West Bengal Train Accident: एक साल पहले कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन हुई थी हादसे का शिकार, 296 लोगों की गई थी जान
West Bengal Kanchanjunga Express Train Accident: पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी के पास सोमवार सुबह कंचनगंगा एक्सप्रेस और मालगाड़ी में टक्कर हो गई। इस हादसे में कई लोगों की मौत हो गई। काफी लोग घायल हो गये हैं। हादसे ने ठीक एक साल पहले ओडिशा के बालासोर (Balasore) में हुए ट्रेन हादसे की याद ताजा कर दी। यह हादसा 2 जून 2023 को बालासोर के बहनागा बाज़ार रेलवे स्टेशन (Bahanaga Bazar Railway Station) पर शाम सात बजे हुआ था। इस हादसे में तीन ट्रेनें आपस में टकरा गई थीं। इस दुर्घटना में कुल 296 लोगों की मौत हुई और 1,200 से अधिक लोग घायल हो गये थे। 20 अगस्त 1995 को यूपी के फिरोजाबाद में रेल हादसे के बाद सबसे बड़ी दुर्घटना थी। फिरोजाबाद में रात पौने तीन बजे पुरुषोत्तम एक्सप्रेस और कालिंदी एक्सप्रेस के बीच हुई टक्कर में 358 लोगों की मौत हो गई थी और 393 लोग घायल हो गये थे।
ट्रेन के गलत लाइन पर स्विच करने से हुआ था हादसा
ओडिशा के बालासोर हादसे में कोरोमंडल एक्सप्रेस को पहले सीधे अप मेन लाइन पर जाना था, लेकिन गलती से इसे बगल की अप लूप लाइन पर स्विच कर दिया गया। इससे वह लौह अयस्क से लदी पहले से खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। कोरोमंडल एक्सप्रेस की स्पीड ज्यादा होने से इसके 21 डिब्बे मुख्य लाइन से पटरी से उतर गए। पटरी से उतरे इसके तीन डिब्बे बगल की पटरी पर जा गिरे और उसी समय स्टेशन पार कर रही 12864 एसएमवीटी बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस के पिछले हिस्से से टकरा गए।
हादसे में जनरल बोगी के यात्री ज्यादा शिकार बने थे
इससे एसएमवीटी बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस के दो अनारक्षित डिब्बे और ब्रेक वैन पटरी से उतर गए। ट्रेन के बाकी 20 डिब्बे सुरक्षित रहे। बाद में बालासोर में ट्रेन के 19 डिब्बे को अलग कर हावड़ा की ओर अपनी यात्रा पर रवाना कर दिया गया था। भारतीय रेलवे के प्रवक्ता के अनुसार, इस घटना में कोरोमंडल एक्सप्रेस के इंजन, पार्सल वैन और दो सामान्य डिब्बे सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए। मीडिया सूत्रों के मुताबिक, दोनों ट्रेनों में सबसे ज़्यादा क्षतिग्रस्त डिब्बे गैर-वातानुकूलित थे, जिनमें से कुछ अनारक्षित डिब्बे भी थे। इसमें अक्सर भारी भीड़भाड़ रहती है।
भारत में रेल हादसों में साल 2012 सबसे ज्यादा प्रभावित रहा। इस साल लगभग 14 रेल हादसे हुए था। इनमें ट्रेनों के डिब्बों के पटरी से उतरने और आमने-सामने टक्कर दोनों तरह के हादसे शामिल रहे हैं। इसके अलावा 30 जुलाई 2012 को दिल्ली से चेन्नई जाने वाली तमिलनाडु एक्सप्रेस के एक कोच में नेल्लोर के पास आग लग गई थी जिसमें 30 से ज़्यादा लोग मारे गए थे।
देश के इतिहास में 6 जून 1981 को बिहार में भीषण रेल हादसा हुआ था। इस घटना में तूफान के कारण ट्रेन नदी में जा गिरी थी। हादसे में 800 लोगों की मौत हो गई थी और 1000 से अधिक घायल हो गये थे।