NPS: टैक्स सेविंग में भी 'दिल मांगे मोर'? एनपीएस में हैं कई ऐसे लाभ, जिनसे पूरी होगी ये ख्वाहिश
Maximise your tax savings with NPS : ये दिल मांगे मोर, सिर्फ एक विज्ञापन की बेहद पॉपुलर लाइन ही नहीं है. ये लाइन बताती है कि अगर बात फायदे की हो, तो थोड़ा ज्यादा पाने की ख्वाहिश सबके मन में होती है. और अगर कुछ 'एक्स्ट्रा' का यही ऑफर टैक्स की बचत के मामले में भी मिल जाए, तो फिर बात ही क्या है! आज हम बताने जा रहे हैं कि आपको यह ऑफर कैसे मिल सकता है. वो भी एक ऐसी स्कीम में निवेश करके जो आपको मार्केट लिंक्ड होने के कारण ऊंचे रिटर्न देने की क्षमता भी रखती है. इस स्कीम का नाम है नेशनल पेंशन सिस्टम यानी एनपीएस.
1.5 लाख रुपये की लिमिट के बाद भी निवेश पर छूट
अगर आप हर साल टैक्स बचाने के लिए निवेश करते हैं, तो आयकर कानून के सेक्शन 80C के बारे में जरूर जानते होंगे. इस सेक्शन के तहत साल में अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स डिडक्शन मिलता है. लेकिन 1.5 लाख रुपये की इस लिमिट में होम लोन का प्रिंसिपल री-पेमेंट, बच्चों के स्कूल की फीस और सैलरीड कर्मचारियों के वेतन से कटने वाले ईपीएफ की रकम तक, तमाम चीजें शामिल होती हैं. जाहिर है, बहुत सारे कर्मचारियों के लिए 1.5 लाख रुपये के निवेश की यह लिमिट बहुत जल्द खत्म हो जाती है. एनपीएस एक ऐसी स्कीम है, जिसमें 1.5 लाख रुपये की लिमिट खत्म होने के बाद 50 हजार रुपये के अतिरिक्त निवेश पर भी टैक्स छूट मिलती है. इस एक्ट्रा छूट की बदौलत आप एनपीएस में हर साल कुल 2 लाख रुपये तक का निवेश करके अपनी टैक्स की बचत में इजाफा कर सकते हैं.
एनपीएस में निवेश से कितना बचेगा टैक्स
- एनपीएस में एक वित्त वर्ष के दौरान 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80CCD (1) के तहत टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलता है.
- इस निवेश पर आप हर साल अपनी टैक्स देनदारी 46,800 रुपये तक कम कर सकते हैं.
- 1.5 लाख रुपये की लिमिट खत्म होने के बाद भी आप एनपीएस में हर साल 50 हजार रुपये तक के अतिरिक्त निवेश पर सेक्शन 80CCD (1B) के तहत टैक्स डिडक्शन का लाभ ले सकते हैं.
- इस निवेश से आपकी सालाना टैक्स देनदारी 15,600 रुपये तक और कम हो सकती है.
- इस तरह सेक्शन 80CCD (1) और सेक्शन 80CCD (1B), दोनों के तहत मिलने वाली टैक्स छूट मिलाकर आप हर साल अपनी टैक्स देनदारी कुल 62,400 रुपये तक घटा सकते हैं.
एंप्लॉयर कंट्रीब्यूशन पर टैक्स में और ‘एक्स्ट्रा’ छूट
एनपीएस में निवेश पर आपको ऊपर बताए फायदों के अलावा कुछ और 'एक्सट्रा' टैक्स बेनिफिट भी मिल सकता है, जिसका रास्ता थोड़ा अलग है. ये फायदा इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80CCD (2) के तहत मिलता है. लेकिन इसके लिए आपके एंप्लॉयर को आपके एनपीएस अकाउंट में कंट्रीब्यूशन करना होगा. अगर आपके एंप्लॉयर आपकी सैलरी में एडजस्टमेंट करके एनपीएस खाते में कंट्रीब्यूशन करने के लिए तैयार हो जाते हैं, तो आप अपनी टैक्स देनदारी और घटा सकते हैं. अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं, तो आपके एनपीएस खाते में वेतन (बेसिक + महंगाई भत्ता) के 14% के बराबर कंट्रीब्यूशन पर टैक्स डिडक्शन का लाभ मिल सकता है. प्राइवेट कर्मचारियों को टैक्स डिडक्शन का यह लाभ उनके वेतन (बेसिक + महंगाई भत्ता) के 10% के बराबर कंट्रीब्यूशन पर मिलता है. इस नियम के तहत आपकी टैक्स की बचत कितनी होगी, यह आपकी सैलरी और टैक्स स्लैब पर निर्भर है. लेकिन इतना तो तय है कि अगर आप ऊंचे टैक्स स्लैब में आते हैं, तो यह नियम आपका काफी फायदा करा सकता है.
