राजस्थान में चुनाव के बाद अधिकारियों के बार-बार हो रहे ट्रांसफर, PMO तक पहुंचा मामला
पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने राजस्थान में बहुमत के साथ सरकार बनाई थी। बीजेपी ने जहां 115 सीटों पर जीत दर्ज की थी वहीं कांग्रेस को 69 सीटों से संतोष करना पड़ा था। प्रचंड जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी ने भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया था। जब से भाजपा ने दिसंबर 2023 में कांग्रेस से राजस्थान छीना है तब से राज्य में प्रशासनिक अधिकारियों के बड़े पैमाने पर तबादलों ने अफसरों को नाराज कर दिया है। यहां तक कि मामला प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) तक भी पहुंच गया है।
राजस्थान में नई सरकार के गठन के बाद से जारी तबादलों का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। बार-बार एक ही पद पर अधिकारी बदले जा रहे हैं। जिला परिषद सीईओ पद पर 15 दिन में तीसरी बाद बदलाव हुआ है। कुछ को केवल दो से तीन महीनों के भीतर कई बार स्थानांतरित किया गया है। एक अधिकारी को मात्र 10 दिनों की अवधि के भीतर एक ही पद के लिए दो बार पुन: नियुक्त किया गया।
बांसवाड़ा में 13 दिनों में तीन बार एएसपी का तबादला
सीएम भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार ने अब तक भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारियों की 13 सूचियां, राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) अधिकारियों की 11 सूचियां और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग की सात लिस्ट जारी की हैं। इसके अलावा, नवनिर्वाचित विधायकों पर अधिकारियों के तबादले और पोस्टिंग की सिफारिश करने के भी आरोप लगे हैं। बांसवाड़ा में बीते 13 दिनों में तीन बार एएसपी का तबादला हुआ है।
उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी के तीन स्टाफ सदस्यों और दूसरे डिप्टी सीएम प्रेम चंद बैरवा के दो स्टाफ सदस्यों का तीन महीने के भीतर तबादला कर दिया गया है।16 दिसंबर को दीया कुमारी के पद संभालने के बाद, राजस्थान-कैडर के अधिकारी गोपाल सिंह को उनका विशेष सहायक नियुक्त किया गया था। फरवरी में उनकी जगह जगवीर सिंह को ले लिया गया और बाद में उनकी जगह फिर से 22 फरवरी को ललित कुमार को नियुक्त कर दिया गया।
एक ही अधिकारी की 2-3 महीने में कई बार हुई पोस्टिंग
इसी तरह, बैरवा का ब्यूरोक्रेटिक स्टाफ भी 10 दिनों के भीतर दो बार बदला गया । पहले आरएएस अधिकारी राजेंद्र सिंह राठौड़ को विशेष सहायक का प्रभार दिया गया फिर भगत सिंह राठौड़ ने नौ दिनों के भीतर उनसे पदभार ले लिया। विवाद अब पीएमओ तक पहुंच गया है, राज्य सरकार के सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) ने पीएमओ को अवगत कराने के लिए पिछले तीन महीनों में ट्रांसफर किए गए सभी अधिकारियों की लिस्ट मांगी है।
राज्य के एक पूर्व मुख्य सचिव ने एक मीडिया हाउस को बताया, “तबादले इसलिए किए जाते हैं ताकि किसी की पसंद के अधिकारी को लाया जा सके और काम उसकी इच्छा के मुताबिक किया जा सके। इससे सिस्टम एक जैसी सोच के साथ काम करने लगता है। यह एक राजनीतिक परंपरा बन गई है और हर सरकार ऐसा ही करती है।” लेकिन जिस तरह से वर्तमान सरकार जिला स्तर पर भी चीज़ों को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है, वे लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमज़ोर करेगी।
राजस्थान-कैडर के एक अधिकारी ने कहा, “यह अब राज्य में एक मज़ाक बन गया है, जिसमें एक अधिकारी का बार-बार ट्रांसफर किया जाता है या एक ही महीने में एक पद पर तीन अलग-अलग अधिकारी हो जाते हैं। सरकार का कामकाज प्रभावित हो रहा है।”