scorecardresearch
For the best experience, open
https://m.jansatta.com
on your mobile browser.

बंगाल के राज्यपाल पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, जानिए याचिका में क्या कहा

Bengal Governor C V Ananda Bose: याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि अनुच्छेद 361 के तहत दी गई छूट का उपयोग राज्यपाल के कार्यालय द्वारा किस हद तक किया जा सकता है। इसके लिए दिशा-निर्देश और योग्यताएं तय की जाएं।
Written by: न्यूज डेस्क
कोलकाता | Updated: July 04, 2024 09:00 IST
बंगाल के राज्यपाल पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा  जानिए याचिका में क्या कहा
Bengal Governor C V Ananda Bose: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस। (फाइल)
Advertisement

Bengal Governor C V Ananda Bose: पश्चिम बंगाल राजभवन की एक संविदा महिला कर्मचारी ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। महिला ने अब इस मामले की जांच के लिए पुलिस को निर्देश देने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। याचिकाकर्ता ने कहा कि राज्यपाल को संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत दी गई व्यापक छूट के कारण उनके पास कोई उपाय नहीं है। संविधान के अनुच्छेद 361 के अनुसार, राज्यपाल के कार्यकाल के दौरान उनके खिलाफ कोर्ट में आपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती।

Advertisement

याचिका में कहा गया है, "इस कोर्ट को यह तय करना है कि क्या याचिकाकर्ता जैसी पीड़िता को राहत नहीं दी जा सकती है, जबकि एकमात्र विकल्प आरोपी के पद छोड़ने का इंतजार करना है, जो देरी तब मुकदमे के दौरान समझ से परे होगी और पूरी प्रक्रिया महज दिखावा बनकर रह जाएगी, जिससे पीड़िता को कोई न्याय नहीं मिलेगा।"

Advertisement

याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि अनुच्छेद 361 के तहत दी गई छूट का उपयोग राज्यपाल के कार्यालय द्वारा किस हद तक किया जा सकता है। इसके लिए दिशा-निर्देश और योग्यताएं तय की जाएं।

बता दें, महिला ने कोलकाता पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। महिला ने पुलिस महानिदेशक के माध्यम से पश्चिम बंगाल राज्य से उसे सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश देने की भी मांग की। याचिकाकर्ता ने राज्यपाल पर उसकी पहचान उजागर करने का आरोप लगाया और सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि वह राज्य सरकार को निर्देश दे कि वह उसके और उसके परिवार की “प्रतिष्ठा और सम्मान की हानि” के लिए मुआवजा दे।

Advertisement

अपनी याचिका में महिला ने तर्क दिया कि अनुच्छेद 361 के तहत उन्मुक्ति प्रदान करने के पीछे उद्देश्य राज्य के प्रमुख को उनके कार्यकाल के दौरान किए गए किसी भी अपराध में शामिल होने के दुर्भावनापूर्ण प्रचार के किसी भी संभावित जोखिम से बचाना है।

Advertisement

Advertisement
Tags :
Advertisement
Jansatta.com पर पढ़े ताज़ा एजुकेशन समाचार (Education News), लेटेस्ट हिंदी समाचार (Hindi News), बॉलीवुड, खेल, क्रिकेट, राजनीति, धर्म और शिक्षा से जुड़ी हर ख़बर। समय पर अपडेट और हिंदी ब्रेकिंग न्यूज़ के लिए जनसत्ता की हिंदी समाचार ऐप डाउनलोड करके अपने समाचार अनुभव को बेहतर बनाएं ।
×
tlbr_img1 Shorts tlbr_img2 खेल tlbr_img3 LIVE TV tlbr_img4 फ़ोटो tlbr_img5 वीडियो