सिर्फ टियर 1 अकाउंट पर मिलता है टैक्स बेनिफिट
ऊपर बताए गए सभी टैक्स बेनिफिट एनपीएस के टियर 1 अकाउंट में निवेश करने पर ही मिलते हैं. दरअसल एनपीएस में दो तरह के अकाउंट खोले जा सकते हैं, टियर-1 और टियर-2. एनपीएस के किसी भी सब्सक्राइबर के लिए सबसे पहले एक टियर-1 अकाउंट खोलना जरूरी है, जिस पर तमाम टैक्स बेनिफिट मिलते हैं. इसके बाद अगर आप चाहें, तो टियर-2 अकाउंट भी खोल सकते हैं, लेकिन उसमें किए गए निवेश पर टैक्स बेनिफिट नहीं मिलता है. साथ ही उसमें जमा पैसों की निकासी के लिए कोई नियम-शर्तें या लॉक-इन पीरियड भी लागू नहीं हैं. जबकि टैक्स बेनिफिट वाले टियर-1 खाते में जमा रकम की निकासी के लिए लॉक-इन पीरियड और कुछ शर्तें लागू होती हैं.
एनपीएस टियर 1 खाते की मेच्योरिटी
एनपीएस का टियर-1 अकाउंट एक रिटायरमेंट सेविंग्स प्लान है. इसलिए इसका मेच्योरिटी पीरियड सब्सक्राइबर की उम्र 60 साल होने तक है. मैच्योरिटी के समय अगर आपके खाते में जमा रकम 5 लाख रुपये या उससे कम है, तो आप पूरी रकम एकमुश्त निकाल सकते हैं. लेकिन अगर खाते में 5 लाख रुपये से अधिक जमा हैं, तो उसकी सिर्फ 60 फीसदी रकम ही एकमुश्त निकाली जा सकते हैं. बाकी 40 फीसदी रकम का इस्तेमाल एन्युइटी यानी पेंशन लेने के लिए करना जरूरी है. यह पूरी रकम टैक्स फ्री होती है. लेकिन एन्युइटी के तौर पर आपको मिलने वाली पेंशन स्लैब के हिसाब से टैक्सेबल होती है.
एनपीएस के टियर 1 खाते से आंशिक निकासी
- एनपीएस के टियर 1 खाते में कर्मचारी द्वारा जमा की गई रकम पर 3 साल बाद कुछ खास परिस्थितियों में 25 फीसदी तक आंशिक निकासी (Partial Withdrawal) की छूट होती है.
- जिन कामों के लिए आंशिक निकासी की सुविधा है, उनमें बच्चों की पढ़ाई, शादी, गंभीर बीमारी का इलाज, अपना बिजनेस स्थापित करने जैसे कारण शामिल हैं.
- एंप्लॉयर की तरफ से जमा की रकम पर प्री-मेच्योर निकासी की छूट नहीं होती है.
- 5 साल बाद एनपीएस टियर -1 खाते से प्री-मेच्योर एग्जिट की छूट है.
- अगर खाते में 2.5 लाख रुपये से ज्यादा रकम जमा है, तो सिर्फ 20 फीसदी रकम ही एकमुश्त निकाली जा सकती है.
- बाकी 80 फीसदी रकम से एन्युइटी खरीदना जरूरी है.
- जमा रकम 2.5 लाख रुपये से कम होने पर पूरे पैसे निकालने की छूट है.