निरस्त करने, नवीनीकरण करने व लाभार्थियों के सत्यापन का काम खुद खाद्य एवं आपूर्ति विभाग का है।
12 जून 2024 को विभाग द्वारा परिपत्र जारी कर ई-केवाईसी के जरिए बायोमैट्रिक सत्यापन के लिए दिल्ली के कोटाधारकों को बोला गया है। जिसमें सहायक आयुक्त, खाद्य एवं संभरण अधिकारी, खाद्य एवं संभरण निरीक्षण, डाटा इंट्री आपरेटर को ट्रेनिंग देने के लिए 25-26 जून की तिथि निर्धारित की गई है। जिसके बाद कोटाधारकों से ई-केवाईसी का काम कराया जाएगा। लेकिन एनएफएस एक्ट 2013 व पीडीएस कंट्रोल आर्डर के अनुसार लाभार्थियों का ई- बायोमैट्रिक सत्यापन कोटाधारकों के द्वारा करवाए जाने का प्रावधान नहीं है।
कर्मचारियों की कमी के कारण लिया गया था फैसला
29 जनवरी 2014 को विभाग द्वारा एक आदेश जारी किया गया था, इस आदेश में कहा गया था कि विभाग को करीब 15 लाख राशनकार्ड के आवेदन प्राप्त हुए हैं। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में कर्मचारियों की कमी के चलते निर्णय लिया गया था कि सरकार के अन्य विभागों में कार्यरत समूह ‘बी’ व ‘सी’ के इच्छुक अधिकारी व कर्मचारी को सत्यापन के लिए काम पर लगाया जा सकता है।
यही नहीं प्रपत्रों के सत्यापन का कार्य सेवारत कर्मचारियों व सामान्य कार्यालय कार्य समय के बाद उनके निवास स्थान के निकट अवकाश के दिन करने पर प्रति फार्म 30 रुपए मानदेय देने का फैसला लिया गया था। तो यदि कोटाधारकों को विभाग ई-केवाईसी के कार्य पर लगाना चाहती है तो उन्हें चाहिए कि वो उन्हें मेहनताना दें।