मंडी लोकसभा चुनाव: 'रिवॉल्वर रानी' और 'राइफल मैन' के बीच लड़ाई का मंच तैयार, क्या राजकुमार को मात दे पाएंगी क्वीन; जानें क्या है ग्राउंड रिपोर्ट
मंडी लोकसभा क्षेत्र में रिवॉलवर रानी और राइफल मैन के बीच लड़ाई का मंच तैयार है। जी हां भाजपा प्रत्याशी कंगना रणौतके मुकाबले कांग्रेस ने इस सीट से छह बार के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और प्रतिभा सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह को टिकट दिया है। इसके बाद यहां मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है।
रिवॉलवर रानी बनाम राइफल मैन
यह मुकाबला रिवॉलवर रानी बनाम राइफल मैन का बन गया है। कंगना रणौत ने साल 2014 में फिल्म की थी जिसका नाम रिवॉलवर रानी था। इस फिल्म में उनके साथ एक्टर वीरदास नजर आए थे। यह फिल्म भी राजनीति की पृष्ठभूमि पर आधारित थी। वहीं दूसरी ओर विक्रमादित्य का भी राइफल से पुराना नाता है।
साल 2014 में रिलीज हुई फिल्म रिवॉल्वर रानी की एक्ट्रेस कंगना आर-पार की लड़ाई के मूड में है। वहीं शिमला के राजकुमार ने जय श्री राम के नारे के साथ प्रचार की शुरुआत की है।
विक्रमादित्य सिंह ने दिया था बयान
विक्रमादित्य सिंह को टिकट मिलने से पहले कंगना और उनके बीच जुबानी हमले शुरू हो गए थे। विक्रमादित्य सिंह ने सोमवार को कहा था कि कंगना 'विवादों की रानी' हैं और वह चुनाव नहीं जीत पाएंगी। विक्रमादित्य सिंह ने कहा था, 'मैं भगवान राम से प्रार्थना करता हूं कि वह उन्हें बुद्धि दें और आशा करता हूं कि वह देवभूमि हिमाचल से शुद्ध होकर बॉलीवुड वापस जाएंगी। वह चुनाव नहीं जीत पाएंगी, क्योंकि वह (कंगना) हिमाचल के लोगों के बारे में कुछ नहीं जानती हैं।'
कंगना ने मनाली विधानसभा क्षेत्र में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, 'ये तुम्हारे बाप-दादा की रियासत नहीं है कि तुम मुझे डरा-धमकाकर वापस भेज दोगे। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नया भारत है, जहां चाय बेचने वाला एक छोटा, गरीब लड़का लोगों का सबसे बड़ा नायक और प्रधान सेवक है।'
मंडी सीट पर रहा है राजवंशी परिवार का दबदबा
विक्रमदित्य सिंह ने शिमला के बिशप कॉटन स्कूल से पढ़े हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से ग्रैजुएशन की है। वह राइफल और ट्रैप शूटर भी हैं। उन्होंने नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया है।
विक्रमादित्य सिंह छह बार के मुख्यमंत्री विभद्र सिंह के बेटे हैं। उनकी मां प्रतिभा सिंह इस समय मंडी से सांसद हैं। मंडी की सीट पर अब तक 19 चुनाव हुए हैं जिसमें से 13 बार राजवंशी परिवार जीता है। विक्रमादित्य सिंह शिमला ग्रामीण से दो बार विधायक रहे हैं। वह सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर थे लेकिन बाद में इस्तीफा दे दिया था। पार्टी के कहने पर वह पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर बने।
कौन है कंगना के साथ?
कंगना के लिए अच्छी बात यह है कि हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सीनियर बीजेपी लीडर राम ठाकुर उनके पक्ष में हैं। राम ठाकुर के रहते हुए उनकी पार्टी ने विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र की सभी नौट सीटें जीती थी। वहीं बीजेपी लीडर खुशाल ठाकुर भी रणौत के समर्थन में हैं। खुशाल को साल 2021 में लोकसभा के उपचुनावों में विक्रमादित्य की मां प्रतिभा सिंह के खिलाफ हार मिली थी। कंगना को टिकट देने से नाराज होने वाले बीजेपी नेता कुल्लु माहेश्वर सिंह भी अब उनके पक्ष में हैं।
1952 से अब तक इस सीट पर कपूरथाला डायनेस्टी की राजकुमारी अमृत कौर और राजा जोगिंदर सेन बहादुर एकृएक बार जीते हैं। राजा ललित सिंह दो बार, वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह तीन-तीन बार और माहेश्वर सिंह तीन बार सांसद रहे हैं। इनके अलावा केवल पूर्व यूनियन मंत्री सुख राम, राम स्वरूप और गंगा सिंह ऐसे सांसद थे जो कि राजवंशी परिवार से ताल्लुक नहीं रखते थे।