Hathras Stampede: अधिकारी भी पौने तीन घंटे बाद मौके पर पहुंचे, सुनिए Hathras पीड़ितों की आपबीती...
Hathras Stampede: पचास हजार से अधिक की भीड़ जुटी थी। इतने बड़े आयोजन के लिए महज 40 पुलिस कर्मी लगाए गए। दो एंबुलेंस ही यहां तैनात की गईं। फायर ब्रिगेड का कोई दस्ता तो यहां था ही नहीं। इतना ही नहीं अधिकारी भी पौने तीन घंटे बाद मौके पर पहुंचे हैं। वह भी तब जब लखनऊ से हल्ला मचा। अगर प्रशासन ने पहले ही इस आयोजन को लेकर मुकम्मल इंतजाम किए होते तो यकीन मानिए इतनी जनहानि कतई न होती। यहां तो कदम कदम पर लापरवाही देखने को मिली। इस हादसे ने पुलिस, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की कलई खोल कर रख दी है। इस हादसे के दौरान प्रशासनिक तंत्र पूरी तरह से लाचार दिखा।
Written by: Oohini Mukhopadhyay
Updated: July 03, 2024 13:47 IST
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Hathras Stampede: पचास हजार से अधिक की भीड़ जुटी थी। इतने बड़े आयोजन के लिए महज 40 पुलिस कर्मी लगाए गए। दो एंबुलेंस ही यहां तैनात की गईं। फायर ब्रिगेड का कोई दस्ता तो यहां था ही नहीं। इतना ही नहीं अधिकारी भी पौने तीन घंटे बाद मौके पर पहुंचे हैं। वह भी तब जब लखनऊ से हल्ला मचा। अगर प्रशासन ने पहले ही इस आयोजन को लेकर मुकम्मल इंतजाम किए होते तो यकीन मानिए इतनी जनहानि कतई न होती। यहां तो कदम कदम पर लापरवाही देखने को मिली। इस हादसे ने पुलिस, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की कलई खोल कर रख दी है। इस हादसे के दौरान प्रशासनिक तंत्र पूरी तरह से लाचार दिखा।
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