छात्रा ने रची अपनी ही किडनैपिंग की झूठी कहानी, पिता से मांगी 30 लाख की फिरौती, जानें क्या थी वजह
राजस्थान के कोटा में एक स्टूडेंट ने अपने ही अपहरण का झूठा नाटक किया। 21 वर्षीय लड़की ने अपनी विदेश यात्रा के लिए 30 लाख रुपये जुटाने के मकसद से अपने अपहरण का झूठा नाटक किया। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने दावा किया है कि छात्रा अपने एक दोस्त के साथ विदेश जाना चाहती थी इसलिए उसने अपनी ही किडनैपिंग की साजिश रचते हुए परिजनों से 30 लाख रुपए की डिमांड की थी.
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के एक शख्स ने पुलिस में शिकायत की थी कि उन्हें अपनी बेटी की तस्वीरें मिलीं, जिसमें उसके हाथ और पैर बंधे हुए थे और उनसे फिरौती में 30 लाख रुपये मांगे गए हैं।
माता-पिता से मांगी थी 30 लाख की फिरौती
काव्या के माता-पिता मध्य प्रदेश के शिवपुरी में रहते हैं और हाल में जब उन्हें 30 लाख रुपये की फिरौती और अपनी बेटी के हाथ-पैर बंधे होने की तस्वीर मिली तो वे चौंक गये। अठारह मार्च को काव्या के पिता रघुवीर धाकड़ ने कोटा पुलिस में शिकायत दर्ज करायी कि उनकी बेटी का अपहरण कर लिया गया है।
कोटा की पुलिस अधीक्षक अमृता दुहान ने बताया कि पुलिस जांच में पता चला कि आखिरी बार काव्या मंगलवार शाम को इंदौर में नजर आयी थी। उनके अनुसार जांच में पता चला कि कोटा में अपनी मां द्वारा एक हॉस्टल में रखे जाने के बाद काव्या इंदौर चली गयी और वहां अपने दो पुरूष मित्रों के साथ रह रही है। पुलिस के अनुसार काव्या का एक दोस्त जांच में सहयोग कर रहा है और उसी ने पुलिस को बताया कि काव्या और दूसरा मित्र विदेश जाना चाहते थे लेकिन उनके पास पर्याप्त पैसे नहीं थे इसलिए उन्होंने फिरौती के लिए अपहरण का नाटक रखा। माना जाता है कि काव्या और दूसरा मित्र साथ में हैं।
सीएम तक पहुंची थी बात
छात्रा के पिता की शिकायत के बाद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा से इस मुद्दे पर बात की थी। सिंधिया ने पीड़िता के परिवार को आश्वासन दिया था कि छात्रा को अपहरणकर्ताओं से चंगुल से जल्द बचा लिया जाएगा।
काव्या नाम की इस लड़की को उसकी मां एक होस्टल में रहने और कोचिंग क्लास करने के लिए यहां छोड़कर गयी थी लेकिन वह पिछले साल महज तीन दिन यहां रही। उसका अब भी पता नहीं चला है। कोटा पुलिस के अनुसार लड़की अपने माता-पिता को तस्वीरें और मैसेज भेजकर यह विश्वास दिला रही थी कि वह अब भी कोटा में ही है।