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Income Tax Saving: टैक्स बचाने के लिए अभी से करें प्लानिंग, पोस्ट ऑफिस की इन स्कीम में मिलेगा 80C का फायदा

Post Office schemes with 80C benefits: इनकम टैक्स बचाने के लिए इन्वेस्ट करना है, तो शुरुआत अभी से करें, ताकि अगले साल फरवरी-मार्च में आपको निवेश का कोई भी फैसला हड़बड़ी में न करना पड़े.
Written by: hema
May 08, 2024 15:02 IST
income tax saving  टैक्स बचाने के लिए अभी से करें प्लानिंग  पोस्ट ऑफिस की इन स्कीम में मिलेगा 80c का फायदा
टैक्स सेविंग के लिए आप अपने पोर्टफोलियो में पोस्ट ऑफिस की स्कीम्स को भी जगह दे सकते हैं. (File Photo : PTI)
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Income Tax Saving with Post Office schemes: इनकम टैक्स की बचत करने की परवाह आम तौर पर लोग वित्त वर्ष खत्म होने से पहले करते है. नौकरीपेशा लोगों के लिए जब जनवरी-फरवरी के महीने में अपने एंप्लॉयर के पास इनवेस्टमेंट डिटेल और उनके सर्टिफिकेट जमा करने की बारी आती है तो कई बार पता चलता है कि इस साल का टैक्स सेविंग से जुड़ा निवेश का लक्ष्य तो पूरा ही नहीं हुआ है. और फिर कई बार इनवेस्टमेंट से जुड़े फैसले हड़बड़ी में लेने पड़ते हैं. मिसाल के तौर पर अगर आयकर कानून के सेक्शन 80C के तहत सालाना 1.5 लाख रुपये के निवेश का टारगेट पूरा नहीं हुआ है, तो टैक्स छूट पाने के लिए ताबड़तोड़ निवेश करना पड़ता है. लेकिन ऐसा करना कोई सही रणनीति नहीं है.

टैक्स सेविंग इनवेस्टमेंट का सबसे बेहतर तरीका तो यही है कि आप नए वित्त वर्ष की शुरुआत से ही प्लानिंग करके थोड़ी-थोड़ी रकम सही स्कीम में निवेश करते रहें. टैक्स सेविंग के इस प्लान के तहत आप अपने पोर्टफोलियो में पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग स्कीम्स को भी जगह दे सकते हैं. ये स्कीम सरकार के समर्थन की वजह से पूरी तरह सुरक्षित हैं और उन पर रिटर्न भी अच्छा मिलता है. हालांकि पोस्ट ऑफिस की सभी योजनाओं पर 80C का लाभ नहीं मिलता. हम यहां उन स्कीम के बारे में बता रहे हैं, जिनमें पैसे लगाने पर ये बेनिफिट मिल सकता है.

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पब्लिक प्रॉविडेंट फंड

पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (Public Provident Fund) में इनवेस्ट करने पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स में छूट मिलती है. यह छूट एक वित्त वर्ष के दौरान 1.5 लाख रुपये तक के इनवेस्टमेंट पर दी जाती है. पीपीएफ (PPF) खाते में जमा रकम पर अभी सालाना 7.1 प्रतिशत के हिसाब से इंटरेस्ट मिल रहा है. पीपीएफ खाते में जमा होने वाले इंटरेस्ट का पेमेंट खाते की मैच्योरिटी के समय होता है. पीपीएफ खाते का लॉक इन पीरियड 15 साल है और मैच्योरिटी पर मिलने वाला पूरा अमाउंट पूरी तरह टैक्स-फ्री होता है. पब्लिक प्रॉविडेंट फंड ऐसी चुनिंदा स्कीम में शामिल है, जिन पर ‘ट्रिपल ई’ (Exempt-Exempt-Exempt) बेनिफिट मिलता है. यानी इसमें निवेश पर टैक्स बेनिफिट मिलने के साथ ही साथ उस पर मिलने वाला रिटर्न और मैच्योरिटी अमाउंट भी टैक्स फ्री हैं.

