Paris Olympics: मुझे तेरी मां के हाथ का चूरमा खाना है, नीरज चोपड़ा से बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत में ओलंपिक में ट्रैक एंड फील्ड स्पर्धा में भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक जीतने वाले नीरज चोपड़ा ऑनलाइन जुड़े।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 जुलाई 2024 को पेरिस ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले भारतीय खिलाड़ियों से ऑफलाइन और ऑनलाइन बातचीत की।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 जुलाई 2024 को पेरिस ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेने वाले भारतीय खिलाड़ियों से ऑफलाइन और ऑनलाइन बातचीत की और उनकी हौसलाअफजाई की। प्रधानमंत्री के साथ बातचीत में ओलंपिक में ट्रैक एंड फील्ड स्पर्धा में भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक जीतने वाले नीरज चोपड़ा, विश्व चैंपियन बॉक्सर निखत जरीन, ओलंपिक में बैडमिंटन में पहला रजत पदक जीतने वाली भारतीय पीवी सिंधू और ओलंपिक पदक विजेता महिला मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन ऑनलाइन जुड़े। इस दौरान प्रधानमंत्री ने नीरज चोपड़ा से कहा कि वह उनकी मां के हाथ का चूरमा खाना चाहते हैं।
ये है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीरज चोपड़ा के बीच हुई ऑनलाइन बातचीत की डिटेल्स
- नीरज चोपड़ा: नमस्ते सर।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: नमस्ते भईया।
- नीरज चोपड़ा: कैसे हो सर?
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: मैं वैसा ही हूं। (पूरा हॉल ठहाकों से गूंज उठता है) तेरा चूरमा अभी तक आया नहीं।
यह कहकर प्रधानमंत्री भी हंसने लगते हैं। - नीरज चोपड़ा: चूरमा इस बार लेकर आएंगे सर। पिछली बार दिल्ली में वह चीनी वाला चूरमा था। अब आपको हरियाणा का…।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: भई, मुझे तेरी मां के हाथ का चूरमा खाना है।
- नीरज चोपड़ा: पक्का सर।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: हूं, बताइए।
- नीरज चोपड़ा: सर मैं जर्मनी में हूं। मेरी ट्रेनिंग बहुत अच्छी चल रही है। मैं काफी कम प्रतियोगिताएं खेल रहा हूं, क्योंकि बीच-बीच में मुझे एक इंजरी हो रही है पर अभी काफी बेहतर है। अभी कुछ दिन मैं फिनलैंड में एक कम्पीटिशन खेला था और वह काफी अच्छा रहा और अभी एक महीना है हमारे पास ओलंपिक के लिए और ट्रेनिंग बहुत बढ़िया चल रही है। कोशिश कर रहे हैं कि अपने आप को पूरा फिट करके जाएं पेरिस में और 100% दें सर अपने कंट्री के लिए, क्योंकि चार साल में आता है। मैं सभी एथलीट्स को यह बोलना चाहूंगा कि चार साल में मौका मिलता है और अपने अंदर घुसकर उस चीज को निकालने की कोशिश करें कि क्या वह चीज है कि जिससे हम अपना बेस्ट दे सकते हैं। टोक्यो मेरा पहला ओलंपिक था और पहले ओलंपिक में ही बहुत ही अच्छा रिजल्ट रहा और देश के लिए गोल्ड जीता। इसका रीजन मैं यह मानता हूं कि मन में डर नहीं था। निडर होकर खेला और बहुत ही बिलीव (विश्वास) था खुद पर कि ट्रेनिंग बहुत अच्छी हुई है। मैं वैसे भी एथलीट्स को बोलूंगा कि निडर होकर खेलें। किसी से डरने और घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि वे (प्रतिद्वंद्वी एथलीट्स) भी इंसान हैं। कई बार हमको लगता है कि यूरोपियन ज्यादा स्ट्रॉन्ग हैं या यूएस (अमेरिका) या फिर दूसरी कंट्रीज के एथलीट ज्यादा स्ट्रॉन्ग हैं, लेकिन वही है कि अगर हम कुछ को पहचान लें कि हां हम इतनी मेहनत कर रहे हैं, अपने घर-बार को छोड़कर इतनी दूर हैं तो कुछ भी पॉसिबिल है जी।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: चलिए बहुत बढ़िया टिप दी है सबको। मैं आपका धन्यवाद करता हूं और आपको शुभकामनाएं देता हूं कि आपका स्वास्थ्य अच्छा रहे। एक महीने में कोई नई इंजरी न हो भाई।
- नीरज चोपड़ा: बिल्कुल सर वही कोशिश कर रहा हूं।
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