Enemy Agents Act: एनिमी एजेंट्स एक्ट क्या है? कश्मीर में आतंकियों पर लगाम लगाने के लिए क्यों माना जा रहा गेमचेंजर
जम्मू-कश्मीर में हाल में हुई आतंकी घटनाओं को देखते हुए सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। जम्मू-कश्मीर के डीजीपी आरआर स्वैन ने बताया कि आतंकियों की मदद करने वालों खिलाफ एनिमी एजेंट्स एक्ट (Enemy Agents Act) के तहत एक्शन लिया जा सकता है। पिछले दिनों कठुआ, डोडा और रियासी सेक्टर में हुई आतंकी घटनाओं में जानकारी सामने आई थी कि कुछ स्थानीय लोगों ने आतंकियों की मदद की थी। इसके बाद पुलिस ने अब बड़ी तैयारी की है।
क्या है एनिमी एजेंट एक्ट?
एनिमी एजेंट एक्ट को UAPA से भी कठोर माना जाता है। इस कानून में न्यूनतम सजा आजीवन कारावास या मृत्युदंड है। डीजीपी आरआर स्वैन के मुताबिक अधिनियम में आतंकवादियों के सहयोगी को दुश्मन, जो बाहर से आते हैं, के एजेंट के रूप में कार्य करने का जिक्र किया गया है। स्वैन का साफ कहना है कि आतंकवादियों को तो मुठभेड़ में मारा ही जाएगा जबकि उनकी मदद करने वालों के खिलाफ भी अब सख्त एक्शन की तैयारी है।
विशेष अदालतें स्थापित की जाएंगी
स्वैन ने कहा कि इस कानून के तहत गिरफ्तार किए गए लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए विशेष अदालतें स्थापित की जाएंगी। इस कानून से आतंकियों के मददगार का बचना नामुमकिन होगा। इन मुकदमों की सुनवाई जल्दी पूरी की जाएगी और आजीवन कारावास या मौत की सजा का प्रावधान होने से इसे काफी सख्त कानून माना जा रहा है। पुलिस ने कठुआ से अब तक 6 गिरफ्तारियां की हैं । वहीं रियासी आतंकी हमले के मामले में एक साजिशकर्ता को गिरफ्तार करके बड़ी सफलता हासिल की है।
9 जून को हुआ था हमला
बता दें कि 9 जून की शाम कटरा में माता वैष्णो देवी मंदिर में तीर्थयात्रियों को ले जा रही 53 सीटों वाली बस पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया था। ड्राइवर को गोली लगने के बाद बस खाई में जा गिरी। इस आतंकी हमले में 9 लोगों की मौत हो गई। जबकि 41 अन्य घायल हो गए थे। बस में यूपी के अलावा राजस्थान और दिल्ली के तीर्थयात्री सवार थे। इस मामले की जांच एनआईए को सौंपी गई है।