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सुकन्या समृद्धि योजना 

सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) खास तौर पर बेटियों के लिए लाई गई स्कीम है, जिसके तहत 10 साल से कम उम्र की बच्चियों के नाम से अकाउंट खोला जाता है. इस पर अभी सालाना 8.2 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है, जो स्मॉल सेविंग स्कीम में सबसे ज्यादा है. इस योजना में हर साल कम से कम 250 रुपये और ज्यादा से ज्यादा 1.5 लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं. इंटरेस्ट का पेमेंट मैच्योरिटी के समय होता है. बच्ची की उम्र 18 साल होने के बाद वह अपने सुकन्या समृद्धि योजना के अकाउंट को खुद संचालित कर सकती है. SSY खाता, अकाउंट ओपनिंग के 21 साल बाद या बेटी की उम्र 18 साल होने के बाद उसकी शादी होने पर मैच्योर होता है. इस स्कीम में भी EEE टैक्स बेनिफिट मिलता है. यानी सेक्शन 80C के तहत साल में अधिकतम 1.5 लाख रुपये के डिपॉजिट पर टैक्स छूट मिलती है और खाते में जमा होने वाला इंटरेस्ट और मैच्योरिटी अमाउंट भी टैक्स फ्री होता है.

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सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम 

साठ साल या उससे ज्यादा उम्र के लोग सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) में निवेश कर सकते हैं. इनके अलावा 50 से 60 साल की उम्र के बीच के रिटायर्ड डिफेंस कर्मचारी भी इस स्कीम का लाभ ले सकते हैं. वहीं, उन रिटायर्ड सिविलियन यानी गैर-सैनिक कर्मचारियों को भी इस स्कीम के तहत खाता खोलने की इजाजत है, जिनकी उम्र 55 साल से 60 साल के बीच है. इन दोनों ही कैटेगरी के कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट बेनिफिट मिलने के 1 महीने के भीतर SCSS में निवेश करना जरूरी है. इस योजना में मिनिमम 1000 रुपये और मैक्सिमम 30 लाख रुपये डिपॉजिट किए जा सकते हैं. मैच्योरिटी 5 साल है, लेकिन मैच्योरिटी के 1 साल के भीतर इस खाते को और 3 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है. ऐसे अकाउंट पर एक्सटेंशन के बाद भी उसी रेट से इंटरेस्ट मिलेगा, जो मैच्योरिटी के वक्त लागू था. इस स्कीम में किए गए निवेश पर इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 80C के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है. लेकिन एक वित्त वर्ष के दौरान इंटरेस्ट इनकम 50,000 रुपये से ज्यादा हो जाए, तो उस पर टैक्स लगेगा.

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पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट 

पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट (TD) को पोस्ट ऑफिस नेशनल सेविंग्स टाइम  डिपॉजिट अकाउंट भी कहते हैं. इस अकाउंट में 1 साल, 2 साल, 3 साल या 5 साल के लिए इनवेस्ट किया जा सकता है. इस स्कीम पर मिलने वाले इंटरेस्ट को सरकार हर 3 महीने में रिव्यू करती है. अभी 1 साल के डिपॉजिट पर 6.9 प्रतिशत, 2 साल पर 7.0 फीसदी, 3 साल पर 7.1 प्रतिशत और 5 साल के टाइम डिपॉजिट पर 7.5 फीसदी इंटरेस्ट मिल रहा है. मिनिमम इनवेस्टमेंट 1000 रुपये है, जबकि मैक्सिमम निवेश की कोई लिमिट फिक्स नहीं है. इंटरेस्ट पेमेंट हर साल के अंत में किया जाता है. ब्याज की रकम को ड्यू डेट के बाद TD अकाउंट से नहीं निकालने पर कोई एक्स्ट्रा इंटरेस्ट नहीं मिलता. इनवेस्टर चाहें तो ब्याज को सीधे अपने सेविंग अकाउंट में जमा करने के लिए रिक्वेस्ट दे सकते हैं. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत साल में 1.5 लाख रुपये तक के डिपॉजिट पर टैक्स बेनिफिट सिर्फ 5 साल के TD पर ही मिलता है. हालांकि इंटरेस्ट इनकम पर नियमों के मुताबिक इनकम टैक्स देना पड़ता है.

नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट 

नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) या राष्ट्रीय बचत पत्र में मिनिमम 1000 रुपये जमा किए जा सकते हैं. मैक्सिमम इनवेस्टमेंट की कोई लिमिट नहीं है. NSC पर अभी सालाना 7.7 प्रतिशत का दर से ब्याज मिल रहा है. मैच्योरिटी पीरियड 5 साल है और इंटरेस्ट पेमेंट मैच्योरिटी के समय ही किया जाता है. एक वित्त वर्ष के दौरान अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक के इनवेस्टमेंट पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है. एनएससी का इस्तेमाल बैंकों या हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों से कर्ज लेने के लिए सिक्योरिटी के रूप में किया जा सकता है. नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट पर मिलने वाला इंटरेस्ट टैक्स फ्री नहीं है. लिहाजा, मैच्योरिटी के समय मिलने वाली रकम में इंटरेस्ट वाले हिस्से पर टैक्स देनदारी बनती है.

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