राम मंदिर की सुरक्षा में तैनात SSF जवान की गोली लगने से मौत, हत्या या सुसाइड? पुलिस कर रही जांच
Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में राम मंदिर की सुरक्षा में तैनात एक जवान की गोली लगने से मौत हो गई है। घटना बुधवार सुबह करीब 5.25 बजे की है। इस जवान का नाम शत्रुघ्न विश्वकर्मा है और इसकी उम्र 25 साल है। वह अंबेडकरनगर का रहने वाला था। तीन महीने के बाद यह दूसरा मामला है जब किसी जब किसी जवान की गोली लगने से मौत हुई है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गोली की आवाज सुनकर बाकी साथी मौके पर पहुंचे और देखा कि जवान को गोली लगी हुई है और वह खून से लथपथ पड़ा हुआ है। उसे अस्पताल ले जाया गया। यहां से घायल जवान को ट्रामा सेंटर भेज दिया गया। लेकिन वहां पर डॉक्टरों ने जवान को मृत घोषित कर दिया। जवान की मौत के बाद मंदिर क्षेत्र में हड़कंप मच गया। आईजी और एसएसपी मौके पर पहुंचे। घटनास्थल की पूरी तरह से जांच की गई। फॉरेंसिक टीम ने भी मौके पर पहुंचकर जांच की। शुरुआती जांच के बाद आत्महत्या का मामला बताया जा रहा है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की असली वजह क्लियर हो पाएगी।
घटना की जानकारी परिजनों को दी
शत्रुघ्न विश्वकर्मा साल 2019 बैच का था। वह अंबेडकरनगर के सम्मनपुर थाने के कजपुरा गांव का रहने वाला था। एसएसएफ में उनकी तैनाती थी। अयोध्या के राम मंदिर की सुरक्षा के लिए एसएसएफ बल का गठन किया गया है। शत्रुघ्न के साथियों ने बताया कि घटना होने से पहले शत्रुघ्न फोन को देख रहा था। वह बीते कई दिनों से कुछ परेशान भी था। पुलिस ने घटना का जानकारी जवान के परिवार वालों को दे दी है। परिजनों को रो-रोकर बहुत बुरा हाल है। उन लोगों को इस बात का यकीन ही नहीं हो रहा है कि शत्रुघ्न अब इस दुनिया में नहीं है।
तीन महीने पहले भी हुई जवान की मौत
तीन महीने पहले भी राम मंदिर की सुरक्षा में तैनात एक जवान को गोली लग गई थी। उस मामले में तो जवान की गलती से ही गोली चल गई थी। बताया गया था कि वह बंदूक को साफ कर रहा था तब ही अचानक से ट्रिगर दब गया और गोली चल गई। वह जवान के सीने के आर-पार हो गई। अब हम बात करतें हैं एसएसएफ की। SSF यानी स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स का गठन योगी सरकार ने चार साल पहले किया था। एसएसएफ के पास किसी को भी बिना वारंट के गिरफ्तार करने का अधिकार है। इस फोर्स का नेतृत्व एडीजी स्तर के अधिकारियों के द्वारा किया जाता है।