नरेंद्र मोदी वाक़ई राजनीतिक रूप से चतुर हैं, अमित शाह उतने तेज नहीं हैं- इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने बताया कैसे सोनिया, राहुल आगे बढ़वा रहे BJP का एजेंडा
इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने पीएम नरेंद्र मोदी को अमित शाह से ज्यादा चालाक राजनेता बताया है। इंडियन एक्सप्रेस के आइडिया एक्सचेंज कार्यक्रम में सवालों के जवाब देते हुए रामचंद्र गुहा ने कहा कि अमित शाह डिवाइडर हैं, वो चीजों को मेनीप्यूलेट करने में माहिर हैं, लेकिन मोदी की सूझ-बूझ उनसे कहीं ज्यादा है।
मोदी को पता है कैसे नैरेटिव शिफ्ट करना है: गुहा
रामचंद्र गुहा ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजनीतिक सूझ-बूझ पर किसी को कोई शक नहीं होना चाहिए। मेरा मानना है कि अमित शाह की राजनीतिक समझ को जरूरत से ज्यादा आंका गया है, वो चीजों को तोड़-मरोड़कर पेश करने में माहिर हैं और डिवाइडर भी हैं, लेकिन मोदी चीजों को समझते हैं। मोदी को पता है कि नैरेटिव शिफ्ट कैसे करना है। बीजेपी पटेल और बोस को अपने आइकॉन की तरह पेश करती है, ये दोनों पूरी जिंदगी कांग्रेसी रहे। इससे आप समझ सकते हैं कि मोदी कितने चालाक हैं। मोदी को अंडरस्टीमेट बिल्कुल नहीं करना चाहिए... सिंबल, आइडियाज, नेम्स और इतिहास को अपने तरीके से गढ़ने की उनमें क्षमता है। भविष्य कैसा होना चाहिए, इस बारे में सपने दिखाने के मामले में भी उनका कोई सानी नहीं है। स्पष्ट तौर से कहा जा सकता है कि मोदी के विरोधी के तौर राहुल गांधी अक्षम साबित हुए हैं, न केवल राजनीतिक तौर पर बल्कि विचारधारा के स्तर पर भी।”
भारतीय लोकतंत्र के स्तर में गिरावट आई है: गुहा
गुहा ने आगे कहा, “मोदी और बीजेपी के लिए गांधी परिवार कई तरह से बेस्टफ्रेंड साबित हुआ है। आज जो हो रहा है इतिहास उस पर अपने हिसाब से निर्णय लेगा, लेकिन मैं चीजों को सिंबल और आइडियाज से अलग हटकर देख रहा हूं। मैं उन घटनाओं को गहराई से देख रहा हूं, जिनसे भारतीय लोकतंत्र के स्तर में गिरावट आई है। हमें इन सब बातों की चिंता करनी चाहिए। हमें उन सभी बातों की चिंता करनी चाहिए, जो मोदी की आंखों के सामने पिछले 8 साल में हुआ। विशेष तौर पर 2019 के बाद जो कुछ हुआ है, जब से अमित शाह की कैबिनेट में एंट्री हुई।”
राइट विंग दृष्टिकोण के हिसाब इतिहास को गढ़ा जा रहा है, प्रोसेस अब भी जारी है, ये आगे कहां तक जा सकता है, इतिहासकार होने के नाते इस पर आपने क्या निष्कर्ष निकाला है?
इस प्रश्न के उत्तर में रामचंद्र गुहा ने कहा, ''सोनिया गांधी और राहुल गांधी इस समय कांग्रेस के इन्चार्ज हैं, ये आगे भी चलता रहेगा, क्योंकि सोनिया गांधी के इतिहास में गांधी परिवार ही कांग्रेस है। हां, इसमें महात्मा गांधी जरूर शामिल हैं, लेकिन अधिकतर इसमें नेहरू, इंदिरा और राजीव गांधी ही नजर आते हैं। कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी और परिवारवाद ने बीजेपी को इतनी ताकत दी कि वो सीना ठोककर पटेल पर अपना दावा जताती है। सिर्फ पटेल ही नहीं, सुभाष चंद्र बोस हैं और भी कई बड़े कांग्रेसी नेता हैं। मुझे लगता है, मोदी और शाह चाहते हैं कि कांग्रेस की कमान हमेशा सोनिया-राहुल के पास ही रहे, क्योंकि ऐसा होने से उनके पॉलिटिकल, आइडियोलॉजिकल और इतिहास को दोबारा गढ़ने के मकसद पूरे हो रहे हैं।”