क्या है इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम? 1 जुलाई से इस एक्सप्रेस-वे पर होगा लागू, वाहन चालक इन बातों का रखें ध्यान
Intelligent Traffic Management System: 1 जुलाई से पूरे बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे नेटवर्क को इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से लैस कर दिया जाएगा। ट्रैफिक पुलिस के एडीजीपी आलोक कुमार ने बताया कि मैसूर शहर और जिलों को आईटीएमस में शामिल किया जाएगा।
साल 2022 में बेंगलुरु में शुरू किए गए ITMS में शहर के 50 जंक्शनों पर 250 ऑटोमेटिक नंबर प्लेट कैमरे लगाए गए हैं। रेड लाइट के नियमों का पालन नहीं करने वालों के लिए 80 कैमरे लगाए गए हैं। मैसूरु तक एक्सटेंशन की लागत करीब 8.5 करोड़ है। इसमें से मैसूरु शहर के लिए 4 करोड़ और जिले के लिए 4.5 करोड़ रुपये शामिल हैं। अब सीधे शब्दों में बताए तो ITMS के तहत CCTV समेत हाई डेफिनिशन कैमरा के जरिए मॉनिटरिंग होती है तो रेड लाइट पर रेड/ग्रीन लाइट की टाइमिंग ऑटोमैटिक तरीके से अपने आप ही सेट हो जाती है।
इतना ही नहीं, रेड लाइट वायलेशन डिटेक्शन कैमरा के जरिए कमांड कंट्रोल रूम (command control room) में बैठकर ट्रैफिक पुलिस उन गाड़ी चलाने वालों पर भी नजरें रख सकती है जो रेड लाइट जंप करते हैं। ये कैमरा ऐसे लोगों की इमेज कैप्चर करने के साथ ही वाहन के नंबर के आधार पर खुद ही चालान काट देता है।
इन रास्तों पर भी लगाए जाएंगे आईटीएमस कैमरे
ट्रैफिक के मामलों में यह रूल 1 जुलाई से लागू होगा। इसमें मैसूर जिले के हुनसूर, एचडी कोटे, नंजनगुड और टी नरसीपुरा जैसे क्षेत्रों को कवर करने वाले एएनपीआर कैमरे शामिल होंगे। आगे के प्रोजेक्ट्स में बेंगलुरु को आस-पास के तालुकों और जिलों से जोड़ने वाले हाईवे पर आईटीएमस कैमरे लगाना शामिल है। इसमें तुमकुरु रोड, कनकपुरा रोड से कोलेगल तक और होसुर रोड शामिल है। इसके अलावा इन रास्तों पर मैसेजिंग साइन और रियल टाइम ट्रैफिक अपडेट्स भी लगाए जाएंगे।
इस पहल में ज्यादा कैमरे और वीएमएस बोर्ड के जरिये बेंगलुरु-मैसूरु हाईवे पर क्षमताओं को बढ़ाना है। एडीजीपी ने कहा कि राज्य सड़क परिवहन प्राधिकरण से मंजूरी मिल चुकी है और जल्द ही टेंडर जारी होने के आसार हैं। बेंगलुरू को छोड़कर कर्नाटक में सड़क सुरक्षा में और सुधार के लिए साइनबोर्ड, ब्लिंकर, नशे में गाड़ी चलाने वालों की जांच के लिए 800 एल्कोमीटर और 155 लेजर स्पीड गन लगाना शामिल है।