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7th Pay Commission: यहां सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ी, सरकारी कर्मियों के वेतन में 23.39% इजाफा

7th Pay Commission: बढ़े हुए वेतनमान के साथ नया वेतन एक जनवरी 2022 से लागू किया जाएगा। वेतन संशोधन से सरकार पर प्रति वर्ष 10,247 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा।
Written by: भाषा
Updated: January 08, 2022 07:58 IST
7th pay commission  यहां सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ी  सरकारी कर्मियों के वेतन में 23 39  इजाफा
तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फोटोः Pixabay)
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आंध्र प्रदेश सरकार ने शुक्रवार (सात जनवरी, 2022) को अपने कर्मचारियों के वेतन में 23.29 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की। साथ ही कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु को 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष कर दिया।

मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने लगातार दूसरे दिन विभिन्न कर्मचारी संघों के नेताओं के साथ बातचीत की, जिसमें उन्होंने वेतन संशोधन और अन्य पहलों का ऐलान किया। साथ ही, मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों के अन्य लंबित मुद्दों का इस साल 30 जून तक समाधान करने के लिए समय सीमा निर्धारित की।

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जगन ने कर्मचारी संघों को बताया कि वेतन संशोधन एक जुलाई 2018 से प्रभावी होगा, जबकि मौद्रिक लाभों का भुगतान एक अप्रैल 2020 से किया जाएगा। बढ़े हुए वेतनमान के साथ नया वेतन एक जनवरी 2022 से लागू किया जाएगा। वेतन संशोधन से सरकार पर प्रति वर्ष 10,247 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा।

सीएम ने कर्मचारी संघों से कहा कि बकाया डीए का भुगतान जनवरी के वेतन के साथ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही भविष्य निधि, बीमा, अवकाश नकदीकरण और अन्य लंबित भुगतानों को अप्रैल तक पूरी तरह से मंजूरी दे दी जाएगी। अंशदायी पेंशन योजना पर मुख्यमंत्री ने कहा कि एक कैबिनेट उप-समिति इस पर विचार कर रही है और 30 जून तक अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

वेतन की मांग पर विरोध प्रदर्शनः इस बीच, दिल्ली में सरकार समर्थित कॉलेजों को लेकर विवाद एक बार फिर से भड़क गया है। ऐसा इसलिए, क्योंकि शिक्षकों ने पूर्ण अनुदान जारी न करने के लिए शहर की सरकार की खिंचाई की। दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) सदस्यों ने शुक्रवार को ‘जन सुनवाई’ और प्रदर्शन का आयोजन किया जिस दौरान पूर्णत: सरकार समर्थित 12 कॉलेजों के शिक्षकों ने अपनी चिंताएं साझा कीं और अन्य लोगों ने भी सरकार पर सवाल उठाए।

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आम आदमी पार्टी (आप) विधायक आतिशी ने पूर्व में एक बयान में कहा था कि सरकार ने समय से पहले ही राशि जारी कर दी थी लेकिन कॉलेजों पर वित्तीय कुप्रबंधन का आरोप लगाया। दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज के प्रधानाचार्य हेमचंद जैन ने कहा, “वेतन और रखरखाव कार्य के भुगतान के लिये हमारे कॉलेज को 37 करोड़ रुपये की जरूरत है। लेकिन हमें 22 करोड़ रुपये का अनुदान मिला। हमें सातवें वेतन आयोग के तहत बकाये का भुगतान भी करना था लेकिन सरकार ने पैसे देने से मना कर दिया।” उन्होंने आतिशी पर पलटवार करते हुए कहा, “…ये झूठे आरोप हैं।”

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