मालगाड़ी ने सिग्नल तोड़ा? ड्राइवर की मौत; पार्सल वैन ने बचाया वरना हो सकता था कोरोमंडल एक्सप्रेस जैसा हादसा
पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी के पास कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन हादसे में बचाव अभियान पूरा हो गया है। रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष और सीईओ जया वर्मा सिन्हा ने मीडिया को बताया, "सिग्नल की अनदेखी करने वाले दोनों ड्राइवर (लोको पायलट) की मौत हो गई है और कंचनजंगा एक्सप्रेस के गार्ड की भी जान चली गई है। अगरतला-सियालदह मार्ग के सभी रेलवे स्टेशनों पर हेल्प डेस्क बनाए गए हैं।"
उन्होंने बताया, "दुर्घटना में 8 लोगों की मौत हुई है, 50 लोग घायल हुए हैं। प्रथम दृष्टया इसका कारण मानवीय भूल लग रहा है। शुरुआती संकेत बताते हैं कि यह सिग्नल की अनदेखी का मामला है। सुरक्षा कवच को पश्चिम बंगाल के लिए योजनाबद्ध तरीके से बढ़ाए जाने की जरूरत है।"
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सरकार के रवैये पर जताई नाराजगी
इस बीच कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने हादसे को लेकर सरकार के रवैये पर नाराजगी जताई है और सवाल पूछा है। उन्होंने कहा, ''ऐसी दिल दहला देने वाली घटनाएं लगातार हो रही हैं…लेकिन सरकार, मंत्रालय या मंत्री ने कुछ नहीं सीखा…अब जब मंत्री मौके पर जा रहे हैं तो वे क्या करेंगे, एक रील बनाएंगे और इसके लिए सराहना बटोरेंगे। हम उस पार्टी से हैं जब ऐसे रेल हादसों के बाद नेताओं ने इस्तीफे दे दिये थे…यह आपका कर्तव्य है कि आप घटनास्थल पर जाएं। ऐसी घटनाएं क्यों हो रही हैं।"
पश्चिम बंगाल ट्रेन दुर्घटना पर पूर्वी रेलवे के मुख्य पीआरओ कौशिक मित्रा का कहना है, "रेलवे पीआरओ के मुताबिक मरने वालों की संख्या 8 है। एक विशेष ट्रेन दोपहर 12 बजकर 40 मिनट पर दुर्घटना स्थल से सियालदह के लिए रवाना हुई। अधिकतर यात्री मालदा और बोलपुर के हैं। ज्यादातर यात्री सुरक्षित हैं।" घटनास्थल पर दार्जिलिंग के सांसद राजू बिस्ता भी गये और हादसे की जानकारी ली।
उधर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हादसे पर दुख जताते हुए पीड़ितों के लिए राहत राशि का ऐलान किया है है। उन्होंने कहा, "पीड़ितों को अतिरिक्त अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी। मृत्यु की स्थिति में 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों के लिए 2.5 लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों के लिए 50,000 रुपये। दिये जाएंगे।"